Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मलेरिया की दवा को जल्द बनाने का तरीका

हमें फॉलो करें मलेरिया की दवा को जल्द बनाने का तरीका
, शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2018 (11:41 IST)
जर्मन वैज्ञानिकों ने मलेरिया की दवा में इस्तेमाल होने वाले एक प्रमुख घटक को बनाने का तेज, ज्यादा असरदार और पर्यावरण के अनुकूल तरीका खोज निकाला है।
 
जर्मनी में कोलॉयड के माक्स प्लांक इंस्टीट्यूट के निदेशक पीटर सीबेर्गर का कहना है, "इसमें लाखों लोगों का जीवन बचाने की क्षमता है।" मलेरिया की दवा में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख घटक आर्टेमिसिनिन को बनाने का नया तरीका 27 साल की मेकिडल छात्रा सूजेन ट्रीमर ने खोजी है। उन्होंने मीठे वर्मवुड के पौधे से आर्टेमिसिनिन बनाने की प्राकृतिक प्रक्रिया की नकल और उसे तेजी से करने का तरीका खोज निकाला है।
 
इंस्टीट्यूट के मुताबिक नए तरीके में महज 15 मिनट का वक्त लगता है। हालांकि दूसरे विशेषज्ञ अभी इससे बहुत उत्साहित नहीं हैं। हैम्बर्ग के बर्नहार्ट नॉख इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के युएर्गेन मे ने कहा कि अगर उनके सहयोगियों ने वास्तव में कोई बड़ी कामयाबी हासिल की होती तो वह ज्यादा रोमांचित होते। उन्होंने यह भी कहा, "पिछली बातों को याद करें तो प्राथमिक रूप से क्रांतियां कुछ साल पहले हो चुकी हैं।"
 
मे का कहना है असल क्रांति तो तब होगी जब मलेरिया के खिलाफ एक कृत्रिम पदार्थ की खोज होगी। उनका कहना है, "इस बात का जोखिम है कि आर्टेमिसिनिन से भविष्य में सबका इलाज नहीं होगा।" मे ने यह भी कहा कि दक्षिण पूर्वी एशिया में पहले ही चेतावनियां दी जा रही हैं जहां मलेरिया के परजीवी में इसके लिए प्रतिरोधी क्षमता विकसित होनी शुरू हो गई है।
 
डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने भी मे के विचारों से सहमति जताई है। जर्मनी में डॉक्टर विदाउट बॉर्डर्स के मेडिकेशन कैम्पेन कॉर्डिनेटर मार्को एल्वेस ने कहा, "मलेरिया से लड़ने के नए तरीके जरूर विकसित किए जाने चाहिए।" इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए भविष्य में ज्यादा ध्यान नई दवाओं पर होना चाहिए ना कि पुरानी दवाओं पर।
 
एनआर/एके (डीपीए)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आख़िर कनाडा में सिखों की इतनी बल्ले-बल्ले क्यों है