Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

श्रीसंत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से मांगा जवाब

हमें फॉलो करें श्रीसंत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से मांगा जवाब
, सोमवार, 5 फ़रवरी 2018 (15:21 IST)
नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने क्रिकेटर शांतकुमारन श्रीसंत के आजीवन प्रतिबंध के खिलाफ याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। भारतीय क्रिकेटर श्रीसंत ने केरल उच्च न्यायालय के उस निर्णय को चुनौती दी है जिसमें बोर्ड द्वारा उन पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को बरकरार रखा गया था।

बीसीसीआई को श्रीसंत की इस याचिका पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। गौरतलब है कि श्रीसंत पर इंडियन प्रीमियर लीग 2013 के संस्करण में स्पॉट फिक्सिंग में संलिप्त पाए जाने के बाद बीसीसीआई ने आजीवन प्रतिबंध लगाया था।

श्रीसंत आईपीएल की टीम राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी थे। सर्वोच्च अदालत ने श्रीसंत की याचिका पर पांच फरवरी को सुनवाई करने पर सहमति जताई थी जिसमें क्रिकेटर ने केरल उच्च न्यायालय के उन पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध के फैसले को चुनौती दी है।

श्रीसंत के अलावा राजस्थान टीम के दो अन्य खिलाड़ियों अंकित चव्हाण और अजीत चंदीला को जुलाई 2015 में पटियाला हाउस कोर्ट ने बरी कर दिया था। इस फैसले के बावजूद बीसीसीआई ने श्रीसंत के क्रिकेट से आजीवन प्रतिबंध के फैसले को बरकरार रखा है।

भारतीय क्रिकेट और आईपीएल के इतिहास के इस सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामले में 36 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया था जबकि राजस्थान और अन्य फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपरकिंग्स दो-दो वर्ष के लिए बैन कर दिया गया था जो इस वर्ष 11वें संस्करण से फिर से लीग में वापसी कर रही हैं। 

एकमात्र जज की एकलपीठ ने तेज़ गेंदबाज़ के समर्थन में फैसला सुनाते हुए उन पर से आजीवन प्रतिबंध को हटाने का फैसला किया था, लेकिन बीसीसीआई ने इस एकलपीठ के निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की जिस पर सुनवाई करते हुए केरल उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने भारतीय बोर्ड के समर्थन में फैसला दिया और श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध को बरकरार रखा। अदालत की दलील थी कि क्रिकेटर पर लगाया गया प्रतिबंध उनके अधिकारों का हनन नहीं है। वहीं बीसीसीआई ने दलील दी थी कि श्रीसंत के खिलाफ स्पॉट फिक्सिंग मामले में पुख्ता सबूत मिले हैं और इसी के आधार पर उन्हें क्रिकेट से आजीवन प्रतिबंधित किया गया है क्योंकि बोर्ड की भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टॉलरेंस नीति है।

इससे पहले एकलपीठ ने सात अगस्त 2017 को श्रीसंत के समर्थन में फैसला सुनाते हुए उनके क्रिकेट में वापसी का रास्ता साफ कर दिया था। श्रीसंत पिछले काफी समय से क्रिकेट में वापसी के प्रयास में लगे हैं। कई विदेशी क्रिकेट लीगों में खेलने के लिए भी बीसीसीआई से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की गुहार लगा चुके हैं। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आईपीएल उद्‍घाटन समारोह में लगेगा हॉलीवुड का तड़का