Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

चटपटी कविता : नाना के गांव है जाना

हमें फॉलो करें चटपटी कविता : नाना के गांव है जाना
- पद्मा चौगांवकर
 
नानाजी के गांव है जाना,
गांव खेत की सैर करेंगे।
शुद्ध हवा सांसों में भरकर,
छुप्पा-छुप्पी के खेल करेंगे।
नए-नए दोस्त हैं दोस्त बनाना,
छुट्टी में करने हंगामा,
नानाजी के गांव है जाना।
 
ताल में तैरेंगे जी भरकर,
खट्टे-मीठे बेर चखेंगे।
आम तले फिर गोट1 करेंगे,
गुड़-महेरी और अथाना2,
नानाजी के गांव है जाना।
 
मामा लाएंगे खरबूजे,
ककड़ी आम और तरबूजे।
मामी सेंक-सेंककर देंगी,
कमल गट्टे के बीज मखाना।
मुश्किल है वह स्वाद भुलाना,
नानाजी के गांव है जाना।
 
घेर के नानी को बैठेंगे,
रोज कहानी सुना करेंगे।
नानाजी से करें निहोरे,
बीते कल की बात बताना।
कैसा था वह वक्त पुराना,
नानाजी के गांव है जाना।
 
साभार - देवपुत्र

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इन रत्नों से मिलेगा ग्रहों का शुभ प्रभाव, आप भी जानिए...