Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

महाराष्ट्र के चुनावी रण में दोस्त बने दुश्मन और दुश्मन बने दोस्त, चह्वाण और चिखलीकर ने साझा किया मंच

तब मोदी ने चह्वाण पर निशाना साधा था

हमें फॉलो करें महाराष्ट्र के चुनावी रण में दोस्त बने दुश्मन और दुश्मन बने दोस्त, चह्वाण और चिखलीकर ने साझा किया मंच

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, शनिवार, 13 अप्रैल 2024 (11:09 IST)
Lok Sabha Election 2024 : राजनीतिक दलों के टूटने और नए गठबंधन बनने के बीच महाराष्ट्र में 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जहां कभी सहयोगी रहे नेता प्रतिद्वंद्वी बन गए हैं और प्रतिद्वंद्वी सहयोगी बन गए हैं। इसका एक उदाहरण गुरुवार को नांदेड़ में देखने को मिला जहां केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की रैली में मुंबई में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चह्वाण (Ashok Chavan) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार प्रतापराव पाटील चिखलीकर ने मंच साझा किया।

 
लातूर जिले के लोहा से अविभाजित शिवसेना के तत्कालीन विधायक चिखलीकर 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए और उन्होंने उसी वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के गढ़ नांदेड़ से मौजूदा कांग्रेस सांसद अशोक चव्हाण को हरा दिया था।
 
मोदी ने चह्वाण पर निशाना साधा था : तब एक चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदर्श सोसायटी घोटाले को लेकर चह्वाण पर निशाना साधा था, जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने कहा था कि चह्वाण एक डीलर हैं, नेता नहीं। चह्वाण इस साल फरवरी में भाजपा में शामिल हुए और राज्यसभा सदस्य बने। वह अब मराठवाड़ा क्षेत्र में चिखलीकर और अन्य भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर रहे हैं।
 
श्रीरंग बारणे और अजित पवार : वर्ष 2019 में मावल लोकसभा क्षेत्र में शिवसेना के श्रीरंग बारणे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार के बेटे पार्थ पवार को हराया था। अब वर्ष 2024 में अजित पवार और उनकी पार्टी राकांपा बारणे के लिए प्रचार कर रही है। बारणे अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ हैं। अजित पवार अब राज्य सरकार में उपमुख्यमंत्री हैं।

 
कहा जाता है कि अजित पवार ने लोकप्रिय टेलीविजन और फिल्म अभिनेता अमोल कोल्हे को राकांपा में शामिल होने और 2019 में शिरूर लोकसभा क्षेत्र में मौजूदा शिवसेना सांसद शिवाजीराव अधलराव-पाटिल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए राजी किया था। कोल्हे उस समय अविभाजित शिवसेना में थे और कोल्हे ने अधलराव पाटिल को हराया दिया था।
 
भाजपा-शिवसेना-राकांपा 'महायुति' गठबंधन : कोल्हे अब शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के साथ हैं। सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना-राकांपा 'महायुति' गठबंधन के सीट-बंटवारे के तहत शिरूर सीट अजित पवार के पास गई है। अजित पवार ने कोल्हे को हराने के इरादे से अधलराव पाटिल को राकांपा में शामिल कर लिया है। अब अजित पवार अपने पूर्व शिष्य कोल्हे के खिलाफ प्रचार करेंगे।
 
मुंबई दक्षिण-मध्य निर्वाचन क्षेत्र में अविभाजित शिवसेना के दो बार के सांसद राहुल शेवाले का मुकाबला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के अनिल देसाई से है। वर्ष 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद शेवाले शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए थे।

 
उद्धव ठाकरे के करीबी देसाई को काफी हद तक पर्दे के पीछे के योद्धा के रूप में जाना जाता है। राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद देसाई अपने पूर्व सहयोगी के खिलाफ चुनावी मुकाबले में पदार्पण कर रहे हैं। बारामती में पवार परिवार के दो सदस्य आमने-सामने हैं।
 
अजित पवार पहले अपनी चचेरी बहन सुप्रिया सुले के चुनाव अभियानों का प्रबंधन करते थे। अब उनके नेतृत्व वाली राकांपा ने तीन बार की सांसद सुप्रिया सुले के खिलाफ अजित की पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारा है। इस चुनावी मुकाबले ने अजित के परिवार में भी दरार डाल दी है क्योंकि उनका छोटा भाई श्रीनिवास तथा उनका परिवार सुले के समर्थन में उतर आया है।
 
बीड में भाजपा ने मौजूदा सांसद प्रीतम मुंडे के स्थान पर उनकी बड़ी बहन और पूर्व राज्य मंत्री पंकजा मुंडे को उम्मीदवार बनाया है। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में पंकजा को उनके चचेरे भाई और राकांपा नेता धनंजय मुंडे ने हरा दिया था। धनंजय मुंडे अब अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा में हैं और वह सत्तारूढ़ गठबंधन की उम्मीदवार पंकजा के लिए प्रचार करेंगे।
 
तटीय रायगढ़ में राकांपा के सुनील तटकरे ने 2019 में शिवसेना के लंबे समय तक सांसद रहे अनंत गीते को मामूली अंतर से हराया था। कांग्रेस ने तब तटकरे का समर्थन किया था क्योंकि वह शरद पवार की पार्टी के साथ गठबंधन में थी। अब तटकरे अजित पवार की राकांपा के साथ हैं, जबकि गीते शिवसेना के विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे के गुट के साथ हैं और उनके साथ कांग्रेस और राकांपा (शरदचंद्र पवार) हैं।
 
वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार प्रकाश अकोलकर ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस द्वारा शिवसेना और राकांपा में विभाजन कराने से पहले दोनों पारिवारिक पार्टियां थीं। अब चुनाव महाभारत युद्ध में बदल गया है।(भाषा) 
 
Edited by: Ravindra Gupta


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

तेजस्वी ने जारी किया RJD का घोषणापत्र, 1 करोड़ सरकारी नौकरियों समेत 24 वादे