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लाल किताब अनुसार शनि के अशुभ होने की निशानी

हमें फॉलो करें लाल किताब अनुसार शनि के अशुभ होने की निशानी

अनिरुद्ध जोशी

कुछ लोग शनि की साढ़े साती या ढैय्या से डरते हैं। साढ़े साती या ढैय्या न भी हो तो भी यदि उनके कर्म खराब हैं तो लोगों को शनि के बुरा प्रभाव को छेलना ही होता है। शनि, राहु और केतु एक क्रूर ग्रह है जिनके प्रभाव से कोई बच नहीं सकता। यदि आप पर शनि का बुरा प्रभाव हो तो आप के लिए यहां प्रस्तुत है 7 सरल और अचूक उपाय।
 
 
शनि के अशुभ होने की निशानी
शनि के अशुभ प्रभाव के कारण मकान या मकान का हिस्सा गिर जाता है या क्षति ग्रस्त हो जाता है, नहीं तो कर्ज या लड़ाई-झगड़े के कारण मकान बिक जाता है। अंगों के बाल तेजी से झड़ जाते हैं। नखून कमजोर हो जाते हैं। घर में अचानक आग लग सकती है। धन, संपत्ति का किसी भी तरह से नाश होता है। समयपूर्व दांत और आंख की कमजोरी हो जाती है।
 
 
उपाय से पहले सावधानी जरूरी :
1.दांत साफ रखें।
2.झूठी गवाही से बचें।
3.श‍राब पीते हो तो पीना छोड़ दें।
4.जुआ सट्टा न खेंले, ब्याज का धंधा न करें।
5.पिता और पुत्र का कभी अनादर ना करें।
6.पति या पत्नी के प्रति वफादार बनकर रहें।
7.नास्तिक और नास्तिकता के विचारों से दूर रहें।
8.हमेशा सिर ढक कर ही मंदिर जाएं।
 
 
शनि के 7 उपाय :
1.छाया दान करें।
2.प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें।
3.भैरव बाबा को शराब चढ़ाएं।
4कौवे को प्रतिदिन रोटी खिलाएं।
5.अंधे, अपंगों, सेवकों और सफाइकर्मियों को खुश रखें और उन्हें दान दें।
6.शहद का सेवन करें, शहद में काले तिल मिलाकर मंदिर में दान करें या शहद को घर में हमेशा रखें।
7.तिल, उड़द, लोहा, तेल, काला वस्त्र और जूता दान देना चाहिए।
 
 
शनि की साढ़े साती, ढय्या या शनि के प्रकोप से डरने की जरूरत नहीं। हां, शनि ग्रह का प्रभाव हमारे शरीर पर जरूर रहता है लेकिन वह कितने समय तक और कैसा रहता है यह जानना जरूरी है। उपयोक्त बताएं गए उपाय से जरूरी है सावधानियां। उपाय न भी करें और यदि सावधानियों का पालन करते रहेंगे तो शनि के प्रभाव से मुक्ति मिल जाएगी।
 

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