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विजयी लय को टी-20 में भी जारी रखेगी टीम इंडिया

हमें फॉलो करें विजयी लय को टी-20 में भी जारी रखेगी टीम इंडिया
, शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2017 (19:26 IST)
रांची। आत्मविश्वास से लबरेज़ भारतीय क्रिकेट टीम वनडे में मिली सफलता को शनिवार से यहां ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू होने जा रही टी-20 सीरीज़ में भी बरकरार रखने के इरादे से उतरेगी। प्रदर्शन के लिहाज़ से देखा जाए तो बल्लेबाजी और गेंदबाजी हर विभाग में टीम का प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहा है।
       
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन टी-20 मैचों की सीरीज़ खेली जानी है जिसका पहला मैच पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के गृहनगर रांची में होगा। पांच मैचों की वनडे सीरीज़ में 4-1 की शानदार सफलता के बाद मेजबान टीम की पूरी कोशिश है कि वह इस लय को टी-20 प्रारूप में भी बरकरार रखे। 
       
प्रदर्शन के लिहाज़ से देखा जाए तो बल्लेबाजी और गेंदबाजी हर विभाग में टीम का प्रदर्शन काबिलेतारीफ रहा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ में भारत के स्पिनरों में चाइनामैन गेंदबाज़ कुलदीप यादव, युजवेंद्र चहल, अक्षर पटेल सबसे प्रभावी रहे तो तेज़ गेंदबाजों में हार्दिक पांड्या, भुवनेश्वर कुमार ने प्रभावित किया था, लेकिन टीम में शामिल किए गए अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ आशीष नेहरा पर अब सभी की निगाहें रहेंगी।
        
38 साल के नेहरा को टी-20 टीम में लिए जाने पर चयनकर्ताओं की काफी आलोचना हुई है ऐसे में उन पर भी मैच में अच्छा प्रदर्शन करने के साथ खुद की मौजूदगी को सार्थक बनाने का दबाव रहेगा। नेहरा ने आखिरी बार राष्ट्रीय टीम की ओर से इस वर्ष फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ इस प्रारूप में खेला था। उनके अलावा बल्लेबाज़ दिनेश कार्तिक की भी टीम में वापसी हुई है जबकि ओपनर अजिंक्य रहाणे को बाहर रखा गया है और इस निर्णय पर भी सवाल उठे थे।
 
विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया पिछले काफी समय से अच्छी फार्म को कायम रखे हुई है और टीम में शामिल नए खिलाड़ियों पर भी यह दबाव होगा। टीम में शामिल सबसे उम्रदराज़ खिलाड़ी नेहरा को डैथ ओवरों में सबसे भरोसेमंद माना जाता है और भुवनेश्वर तथा बुमराह के साथ तेज़ गेंदबाजी आक्रमण में उनकी अहम भूमिका रहेगी। नेहरा ने अपने 26 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों में 34 विकेट निकाले हैं जबकि आईपीएल में भी वे सफल गेंदबाज रहे थे।
         
इसके अलावा टीम इंडिया के पास पहले ही कई मैच विजेता खिलाड़ी हैं जिन पर समय के साथ निर्भरता भी काफी बढ़ी है। ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या बल्ले और गेंद दोनों से बढ़िया खेल रहे हैं, जिससे उनकी तुलना विश्व विजेता कप्तान कपिल देव तक से होने लगी है। वनडे सीरीज़ में मैन ऑफ द सीरीज़ रहे पांड्या ने छह विकेट के साथ 55.50 के औसत से 222 रन बनाए थे। कप्तान के पसंदीदा बन चुके पांड्या को 2019 विश्वकप के लिए भी अहम माना जा रहा है।
        
पांड्या के साथ केदार जाधव भी उन खिलाड़ियों में हैं जो हरफनमौला खेल के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं। वहीं ओपनरों में पत्नी की बीमारी के कारण वनडे सीरीज से बाहर रहे शिखर धवन की वापसी पर भी नज़र रहेगी। वनडे सीरीज़ में रोहित शर्मा 296 रनों के साथ शीर्ष स्कोरर रहे थे। 
       
इसके अलावा लोकेश राहुल को भी रहाणे पर तरजीह दी गई है और उन्हें अब खुद को साबित करना जरूरी होगा। राहुल को वनडे सीरीज़ में मौका नहीं मिल पाया, लेकिन कंधे की चोट के बाद उन्हें ट्वंटी 20 में खुद की फिटनेस भी साबित करना जरूरी होगा।
       
ऑस्ट्रेलियाई टीम विदेशी जमीन पर निरंतर खराब प्रदर्शन और वनडे सीरीज़ को निराशाजनक ढंग से गंवाने के बाद वापसी को बेकरार है। हालांकि टीम का मनोबल काफी गिरा हुआ है और खुद कप्तान स्टीवन स्मिथ ने माना था कि जैसा उनके खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया वह कहीं से भी जीतने लायक नहीं था।
       
साफ है कि ऑस्ट्रेलिया स्वदेश लौटने से पहले कुछ सम्मानजनक स्थिति बनाना चाहती है। तीन मैचों की सीरीज़ में जीत उसके आत्मविश्वास को भी बढ़ाने का काम करेगी जिसकी उसे इंग्लैंड के खिलाफ एशेज सीरीज़ से पहले काफी जरूरत है। हालांकि टीम फिलहाल कप्तान स्मिथ और ओपनर डेविड वार्नर पर ही पूरी तरह से निर्भर दिखाई दे रही है जबकि मध्यक्रम ने पिछली सीरीज़ में सबसे ज्यादा निराश किया।
         
वैसे कप्तान स्मिथ का निजी प्रदर्शन भी अभी तक कोई बहुत उत्साहवर्धक नहीं रहा है और उन्होंने पांच मैचों की सीरीज़ में दो अर्धशतक सहित 28.40 के औसत से केवल 142 रन ही बनाए। वार्नर 49 के औसत से 245 रन बनाकर दूसरे और आरोन फिंच एक अर्धशतक और एक शतक सहित 250 रन बनाकर टीम के शीर्ष स्कोरर रहे थे और फटाफट प्रारूप में भी रन बनाने की जिम्मेदारी उन्हीं पर दिखाई दे रही है।
       
गेंदबाजों में गैर अनुभवी जेसन बेहरेनड्राफ, विकेटकीपर टिम पेन, ऑलराउंडर मोएसिस हैनरिक्स और डेन क्रिस्टियन टी-20 टीम में शामिल नए खिलाड़ी हैं और इनके पास मजबूत भारतीय टीम के सामने खुद को साबित करने का मौका होगा। वनडे में सबसे सफल रहे नाथन कोल्टर नाइल पर भी इसी प्रदर्शन को दोहराने की जिम्मेदारी होगी। (वार्ता)

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