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पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में ला सकती है सरकार

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नई दिल्ली , मंगलवार, 19 दिसंबर 2017 (15:20 IST)
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट किया है कि सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में पेट्रोलियम पदार्थों को शामिल करने की पक्षधर है, लेकिन जीएसटी परिषद में इस विषय पर सर्वानुमति बनने का इंतजार है।
 
जेटली ने राज्यसभा में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम द्वारा जीएसटी परिषद में इस विषय को लंबित रखने के पूरक सवाल के सवाल में कहा कि जीएसटी परिषद की हर महीने होने वाली बैठकों में इस मुद्दे पर राज्यों के बीच आम राय कायम करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेट्रोलियम पदार्थों के कर दायरे में केंद्र और राज्य सरकारों की भूमिका को देखते हुये इन्हें जीएसटी के दायरे में शामिल करने पर सर्वानुमति नहीं बन पा रही है।
 
राजग सरकार द्वारा जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन के मसौदे में पेट्रोलियम पदार्थों को शामिल नहीं करने के चिदंबरम के आरोप के जवाब में जेटली ने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में पेश किये गये संशोधन विधेयक में भी पेट्रोलियम पदार्थ जीएसटी से बाहर थे। 
 
इसके उलट मौजूदा सरकार पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में शामिल करने की पक्षधर है, इस बारे में सिर्फ राज्यों की सहमति का इंतजार है। मई 2014 के बाद से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी के बाद भी भारत में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में इजाफे के चिदंबरम के सवाल पर जेटली ने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा कर लगाया जाता है। 
 
इस दिशा में केंद्रीय कर कम करने की कवायद की गई है। इस बारे में राज्य सरकारों को भी अपनी भूमिका का निर्वाह करना चाहिए। जीएसटी को तेलंगाना सरकार द्वारा उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के एक अन्य सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि सरकार को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि तेलंगाना सरकार ने ऐसा कोई वाद दायर किया है। (भाषा)

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