Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

डाइटिंग कर रहे हैं थाईलैंड के बौद्ध भिक्षु

हमें फॉलो करें डाइटिंग कर रहे हैं थाईलैंड के बौद्ध भिक्षु
, शनिवार, 24 नवंबर 2018 (12:03 IST)
सांकेतिक चित्र
थाईलैंड के बौद्ध मठों में रहने वाले भिक्षु अपना वजन घटाने के लिए काफी जोर-आजमाइश कर रहे हैं। बढ़ते वजन और मोटापे के चलते देश के स्वास्थ्य विभाग ने इन भिक्षुओं से खुद को फिट रहने को कहा है।
 
 
वजन घटाते भिक्षु
तस्वीरों में नजर आ रहे इन बौद्ध भिक्षुओं को सुबह-सुबह मंदिर परिसर में सैर करनी होती है। इसी के साथ-साथ हाथों और पैरों को हिलाने-डुलाने वाली कड़ी कसरत भी इनकी दिनचर्या में शामिल हो गई है। थाईलैंड के तकरीबन सभी बौद्ध भिक्षु अब कड़ी डाइट कर रहे हैं, जिसका मकसद है बढ़ते वजन को नियंत्रित रखना।
 
 
क्यों घटा रहे हैं वजन
दिसंबर 2017 में थाईलैंड के स्वास्थ्य विभाग और धार्मिक अधिकारियों ने एक "मॉन्क हेल्थ चार्टर" निकाला था, जिसमें बौद्ध भिक्षुओं के खानपान पर नजर रखने के निर्देश दिए गए थे। अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए थाईलैंड के लोग भिक्षुओं को दिल खोल कर भोजन चढ़ाते हैं और ये भिक्षु भी मिठाई, स्वादिष्ट सब्जियों समेत तेल-मसाले की कई चीजें खा भी लेते हैं।
 
 
दान में मिलने लगी सिगरेट
एशियाई विकास बैंक के आंकड़ों के मुताबिक थाईलैंड के लोगों में मोटापे की समस्या काफी बड़ी है। थाईलैंड के हेल्थ सिक्युरिटी ऑफिस के अधिकारी कहते हैं कि लोग सोचते हैं कि अगर ये बौद्ध भिक्षु खाएंगे तो उनके पूर्वज तृप्त महसूस करेंगे और ये भोजन उन तक जाएगा। नतीजतन, कुछ लोग इन भिक्षुओं को सिगरेट तक देने लगे ताकि सिगरेट भी उनके पू्र्वजों तक पहुंच जाए।
 
 
क्या कहते हैं भिक्षु
डाइटिंग कर रहे 63 साल के बौद्ध भिक्षु पिपित सारीकिट्विनोन बताते हैं कि डाइटिंग में जाने से पहले वह मुश्किल से 100 मीटर चल पाते थे। उनका वजन भी 180 किलोग्राम तक पहुंच गया था, लेकिन अब वह खाना कंट्रोल कर रहे हैं। अब बौद्ध नियमों के तहत इन भिक्षुओं को दोपहर बाद खाना खाने से मना कर दिया गया है। माना जाता है कि बुद्ध ने खुद अपने अनुयायियों को देर से भोजन लेने से बचने को कहा था।
 
 
बढ़ता मोटापा
बैंकॉक की एक यूनिवर्सिटी ने साल 2016 में बौद्ध भिक्षुओं पर किए अपने सर्वे में पाया था कि इनमें मोटापा 48 फीसदी तक बढ़ गया है। वहीं 42 फीसदी भिक्षु उच्च रक्तचाप से ग्रस्त हैं। दोपहर बाद इन्हें भोजन खाने की अनुमति नहीं है लेकिन शक्कर की सही मात्रा वाले जूस को पी सकते हैं। मोटापे की इस समस्या के लिए थाई दुकानों पर मिलने वाले पैक फूड को भी जिम्मेदार माना जा रहा है।
 
 
कैसे करें ना?
नए दिशानिर्देश इन बौद्ध भिक्षुओं को चुस्त-दुरुस्त रहने की हिदायत देते हैं। इन भिक्षुओं के लिए श्रद्धालुओं को ना करना भी आसान नहीं है। बैंकॉक के एक बौद्ध मंदिर के मठाधीश कहते हैं, "बुद्ध की शिक्षा के मुताबिक श्रद्धालु जो भी देते हैं, हमें लेना पड़ता है। हम मना नहीं कर सकते।" अब मठाधीश यह भी मानते हैं कि स्वास्थ्य, शिक्षा, ध्यान और मेडिकल चेकअप इन भिक्षुओं के जीवन में बदलाव लाएगा।
 
 
डॉक्टरों से नहीं मिलते
इतने सब के बाद भी माहौल जल्द बदलता नहीं दिखता। कुछ मठाधीशों ने बताया कि तकरीबन तीन साल पहले मठों में हेल्थ चेकअप शुरू किए गए थे। लेकिन ये भिक्षु मठ बदलते रहते हैं और कई तो डॉक्टर या डेंटिस्ट से कभी चेकअप नहीं कराते। हालांकि अब नई योजना में श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वे अपने धर्म गुरुओं को स्वास्थ्यवर्धक भोजन दें।
 
 
अनिवार्य नहीं नियम
ये नए नियम भी अनिवार्य नहीं है लेकिन जो भिक्षु अब अपनी सेहत पर ध्यान दे रहे हैं, उन्हें इसका फायदा नजर आ रहा है। पिपित ने बताया कि अब वे थोड़ा-थोड़ा करके खाने की कोशिश करते हैं। उन्होंने बताया, "मैं पिछले एक साल से गौर कर रहा हूं, अब तक मैंने करीब 30 किलो वजन घटा दिया है। अब जो भी लोग चढ़ाते हैं, मैं उसे लेकर सतर्क रहता हूं।" (एएफपी/एए)
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

पंजाब में आतंकवादी हमला बड़े खतरे का संकेत