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नर्मदा बचाओ आंदोलन : 16वें दिन जारी रहा अनशन, मप्र सरकार अभी भी मौन

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, रविवार, 13 अगस्त 2017 (20:11 IST)
बड़वानी। मेधा पाटकर की 9 अगस्त को हुई गिरफ्तारी के बाद सरकार आज दूसरे दिन भी कोर्ट में पेश नहीं कर पाई, वहीं जेल से सीधे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा संपर्क साधने की कोशिश भी काम नहीं कर पाई। सोमवार को तीसरे दिन सुनवाई जारी रहेगी। 
 
मेधा पाटकर का नर्मदा घाटी के प्रभावितों, जल, जंगल, लाखों पेड़, स्कूल, स्थापित गाँव, व पूरी नर्मदा घाटी को सरकार द्वारा गैर कानूनी डूब और जबरन बेदखली किए जाने के खिलाफ 27 जुलाई से अनशन जारी हैं। 
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आज अनशन का 16वां दिन है। जब नर्मदा बचाओ आंदोलन पिछले 32 सालों से अहिंसक रूप से चलता आ रहा है, तब प्रशासनिक बाधाएं बताकर मेधा पाटकर की पेशी ना करना कोर्ट में और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शासनात्मक देरी कर उनके सत्याग्रह और अनशन का अपमान कर रही है। इस संघर्ष से लाखों लोगों की ज़िन्दगी जुडी है और पूरी नर्मदा घाटी का पर्यावरण और जलवायु प्रभावित होने वाला है।
 
वहीं दूसरी ओर धार जिला अस्पताल से सभी अनशनकारियों को रिहा कर दिया गया और सभी साथी वहां से सीधे चिखल्दा पहुंचते हुए अन्य साथियों द्वारा जारी अनशन में शामिल हो गए। आज उनके जज्बे के स्वागत में कई गीत गाए गए और इस संकट की स्थिति में न्याय की तराजू स्थापित कर मेहनतकशों के मेहनत और सरकारी के काम का तौल किया गया, जिसमें हर बार की तरह मेहनत का पलड़ा भारी रहा। 
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इससे लोग सरकार को मेहनत करने की गुजारिश करते हुए कहना चाहते हैं कि सरकार ऐसे झूठ बोलकर घाटी के लाखों लोगों को डूबाना बंद करें और धरातल पर आकर लोगों से बात करें और सही सच्चाई जानने के लिए आंदोलन से बात करते हुए अपनी लोगों के प्रति जिम्मेदारी निभाएं।
 
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय की सलाहकार सुनीति एस आर ने अपना संदेश देते हुए बताया कि उन्हें आज चंपारण सत्याग्रह की याद आ रही है। तब गांधीजी ने चंपारण में प्रवेश न करने की अंग्रेजों की शर्त कोर्ट में नामंजूर की थी। उनका वह बयान ऐतिहासिक है लेकिन तब ब्रिटिश सरकार ने गांधीजी पर लगाए आरोप हटा लिए थे और उन्हें मुक्त किया था। अब क्या होगा? ये देखने का विषय होगा।
 
इसके साथ आज बिहार की राजधानी पटना में आश्रय अभियान ने प्रदर्शन करते हुए मध्यप्रदेश सरकार से फ़ौरन संवाद करने की अपील की और मेधा पाटकर व अन्य गिरफ्तार साथियों बिना किसी शर्त रिहा करने का आग्रह किया। 

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