सौ बार अगर तुम रूठ गए, हम तुमको मना ही लेते हैं, इक बार अगर हम रूठ गए, तुम हमको मनाना क्या जानों..!
अक्सर प्रेमी जोड़ों को एक-दूसरे से यही शिकायत रहती है। तो जनाब अगर आपका साथी आपसे रूठ गया है तो यह कतई जरूरी नहीं है कि आपको उसे मनाने में कड़ी मशक्कत ही करनी पड़े। यह काम एकदम आसानी से भी हो सकता है, बस जरूरत होती है थोड़ी समझदारी की।
यह ऐसा नाजुक वक्त होता है, जब कोई संबंध टूट भी सकता है या उस रिश्ते में और मजबूती भी आ सकती है। इसलिए जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं। कोई निर्णय लेने से पूर्व काफी सोच-विचार लें। अगर संभव हो तो नजदीकी मित्रों से सलाह भी ले सकते हैं।
जिस तरह हर व्यक्ति का स्वभाव अलग होता है, उसी तरह से रूठे हुए को मनाने का अंदाज भी भिन्न-भिन्न होता है। अगर ये अंदाज पुराने प्रचलित तरीकों से अलग होगा तो आपके साथी के मान जाने की संभावनाएं भी बढ़ेंगी और यकीन मानिए रिश्ते की खूबसूरती और मजबूती, दोनों बढ़ेगी।
मान लीजिए अगर आपका साथी रूठा है, उसे मनाने के लिए उसके पसंदीदा रंग के कपड़े पहनकर उसके सामने जाएं और आंखों में आंखें डालकर सॉरी कह दें, उसे अच्छा लगेगा। हो सकता है उसका गुस्सा काफूर हो जाए।
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अगर वो इस तरह भी न माने तो उसके पास हर घंटे फूलों का बुके भेजकर उसे चकित कर दें और झट से भविष्य में दुबारा गलती न करने का वायदा भी करें।
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क्यूं न एक खूबसूरत-सा कार्ड खरीद कर अपने मन की गहराइयों से एक प्यारी-सी कविता उस पर लिखें और बची हुई जगह पर लम्बा-सा सॉरी लिखें। यकीन कीजिए, न मानने का सवाल ही नहीं उठता।
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आप चाहें तो अपने प्रेमी या प्रेमिका को प्रेम पर कोई अच्छी-सी किताब भी भेंट कर सकते हैं।
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किसी गॉर्डन या मंदिर में अपनी गलती स्वीकार कर सकते हैं। अगर थोड़ा फिल्मी स्टाइल में सॉरी बोलना है तो मुन्नाभाई की तरह FM के जरिए माफी मांग लें।
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अगर ऐसे भी आपका काम न बने तो सबसे आसान तरीका ये है कि आप उसके सामने जाइए, साधारण शब्दों में दिल से माफी मांग लीजिए। विश्वास रखें, यदि वह वाकई में आपका सच्चा साथी है तो आपकी गलतियों को नजरअंदाज कर आपको स्वीकार करेगा।
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किसी भी तरह से मना लो दोस्त हर कीमत पर यह फायदे का सौदा होगा। किसी ने ठीक ही कहा है 'रूठे यार नुं मना लें कमलियां के रब आपे मन जाएगा।' सच है न!