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चेखव का पत्र लीडिया के नाम

हमें फॉलो करें चेखव का पत्र लीडिया के नाम
27 मार्च, 1894 याल्टा

मधुर लीका, पत्र के लिए धन्यवाद। यद्यपि तुम यह कहकर मुझे डराना चाहती हो कि तुम जल्दी ही मर जाओगी, और मुझे ताना मारती हो कि मैं तुम्हें छोड़ दूँगा। फिर भी तुम्हें धन्यवाद। मैं अच्छी तरह जानता हूँ कि तुम मरोगी नहीं और कोई तुम्हें छोड़ेगा नहीं। मैं याल्टा में हूँ और खूब मजे कर रहा हूँ।

स्थानीय सामन्तशाही अथवा कुछ भी नाम तुम उसे दे दो, फास्ट खिलवा रही है और मैं रिहर्सलों की देख-रेख कर रहा हूँ। मनोरम, काले, लाल, पीले, भूरे सिरों के फूलों के गुच्छों को लगातार देखते रहने में, और गाना सुनने में बड़ा मजा आता है। मैं खूब खाता हूँ। मोटे मेमने का भुना हुआ गोश्त, प्याज की टिकिया, मटन-चाप और काशा- यह सब मैं लड़कियों केस्कूल की संचालिका के साथ खाता हूँ। अम्लवेत का शोरबा मैं यहाँ के बड़े घरों में पीता हूँ। पेस्टरी की दुकान और अपने होटल पर मैं अलग खाता हूँ।

मैं दस बजे सोता हूँ, दस बजे उठता हूँ, और भोजन के बाद भी आराम करता हूँ, पर मधुर लीका, फिर भी मैं उकता रहा हूँ। मैं इसलिए नहीं उकता रहा हूँ, क्योंकि मेरी 'स्त्रियाँ' मेरे पास नहीं हैं, बल्कि इसलिए कि यहाँ बसंत बहुत बढ़िया होता है और दूसरा कारण यह कि मुझे कुछ लिखना चाहिए, यह ख्याल एक पल के लिए भी मेरा साथ नहीं छोड़ता। मुझे कुछ लिखना चाहिए.... लिखना चाहिए...लिखना चाहिए..। मेरा विचार है कि सुस्ती के बिना असली खुशी असंभव है।

मेरा आदर्श तो यह है कि बेकार रहा जाए और एक मोटी जवान लड़की से प्यार किया जाए। मेरे सबसे अधिक मजे की बात है बेकार घूमना या बैठना। मेरा प्रिय शौक है बेकार की चीजें (पत्ते,घास आदि) इकट्ठे करना और बेकार का काम करना। पर मैं एक साहित्यिक हूँ और मुझे यहाँ याल्टा में भी लिखना चाहिए।

प्यारी लीका! जब तुम एक बड़ी गायिका बन जाओ और तुम्हें खूब पैसे मिलने लगें तो तुम दयावान बनकर मुझसे शादी कर लेना और मुझे सहारा देना, जिससे बिना काम किए जी सकना मेरे लिए संभव हो सके और यदि तुम सचमुच ही मरने वाली हो तो यह काम बारबरा एबर्ले को सौंप जाना, जिसको तुम जानती ही हो कि मैं प्यार करता हूँ। जिम्मेदारियों की और उन कामों की जिनसे मैं छुटकारा नहीं पा सकता। निरंतर चिंता ने मुझे इस स्थिति में ला खड़ा किया है। एक सप्ताह से मैं घोर कष्ट में हूँ।

यद्यपि दिल का दौरा मुझे नहीं पड़ा है। यह एक घृणास्पद अनुभूति है। मैंने अपना फॉक्स कोट बीस रूबल में बेच डाला, यद्यपि वह साठ रूबल में बना था, लेकिन चालीस रूबल की कीमत का रोयां तो पहले ही झड चुका था, और बीस रूबल कोई बुरे नहीं रहे। झरबेरी अभी पकी नहीं है, पर मौसम गर्म और चमकदार है। पेड़ खूब जवानी पर है। समुद्र का दृश्य बहुत प्यारा लगता है और स्त्रियाँ प्यार की सिहरनों के लिए तड़पती हैं। फिर भी उत्तर का रूस दक्षिणी रूस से ज्यादा अच्छा है, खासकर बसंत ऋतु में।

दिल के दौरे के कारण एक सप्ताह से मैंने शराब नहीं पी है, और शराब न पीने के कारण स्थानीय वातावरण मुझे बहुत उदास और रूखा दिखाई ़पडता है। क्या तुम कुछ दिन हुए पेरिस में थीं? फ्रांसीसी कैसे हैं? क्या तुम उन्हें पसंद करती हो? तब तुम उन्हें स्वयं दूर करो।

मीरोब ने यहाँ एक नृत्य-नाटक किया और पूरे एक सौ पचास रूबल का लाभ उठाया। वह एक शेर की तरह दहाड़ा और उसने भारी सफलता प्राप्त की। मुझे बड़ा दुःख है कि मैंने संगीत नहीं सीखा, नहीं तो मैं भी दहाड़ सकता, क्योंकि मेरा गला रूखे स्वरों से भरा हुआ है और लोग कहते हैं कि मैं अष्टक बहुत ही बढ़िया गा सकता हूँ। तब मैं खूब पैसा कमाता और स्त्रियों में बहुत प्रसिद्ध हो जाता। मैं इस जून में पेरिस में नहीं जाना चाहता। मैं चाहता हूँ कि तुम यहाँ मिलिखोव में ही आ जाओ।

रूस की याद तुम्हें वापस ले आएगी। रूस आने से भले ही एक दिन के लिए बचने का कोई रास्ता नहीं है। तुम अक्सर पोटोपैंके से मिलती हो। इस गर्मी वह भी रूस लौट रहा है। अगर तुम उसके साथ यात्रा करो, तो खर्च कम पड़ेगा। अपना टिकट उससे खरीदवाओ और पैसा देना भूल जाओ (और ऐसा करने वाली तुम पहली स्त्री नहीं होगी)। अगर तुम वापस नहीं आओगी तो मुझे पेरिस जाना पड़ेगा, पर मुझे विश्वास है तुम आ रही हो। स्वस्थ रहो : शांत, खुश और संतुष्ट! तुम सफल होओ। तुम एक सुंदर लड़की हो।

तुम अगर पत्र डालकर मेरी आदत ही बिगाड़ना चाहो तो पत्र मिलखोव भेजो। मैं शीघ्र ही पहुँच जाऊँगा। मैं नियमित रूप से तुम्हारे पत्रों का उत्तर दूँगा। मैं तुम्हारे दोनों हाथों को चूमता हूँ।

तुम्हारा
ए.चेखव

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