Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

सहारा की तरह पर्ल समूह में फंसे हैं निवेशकों के 60,000 करोड़

हमें फॉलो करें सहारा की तरह पर्ल समूह में फंसे हैं निवेशकों के 60,000 करोड़

DW

, गुरुवार, 20 जुलाई 2023 (08:59 IST)
चारु कार्तिकेय
सहारा समूह की तरह पर्ल समूह में भी करोड़ों निवेशकों के 60,000 करोड़ रुपये फंसे हुए हैं। पर्ल के पोंजी स्कीम घोटाले के उजागर होने के दो दशक बाद भी अपने पैसे वापस पाने का निवेशकों का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है।
 
सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में फंसे करोड़ों छोटे निवेशकों के पैसे लौटाने की नई मुहिम शुरू होने के बाद अब इसी तरह के दूसरे घोटालों के शिकार होने वाले निवेशकों की भी उम्मीद जगी है।
 
कई उद्योगों में शामिल पर्ल्स ग्रुप पर 2003 में 5।5 करोड़ निवेशकों को धोखा देने का आरोप लगा था। समूह के सीएमडी निर्मल सिंह भांगू तो सालों से जेल में हैं, लेकिन निवेशकों को अभी तक अपने पैसे वापस नहीं मिल पाए हैं।
 
क्या है मामला
सेबी और निवेशकों ने 2003 में सुप्रीम कोर्ट में पर्ल समूह के खिलाफ मामला दायर किया था। समूह पर सामूहिक निवेश योजनाओं के जरिये करीब 5।5 करोड़ लोगों को धोखा दे कर उनसे लगभग 45,000 करोड़ रुपये निवेश करवाने के आरोप लगाए गए थे।
 
कई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक दो दशकों की जांच के बाद अब यह रकम 60,000 करोड़ तक पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में ठोस निर्देश आते आते 10 साल बीत गए। फरवरी 2013 में अदालत के आदेश पर सीबीआई ने मामले में जांच शुरू की।
 
2014 में सीबीआई ने इस मामले में 76 एफआईआर दर्ज की और फिर जनवरी 2016 में भांगू समेत समूह के चार निदेशकों को गिरफ्तार किया। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के 49,000 करोड़ रुपये रिफंड करवाने के लिए पूर्व मुख्य न्यायाधीश आरएम लोढ़ा के नेतृत्व में एक समिति बनाई।
 
निवेशकों का इंतजार
समिति ने समूह की सारी संपत्ति जब्त कर ली और मार्च 2016 में संपत्ति की नीलामी शुरू की। प्रवर्तन निदेशालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक समूह के पास कुल 1,354 संपत्तियां हैं। हालांकि नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुए सात साल बीत जाने के बाद आज भी निवेशकों को उनके पैसे नहीं मिले हैं।
 
चूंकि इस घोटाले के शिकार निवेशक बड़ी संख्या संख्या में पंजाब में हैं, यह मुद्दा पंजाब में अक्सर चुनावी मुद्दा भी बन जाता है। 2022 में भी विधान सभा चुनावों से पहले आम आदमी पार्टी ने वादा किया था कि अगर उसकी सरकार बनी तो पोंजी कंपनियों की संपत्ति बेच कर निवेशकों के पैसे लौटाए जाएंगे।
 
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 29 जून 2023 को घोषणा की कि राज्य सरकार ने पर्ल समूह की पंजाब में मौजूद सारी संपत्ति को अपने कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्दी ही कानूनी कार्रवाई पूरी करके लोगों के पैसे वापस किये जाएंगे।
 
मान ने बताया कि राजस्य विभाग के रिकॉर्डों में इन संपत्तियों को चिन्हित कर दिया गया है ताकि इनकी खरीद-बिक्री ना हो सके।
 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

‘एनडीए’ और ‘इंडिया’ से अलग इन पार्टियों की रणनीति क्या है?