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2010 और राजनीति के सितारे

- अजय भाम्बी

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SUNDAY MAGAZINE
इक्कीसवीं शताब्दी के पहले दशक का वर्चस्व चहूँओर व्याप्त है। हर शताब्दी में ग्रहों की ताकत और दिशा अलग होती है। 21वीं सदी के पूरे जोड़ को देखें तो 3 नंबर बनता है। 3 नंबर का स्वामी बृहस्पति है और उसका संबंध ज्ञान, विकास, संपन्नता, गुरुता से है इसलिए वर्तमान दशक में भारत का डंका पूरे विश्व में तब बजा जब विश्व के विकासशील देश आर्थिक मंदी की चपेट झेल रहे थे। कारण भारत की कुंडली के तृतीय भाव में पाँच ग्रह-सूर्य, चंद्र, शनि, बुध और शुक्र मिलकर एक उत्तम 'प्रवज्र राजयोग' बना रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में सूर्य की महादशा में चंद्र और मंगल की अंतर्दशा 2010 को संचालित करेंगी इसलिए देश का चहूँओर विकास होगा।

ग्रह चाल के हिसाब से बृहस्पति कुंभ में अतिचारी है। वह अगली राशि मीन में चला जाएगा और मीन राशि में भी यह अतिचारी रहेगा। शनि पूरे वर्ष कन्या राशि में रहेगा। मंगल मई तक नीच राशि कर्क में है और राहू-केतु धनु और मिथुन में हैं। यदि इन सबके परिणामों को मिलाकर देखा जाए तो माओवादी गतिविधियाबढ़ेंगी। आतंकी गतिविधियाँ मेट्रो में भी देखने को मिलेंगी।

आदमी ने अपना वातावरण दूषित कर तापमान को उग्रता के चरम बिंदु पर लेकर जा रहा है जिसके चलते समुद्री तूफान, बाढ़, भूकंप, विध्वंस जैसी स्थितियाँ देखने को मिलेंगी। वर्ष के मध्य में यह स्थितियां अधिक देखने को मिलेंगी। उग्रवादी घटनाएँ बढ़ेंगी और किसी महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्तर के नेता पर प्रहार भी हो सकता है। वैसा ही कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर हो रहा है। ग्रह स्थिति बोलती है कि डरते-सहमते, रोते-गाते कॉमनवेल्थ गेम्स ठीक से संपन्न हो जाएँगे।

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यूपीए-2 की चैयरमेसोनिया गाँधी का कर्क लग्न है। वर्तमान में उनकी कुंडली में बुध की महादशा में शनि की अंतर्दशा चल रही है। बुध पंचम भाव में सूर्य और केतु के साथ स्थित है और शनि लग्न में। दोनों ग्रह एक-दूसरे से अच्छा योग बना रहे हैं। पंचम भाव का संबंध सृजन और संतान से होता है। शनि का संबंध व्यवस्था, परंपरा और पीढ़ी आदि से है।

सोनिया गाँधी ने विरासत में जो पाया, अगले तीन सालों में वो तरीके से अपनी संतान को सौंप देंगी। 2010 में वे कुछ ऐसे निर्णय लेंगी जो सबको चौंकाने वाले भी होंगे। इस दशा में उनको अपनी सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखना अति आवश्यक है।

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राहुल गाँधी का लग्न वृष है और उसमें बुध विराजमान है। सप्तम्‌ भाव में चंद्र स्थित है। राहू दशम्‌ में है, केतु चतुर्थ में, शनि द्वादश में, बृहस्पति छठे में, मंगल, सूर्य द्वितीय में और शुक्र तृतीय में। सरसरी निगाह में यह कुंडली बलहीन मालूम पड़ती है लेकिन यदि गौर से देखा जाए तो बहुत सारे योग यहां फलीभूत हो रहे हैं। शनि, गुरु के संबंध से व्यक्ति को बड़ी भारी ख्याति प्राप्त होती है।

बुध, चंद्रमा के संयोग से शुरु में व्यक्ति में विश्वास की कमी रहती है और उसका प्रदर्शन भी बहुत अच्छा नहीं रहता लेकिन यह योग व्यक्ति के पैनेपन को समय के साथ बढ़ाता है। राहू दशम्‌ में हो और यदि व्यक्ति राजनीति करे तो सफलता चलकर घर आती है। वर्तमान में चंद्र में राहू की दशा चल रही है जो सितंबर 2010 तक रहेगी और उसके बाद बृहस्पति की अंतर्दशा चलेगी। कई अर्थों में 2010 राहुल गाँधी की उपलब्धियों के लिए जाना जाएगा। राहुल गाँधी एक नए रूप में उभरकर आएँगे।

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सुषमा स्वराज का जन्म वृष लग्न में हुआ था। बुध की महादशा में केतु की अंतर्दशा चल रही है जो अप्रैल 2010 तक चलेगी उसके बाद शुक्र की अंतर्दशा चलेगी जो पूरे वर्ष चलेगी। 2010 में सुषमा स्वराज अपने को नए तरीके से स्थापित करने का प्रयास करेंगी जिसमें शुरू में काफी विचित्रता-सी लगेगी लेकिन अप्रैल के बाद इनकी पकड़ सहसा मजबूत होने लगेगी।

मायावती का लग्न वृष है और वर्तमान में इनको शनि की महादशा में राहू की अंतर्दशा चल रही है और पूरे 2010 में इसका प्रभाव रहेगा। मायावती ने तेलंगाना के उपद्रव को देखकर अपने राज्य और अन्य राज्यों में उपद्रव का माहौल बना दिया है। अपने राज्य और खुद से ध्यान हटाने के लिए मायावती ऐसे कई पत्ते अपने झोले में से निकाल सकती हैं।

प्रस्तुति : मानसी

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