Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

खिलाड़ियों की फिटनेस पर क्या बोले महेन्द्रसिंह धोनी

हमें फॉलो करें खिलाड़ियों की फिटनेस पर क्या बोले महेन्द्रसिंह धोनी
लखनऊ , शनिवार, 17 मार्च 2018 (15:30 IST)
लखनऊ। भारतीय किक्रेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्रसिंह धोनी ने कहा है कि देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन खेलें में आगे बढ़ने के लिए प्रतिभा के साथ बेहतर फिटनेस जरूरी है।
 
भारतीय टीम को विशेष मुकाम दिलाने वाले पूर्व कप्तान ने शनिवार को यहां स्पोर्ट्‍स गैलेक्सी का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि किसी भी खेल के लिए प्रतिभा के साथ-साथ फिटनेस बेहतर होनी चाहिए। भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है, लेकिन फिटनेस के मामले में पिछड़ जाते हैं। 
 
धोनी ने कहा कि खेलों में फिटनेस ही सब कुछ है। फिट हैं तो यह तय है कि आप किसी भी खेल में पारंगत हो सकते हैं। इसके लिए आपको बहुत अधिक समय नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि पहले तो मां-बाप अपने बच्चे को खेलने पर डांटते-फटकारते थे, लेकिन अब उनको लेकर खुद मैदान में जा रहे हैं। बच्चों को इतनी सहूलियतें दे रहे हैं कि बच्चे गर्मी और लू में मैदान में नहीं टिक पाते हैं। बच्चों को माता-पिता को टफ बनाना होगा।
 
उन्होंने कहा कि वह क्रिकेटर नहीं होते तो यकीनन फुटबॉलर या बैडमिंटन खिलाड़ी ही होते। स्कूल के दिनों में उनका मन फुटबॉल और बैडमिंटन में बहुत लगता था। इस क्षेत्र में अपना भविष्य तलाश रहे थे। बाद में उनका रुझान क्रिकेट की तरफ बढ़ा।
 
पूर्व कप्तान ने कहा कि बड़े खिलाड़ी छोटे शहरों से ही निकलते हैं। छोटे शहरों के खिलाड़ियों को ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है। उन्होंने अगले वर्ष होने वाले विश्वकप में खेलने के लिए खुद को फिट बताया। उन्होंने कहा कि वह इसके लिए तैयारी कर रहे हैं। 
 
उत्तर प्रदेश के क्रिकेटरों के बारे में धोनी ने कहा कि इस राज्य में क्रिकेट हमेशा अच्छा रहा। यहां के गेंदबाजों को उतने मौके नहीं मिले। स्विंग पर उनकी पकड़ हमेशा बेहतर रही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रतिभा की कमी नहीं है। अंडर-19 में मैंने खुद यहां के गेंदबाजों का सामना कर अनुभव किया है। क्रिकेट में उत्तर प्रदेश के दबदबे का अंदाजा इसी बात से लगता है कि यहां के कई खिलाड़ियों ने टीम इंडिया में जगह बनाई।
 
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान धोनी ने कहा कि ओलंपिक या अन्य बड़े खेल मेले में मैडल इंफ्रास्ट्रक्चर से नहीं आते हैं बल्कि खिलाड़ियों की मेहनत से आते हैं। यह बात सही है कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर होगा तभी खिलाड़ी अच्छी प्रैक्टिस कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि खेलों के लिए तैयार होने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर को देखते ही लोग यह उम्मीद लगा लेते हैं कि अब अगले ओलंपिक में इंडिया की झोली में मैडल आने तय हैं। खिलाड़ी को इंटरनेशनल लेवल पर मैडल लाने में दस साल का समय लग जाता है।
 
धोनी ने बताया कि स्पोर्ट्‍स गैलेक्सी में क्रिकेट के अलावा विभिन्न खेलों की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राएं जब कक्षा पांच या छह में होते हैं, तब उनका झुकाव खेल के प्रति बढ़ता है। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बांग्लादेश के खिलाफ खिताब के दावेदार के रूप में उतरेगा भारत