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थाईलैंड में गुफा में फंसे नन्हे फुटबॉलर सुरक्षित, घरवालों को भेजा संदेश

हमें फॉलो करें थाईलैंड में गुफा में फंसे नन्हे फुटबॉलर सुरक्षित, घरवालों को भेजा संदेश
, शनिवार, 7 जुलाई 2018 (16:31 IST)
सिंगापुर। उत्तरी थाईलैंड की एक गुफा में दो सप्ताह से फंसे 12 बच्चों ने अपने परिजनों के लिए पहली बार लिखित संदेश भेजे हैं जिसमें सुरक्षित होने का दावा किया गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार गोताखोरों का एक दल शनिवार को एक लिखित संदेश लेकर लौटा जिसमें कुछ बच्चों ने लिखा कि 'आप लोग चिंता मत कीजिए, हम सभी बहादुर हैं।' इसके साथ कुछ बच्चों ने गुफा में अपनी पसंद का खाना भी मंगवाया है। इससे पहले बचाव दल के अधिकारियों ने बताया था कि गुफा में ऑक्सीजन की लाइन बिछा दी गई है ताकि बच्चों को सांस लेने में कोई दिक्कत न हो।
 
गौरतलब है कि सभी बच्चे और उनके कोच 23 जून की शाम फुटबॉल का अभ्यास करने के बाद इस गुफा को देखने गए थे, लेकिन बाढ़ के पानी के कारण सभी गुफा के अंदर फंस गए। बचाव दल के अनुसार गुफा में फंसे बच्चों और उनके कोच ने गुफा के भीतर कोई ऐसी जगह तलाश ली थी जिससे वे लोग बाढ़ के पानी की चपेट में आने से बच गए।
 
कोच इक्कापोल चांतावॉन्ग ने भी संदेश भेजा है जिसमें उन्होंने लिखा है सभी परिजनों को मैं बताना चाहता हूं कि सारे बच्चे सुरक्षित हैं। बचाव दल के लोग हमारा ख्याल रख रहे हैं। मैं सभी से वादा करता हूं कि बच्चों की सुरक्षा के लिए मैं सब कुछ करूंगा। मदद के लिए सभी लोगों का शुक्रिया।  

बचाव दल के पास सीमित समय : बचाव दल के पास भारी बारिश आने से पहले 'सीमित समय' बचा है। बचाव अभियान के प्रमुख ने शनिवार को यह जानकारी दी। बचाव अभियान के प्रमुख चियांग राई के पूर्व गर्वनर नारोंगसक ओसातानाकोर्न  ने मध्यरात्रि मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि "सबसे महत्वपूर्ण बिंदु यह है बारिश न जान कब फिर से शुरू हो जाए। इसलिए हमारे पास सीमित समय है।

उन्होंने कहा कि वह वह खतरे को कम करना चाहते हैं। गुफा के अंदर आक्सीजन का गिरता स्तर भी 'बड़ी चिंता' का विषय है। शुक्रवार को बचाव अभियान के दौरान थाईलैंड के गोताखोर की मौत के बाद अभियान दल के प्रमुख ने यह चेतावनी जारी की है। बचाव अभियान में थाईलैंड की नौसेना, सेना, पुलिस और स्वयंसेवक दिन-रात बारिश के बाद गुफा में भरा पानी निकालने में जुटे हुए हैं।

गुफा में फंसे फुटबॉल टीम के सदस्य बच्चों की आयु 11 से 16 बीच है। ए सभी तैरना नहीं जानते, इसलिए इन्हें गुफा के तंग, गहरे और कीचड़ भरे रास्ते में तैरना सीखाया जा रहा है।

बचाव दल के पास गुफा में फंसे बच्चों को सुरक्षित निकालने के लिए सीमित विकल्प हैं या तो बचाव दल बच्चों का आक्सीजन की आपूर्ति जारी रखते हुए चार महीने तक मानसून खत्म होने का इंतजार करे या फिर पहाड़ को सैंकड़ों मीटर तक काटकर उसमें सुराग बनाकर बच्चों को बाहर निकालने का प्रयास करे। बच्चे 23 जून को फुटबॉल का मैच खेलने के बाद कोच के साथ गुफा देखने गए थे और बारिश के बाद गुफा में पानी भरने और प्रवेश द्वार बंद होने के बाद बच्चे गुफा में फंस गए थे।

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