Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

18 सीटों पर कांग्रेस का 10 सालों से कब्जा

-रामस्वरूप मूंदड़ा

हमें फॉलो करें 18 सीटों पर कांग्रेस का 10 सालों से कब्जा
FILE
2008 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने भले ही अपनी सीटों की संख्या 38 से बढ़ाकर 71 कर ली, लेकिन 2003 की जबरदस्त उमा लहर में जीती 20 सीटें 2008 के चुनावों में खो दीं। 2003 में जीती मात्र 18 सीटें ही ऐसी थीं, जो उसने 2008 में पुनः हासिल की।

महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इन सीटों पर केवल राघौगढ़ की सीट ही ऐसी थी, जहां कांग्रेस ने नया उम्मीदवार उतारा था, बाकी 17 सीटों पर जीतने वाले कांग्रेस के वे ही दिग्गज थे जिन्होंने उमा लहर में अपनी सीट बचाने में सफलता प्राप्त की थी।

राघौगढ़ की सीट 2003 में मुख्यमंत्री के पद पर रहते दिग्विजयसिंह ने जीती थी, लेकिन 2003 की हार के बाद राजा ने सक्रिय राजनीति से 10 साल का संन्यास ले लिया था, इसलिए राघौगढ़ सीट से 2008 में पार्टी ने मूलसिंह (दादाभाई) को चुनाव लड़ाया था और वे भी सीट निकालने में कामयाब रहे थे।

यहां हम दे रहे हैं शेष 17 सीटों के नाम और वहां से जीते कांग्रेस उम्मीदवारों के नाम- राज्यवर्धनसिंह दत्तीगांव (बदनावर), डॉ. निशीथ पटेल (बहोरीबंद), आरिफ अकील (भोपाल उत्तर), शिवनारायण मीना (चांचौड़ा), अजयसिंह राहुल भैया (चुरहट), अश्विन जोशी (इंदौर- 3), हरबंससिंह (केलारी), प्रियव्रतसिंह (खिलचीपुर), जमुनादेवी (कुक्षी), गोविन्दसिंह (लहार), केपी सिंह कक्काजी (पिछोर), प्रभुदयाल सिंह (सैलाना), हुकुमसिंह कराड़ा (शाजापुर), सज्जनसिंह वर्मा (सोनकच्छ), गोविन्दसिंह राजपूत (सुर्खी), प्रदीप अमृतलाल जायसवाल (वारासिवनी)।

इनमें से जमुनादेवी का स्वर्गवास होने से हुए उपचुनाव में कुक्षी सीट तथा सज्जन वर्मा के सांसद बन जाने पर सोनकच्छ सीट भाजपा ने कांग्रेस से छीन ली है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi