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देवास में कवि नईम की रचनाओं की प्रासंगिकता पर संवाद संस्था का कार्यक्रम

हमें फॉलो करें देवास में कवि नईम की रचनाओं की प्रासंगिकता पर संवाद संस्था का कार्यक्रम

WD Feature Desk

, मंगलवार, 9 अप्रैल 2024 (09:18 IST)
देवास। देवास में ख्यात नवगीतकार और शहर का नाम साहित्य जगत में रोशन करने वाले स्व. प्रो. कवि नईम को याद दिया गया। कार्यक्रम में आए अतिथियों ने उनकी रचनाओं की प्रासंगिकता चर्चा की। स्व. प्रो. कवि नईम की कविताएं हो या सानेट, गज़लें हों या नवगीत, दशकों बाद आज भी उनकी रचनाएं प्रासंगिक नजर आती है। 
 
आज की छंदमुक्त कविताओं के दौर में लयात्मकता और छंदबद्धता लिए उनके नवगीत कवि नईम की विशेष पहचान हैं। नईम का नाम देश के ख्यात नवगीतकारों की पहली पंक्ति में सम्मान से लिया जाता है, यह बात देवास और देवासवासियों के लिए भी गर्व की बात है। ये बातें नईम स्मरण कार्यक्रम में मंच पर उपस्थित अतिथियों ने कही।
 
नईम स्मरण का यह कार्यक्रम संस्था "संवाद" के बैनर तले वरिष्ठ नागरिक सभागृह में रविवार को आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में गेरूलाल व्यास, सुश्री सीमा सोनी, डॉ. प्रकाश कांत, श्रीकांत उपाध्याय, विजय श्रीवास्तव अतिथि रूप में उपस्थित थे जिनका स्वागत संवाद के हरि जोशी ने किया।
 
अतिथियों ने कवि नईम के साहित्यिक पक्ष के साथ उनके द्वारा लगातार सक्रिय रहकर बनाए काष्ठ शिल्प और फाउंडेशन द्वारा जिले के दूरदराज में काम कर रहे शिक्षक सम्मान का भी स्मरण किया। सीमा सोनी ने उनके निजी जीवन में पितृतुल्य व्यवहार को याद किया तो श्रीकांत उपाध्याय ने उनके समग्र पर लिखे अपने आलेख के वाचन के साथ उनके एक गीत का पाठ भी किया।
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डॉ. प्रकाश कांत ने नईम जी के साथ बिताए उन बरसों को याद किया जिन बरसों में नईम जी के साथ रहकर अपने समकालीनों जीवनसिंह ठाकुर और प्रभु जोशी के संग संग अक्षरों की समझ आई। 60-62 के तबके देवास को नईम जी के बहाने डॉ. प्रकाश कांत ने जिस तरह याद किया श्रोता मानों तबके देवास में विचरण करते नज़र आए। विजय श्रीवास्तव ने नईम जी के रचना पक्ष पर अपनी बात रखते हुए उनके कुछ गीत का पाठ भी किया। 
 
कार्यक्रम के अंत में बीते समय में बिछड़े कला और साहित्य जगत के साथी श्रीमती सुल्ताना नईम, वसुंधरा ताई, प्रभु जोशी, मधुबाला ठाकुर, जीवनसिंग ठाकुर, का स्मरण करके उन्हे श्रद्धांजली दी गई।
 
कार्यक्रम का संचालन मोहन वर्मा ने किया। कार्यक्रम में अमेय कांत, बिंदु तिवारी, चंद्रपालसिंह सोलंकी, अजय सोलंकी, सुधीर सोमानी, एसएम जैन, शरीफ खान मामू, अरविंद सरदाना, नीता शर्मा, आनंद श्रीवास्तव, मुकेश पांचाल, अतुल शर्मा, संजय जोशी, संदीप बघेल, दीपक शुक्ला, विजय परसाई, अशोक बुनकर, डॉ. कुलदीप श्रीवास्तव, ओम वर्मा सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद थे।

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