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24 घंटे में ट्रम्प के 16 ट्वीट

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डॉ. प्रकाश हिन्दुस्तानी

# माय हैशटैग
नववर्ष के प्रारंभ में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प टि्वटर पर बहुत सक्रिय नजर आए। 24 घंटे में उन्होंने 16 ट्वीट किए। उनके निशाने पर आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाकिस्तान, फिलिस्तीन और उत्तर कोरिया रहे। उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने एक दिन पहले ही बड़े उत्तेजक ट्वीट किए थे, जिसमें उसने शेखी बघारी थी कि मेरा न्यूक्लियर बटन तैयार है। इसका मतलब यह हुआ कि किम ने अमेरिकी को धौंस दे दी थी कि परमाणु युद्ध की तैयारी पूरी की जा चुकी है और किम के केवल एक बटन दबाने भर से परमाणु हमला हो सकता है। 
 
किम का नाम लेते हुए ट्रम्प ने खुला ट्वीट किया कि मेरे पास उससे भी बड़ा बटन है और वह काम भी करता है। मेरे ऑफिस की डेस्क पर परमाणु बम का बटन हमेशा रहता है। ट्रम्प ने लिखा कि भूख से बिलखते लोगों के परमाणु बटन की तुलना में मेरा बटन ज्यादा बड़ा और ज्यादा शक्तिशाली है। ट्रम्प के इस ट्वीट को 4.57 लाख से ज्यादा लोगों ने लाइक किया, 1.81 लाख लोगों ने रि-ट्वीट और 1.52 लाख लोगों ने कमेंट किया। 
 
ट्रम्प के इस तरह के ट्वीट से पूरी दुनिया में अलग ही तरह की बहस चल निकली। रिपब्लिकन पार्टी के नेता रिचर्ड पेंटर ने ट्रम्प के ट्वीट का उदाहरण देते हुए कहा कि इस तरह के ट्वीट इस बात का प्रतीक है कि राष्ट्रपति ट्रम्प कितनी स्थिर मती के हैं। उन्होंने ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता की मनोदशा की तुलना कर डाली। यह भी लिखा कि इन दोनों में से एक से अमेरिकी संसद को निपटना चाहिए और दूसरे से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को। 
 
डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद इरिक स्वालवेल भी ट्रम्प के ट्वीट पर टिप्पणी करने से नहीं चूके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प का यह व्यवहार सामान्य व्यवहार की श्रेणी में नहीं आता। बुलेटिन ऑफ ऑटोमिक साइंटिस्ट के एडिटर एंड चीफ जॉन मेक्लिन ने इसे बहुत गंभीर मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प के इस तरह के ट्वीट उत्तर कोरिया की मानसिकता को बिगाड़ सकते हैं। वह और अधिक आक्रामक हो सकता है। हो सकता है उत्तर कोरिया अब ज्यादा असामान्य व्यवहार करे। उन्होंने यहां तक कहा कि ट्रम्प का ट्वीट मानवता के लिए खतरा बन सकता है।
 
इसके बाद अनेक टि्वटर यूजर्स ने टि्वटर के सीईओ जैक डॉर्सी से अपील की कि वे टि्वटर पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का अकाउंट सस्पेंड कर दें। बात इतनी बिगड़ गई कि सेन फ्रांसिस्को के एक एक्टीविस्ट समूह ने टि्वटर के दफ्तर पर जाकर एक बड़ा सा बोर्ड लगा दिया, जिस पर लिखा था 'जैक इज कांप्लीसिट' इसका अर्थ है कि इस सारे मामले में ट्रम्प के साथ-साथ टि्वटर के सीईओ जैक डॉर्सी भी परमाणु हमले की धमकी देने में सहभागी हैं। टि्वटर ने इसके जवाब में कहा कि ट्रम्प के ट्वीट शालीनता की सीमा से परे नहीं थे। मतलब टि्वटर के अनुसार, ट्रम्प के ट्वीट नियमों के दायरे में थे। 
 
टि्वटर के यूजर्स का कहना है कि परमाणु हमले की धमकी देना और धमकी के बदले में ज्यादा बड़ी धमकी देना क्या हिंसा के दायरे में नहीं आता? इस तरह की धमकियां भौतिक रूप से किए गए हमले से कम खतरनाक नहीं हैं। इसलिए टि्वटर भी बराबरी का दोषी है। 
 
ट्रम्प इन सब बातों के आदी हो चुके हैं। कुछ समय पहले ही उन्होंने व्हाइट हाउस के चीफ स्ट्रेटेजिस्ट स्टीव बेनन को पद से हटाया था और कहा था कि वे न केवल अपना पद खो चुके हैं, बल्कि अपना दिमाग भी खो चुके हैं। ट्रम्प ने कहा कि बेनन विपक्षी लोगों के बहकावे में आ गए हैं और असंतुलित व्यवहार करने लगे हैं। ट्रम्प ने वोटर फ्रॉड कमीशन को भी खत्म करने का फैसला किया है, क्योंकि ट्रम्प के अनुसार यह अनावश्यक न्यायालियन प्रक्रिया को बढ़ाने वाला आयोग था। इस आयोग का काम चुनाव के दौरान हुई गड़बड़ियों को पकड़ना और दोषियों को सजा दिलवाना था।
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