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ईशांत शर्मा ने कसम खाई, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सब कुछ झोंक दूंगा

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, गुरुवार, 15 नवंबर 2018 (22:12 IST)
नई दिल्ली। भारत के सबसे अनुभवी तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा के लिए यह 'अभी नहीं तो कभी नहीं' का मामला है और उन्होंने कहा कि वे अपने चौथे और संभवत: आखिरी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सब कुछ झोंक देना चाहते हैं।
 
 
मौजूदा टेस्ट टीम में ईशांत 87 मैचों के साथ सबसे अनुभवी खिलाड़ी हैं और वे इससे पहले 2007-08, 2011-12 और 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रह चुके हैं।
 
इंग्लैंड दौरे के बाद 2 महीने में अपना पहला प्रतिस्पर्धी मैच खेलने के बाद ईशांत ने कहा कि मैं हमेशा अपना सब कुछ झोंक देता हूं, क्योंकि जब आप देश के लिए खेल रहे होते हो तो आप दूसरे मौके के बारे में नहीं सोच सकते। मैं अभी 30 साल का हूं। मुझे नहीं पता कि मैं अगले दौरे  2022-23 के लिए टीम में रहूंगा कि नहीं, क्योंकि तब मैं 34 साल का हो जाऊंगा। इस दौरे पर मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा।
 
इंग्लैंड दौरे पर 5 टेस्ट में ईशांत ने 18 विकेट चटकाए और इस दौरान बेहतरीन गेंदबाजी की। ईशांत का मानना है कि वे अब अधिक परिपक्व हो गए हैं और यह मानसिक स्थिति है, जो कई बार मैदानी प्रदर्शन में अहम भूमिका निभाती है।
 
भारत की ओर से 87 टेस्ट में 256 विकेट चटकाने वाले ईशांत ने कहा कि मैं अब परिपक्व हूं और मुझे पता है कि क्षेत्ररक्षकों को कहां लगाना है और कैसे परिस्थितियों के अनुसार गेंदबाजी करनी है। जब आपकी उम्र बढ़ने लगती है तो शरीर को भी नुकसान पहुंचने लगता है। यह सब मानसिक स्थिति से जुड़ा है। अगर आप फिट हैं और आपकी मानसिक स्थिति अच्छी है तो आप कह सकते हैं कि आप अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं।
 
कप्तान कोहली 73 मैच से भी अधिक टेस्ट खेलने वाले ईशांत का लक्ष्य अगली पंक्ति के तेज गेंदबाजों को इस तरह से मेंटर करना है कि वे भी कुछ वर्षों में अन्य तेज गेंदबाजों के साथ अपनी विशेषज्ञता साझा कर सकें।
 
उन्होंने कहा कि मैं अपना अनुभव साझा करता हूं। मेरे कहने का मतलब है कि मेरे पास जो भी अनुभव है, उसे बांटता हूं। मैं क्षेत्ररक्षण सजा सकता हूं और उन्हें बता सकता हूं कि किसी निश्चित विकेट पर किस तरह की गेंदबाजी करनी है। युवा तेज गेंदबाजों को भी सीनियर बनने के बाद जूनियर गेंदबाजों का मार्गदर्शन करना चाहिए।
 
इंग्लैंड में 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की जीत के हीरो रहे ईशांत इससे आहत हैं कि वे भारत की सीमित ओवरों की टीम का हिस्सा नहीं हैं और सिर्फ 80 एकदिवसीय मैच खेल पाए। उन्होंने कहा कि हां, इसे लेकर मुझे बुरा महसूस होता है कि मैं एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलता। मैं देश के लिए तीनों प्रारूपों में खेलना चाहता हूं लेकिन कुछ चीजें हैं जिन्हें आप नियंत्रित नहीं कर सकते और मैं काफी नकारात्मक चीजों के बारे में सोचना नहीं चाहता।
 
ईशांत ने स्वीकार किया कि ऑस्ट्रेलिया की टीम में स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर का नहीं होना फायदे की स्थिति होगी। आप ऐसा भारत फायदे की स्थिति में होगा कह सकते हैं। आंकड़े खुलासा करते हैं कि हाल के वर्षों में उनके 60 प्रतिशत रन स्मिथ और वॉर्नर ने बनाए हैं।

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