Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

धोनी की आंखों में पढ़कर गेंदबाजी करते हैं जाधव

हमें फॉलो करें धोनी की आंखों में पढ़कर गेंदबाजी करते हैं जाधव
बर्मिंघम , शुक्रवार, 16 जून 2017 (14:33 IST)
बर्मिंघम। महेंद्र सिंह धोनी को समझदार क्रिकेटरों को निखारने और उन्हें मैच विजेता में बदलने के लिए जाना जाता है। धोनी जब कप्तान थे तो वे रवीन्द्र जडेजा के साथ सफलतापूर्वक ऐसा कर चुके हैं जबकि अब वे केदार जाधव को मैच विजेता के रूप में ढालने में विराट कोहली की मदद कर रहे हैं।

कामचलाऊ स्पिनर जाधव ने बांग्लादेश के खिलाफ सेमीफाइनल में तमीम इकबाल और मुशफिकुर रहीम जैसे जमे हुए बल्लेबाजों को आउट करके भारत की 9 विकेट की जीत में अहम भूमिका निभाई।

जाधव ने कहा कि जबसे मैं भारतीय टीम में आया हूं, तब से मैं एमएस धोनी के साथ काफी समय बिता रहा हूं और उनकी जानकारी से सीखने की कोशिश करता हूं। मेरा उनके साथ जुड़ाव है और मैं उनकी आंखों में पढ़ने की कोशिश करता हूं कि वे कहां चाहते हैं कि मैं गेंदबाजी करूं। मैं सिर्फ वैसी गेंदबाजी करने की कोशिश करता हूं और यह काम करता है। जाधव के इस खुलासे से स्पष्ट होता है कि कोहली के लिए रणनीति को निखारने में पूर्व भारतीय कप्तान धोनी की क्या भूमिका है?

कोहली ने भी स्वीकार किया था कि बांग्लादेश के बल्लेबाज जब अन्य स्पिनरों को आराम से खेल रहे थे तो धोनी ने जाधव से गेंदबाजी कराने का सुझाव दिया था। जब इस तरह का कदम काम कर जाता है तो मैं सारा श्रेय नहीं लेता। बेशक मैं एमएस धोनी से भी पूछता हूं और हम दोनों ने फैसला किया कि उस समय केदार अच्छा विकल्प था और उसने बेहतरीन गेंदबाजी की। उसे श्रेय जाता है।

कोहली ने कहा कि केदार नेट पर काफी गेंदबाजी नहीं करता लेकिन वह चतुर क्रिकेटर है। उसे पता है कि कहां बल्लेबाज को परेशानी होगी और गेंदबाजी करते हुए अगर आप बल्लेबाज की तरह सोच पाते हो तो बेशक इससे कोई भी गेंदबाज फायदे की स्थिति में होता है। जाधव भी अपने कप्तान की इस बात से सहमत हैं।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मेरी गेंदबाजी इस पर निर्भर करती है कि बल्लेबाज क्या करने का प्रयास कर रहा है। दूसरा हिस्सा जो मैं करने का प्रयास कर रहा हूं उसे अमलीजामा पहनाना है। यह उन दिनों में शामिल था, जब मैं उन्हें अच्छी तरह पढ़ने में सफल रहा और अपनी योजनाओं को अच्छी तरह से लागू किया।

जाधव मुख्य रूप से बल्लेबाज हैं लेकिन वे इस बात से चिंतित नहीं हैं कि शीर्षक्रम के बल्लेबाजों के अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें बल्लेबाजी का पर्याप्त मौका नहीं मिला है।

उन्होंने कहा कि जब तक टीम जीत दर्ज कर रही है तब तक मुझे चिंता नहीं है कि मुझे 5, 10 या 15 मैचों तक बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। मेरी टीम मुझसे जो भी चाहती है मुझे उसके लिए वह करने में सक्षम होना चाहिए। (भाषा)


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

चैम्पियंस ट्रॉफी 2017: मैच फिक्स कर पहुंचा है फाइनल में पाकिस्तान! आमिर सोहेल का दावा...