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Vivek Ramaswamy News : चीन से आर्थिक आजादी के लिए भारत जरूरी... चीन के खिलाफ विवेक रामास्वामी की बड़ी रणनीति, PM मोदी पर कही यह बात

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डेस मोइनेस (अमेरिका) , रविवार, 27 अगस्त 2023 (22:24 IST)
डेस मोइनेस (अमेरिका)। Vivek Ramaswamy News : अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। बुधवार को रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों के बीच प्राथमिक बहस में भारतीय अमेरिकी विवेक रामास्वामी अनुभवी प्रतिद्वंद्वियों को मात देते नजर आए। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवारों के बीच हुए प्राथमिक बहस में राष्ट्रपति पद के 8 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया। हालांकि, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बहस से दूर रहे। बहस के दौरान विवेक रामास्वामी चर्चा का केंद्र बिंदु बने रहे। 
 
भारत के साथ रिश्तों पर क्या बोले : अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की दौड़ में शामिल विवेक रामास्वामी का मानना है कि भारत के साथ मजबूत संबंध अमेरिका को चीन से आर्थिक ‘स्वतंत्रता’ घोषित करने में मदद करेंगे। रामास्वामी ने अंडमान सागर में सैन्य संबंध समेत भारत के साथ मजबूत रणनीतिक संबंधों की भी वकालत की।
 
कौन हैं रामा स्वामी : रामास्वामी (38) राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल रिपब्लिकन पार्टी के सबसे कम आयु के दावेदार हैं। वे इस समय आयोवा की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। आयोवा में राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार चुनने के वास्ते प्राइमरी चुनाव की प्रक्रिया 15 जुलाई से शुरू होगी।
 
रामास्वामी ने पीटीआई को एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका और भारत के मजबूत संबंध चीन से स्वतंत्रता घोषित करने में मददगार हो सकते हैं। अमेरिका आज चीन पर आर्थिक रूप से निर्भर है, लेकिन भारत के साथ मजबूत संबंधों की मदद से चीनी संबंधों से आजादी घोषित करना आसान हो जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि अमेरिका को अंडमान सागर में सैन्य संबंध समेत भारत के साथ मजबूत रणनीतिक संबंध भी रखने चाहिए। यदि आवश्यक हुआ तो भारत मलक्का जलडमरूमध्य को अवरुद्ध कर सकता है, जहां से वास्तव में चीन को अधिकतर पश्चिम एशियाई तेल की आपूर्ति मिलती है। इसलिए अमेरिका-भारत संबंधों में ये सुधार के वास्तविक क्षेत्र हैं।
 
रामास्वामी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे लगता है कि यह अमेरिका के लिए अच्छा होगा और यही कारण है कि मैं इसे ध्यान में रखकर नेतृत्व करूंगा।
 
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने के दावेदारों की पहली बहस में प्रभावशाली प्रदर्शन के बाद अरबपति भारतीय-अमेरिकी उद्यमी रामास्वामी की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई है। उन्हें लोकप्रियता रेटिंग संबंधी सर्वेक्षणों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद दूसरा स्थान मिला है।
 
भारतीय मीडिया के साथ पहले संवाद में रामास्वामी भारत और अमेरिका के बढ़ते संबंधों के मजबूत समर्थक नजर आए।
 
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे लगता है कि वे (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) भारत के लिए एक अच्छे नेता रहे हैं और मैं भारत एवं अमेरिका के संबंधों को और मजबूत करने के लिए उनके साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्साहित हूं।
 
रामास्वामी ने कहा कि अमेरिकी विदेश नीति की प्रमुख चुनौती यह है कि हम मातृभूमि की रक्षा नहीं कर रहे। हम ऐसे युद्ध लड़ रहे हैं, जो अमेरिकी हितों को आगे नहीं बढ़ाते और हम मातृभूमि को वास्तव में असुरक्षित बना रहे हैं, इसलिए मुझे लगता है कि यूक्रेन में संलिप्तता जारी रखना अमेरिका के लिए एक गलती है। इससे अमेरिका के राष्ट्रीय हित नहीं पूरे होते।
 
रामास्वामी ने कहा कि मुझे लगता है कि इसके विपरीत इससे वैश्विक मंच पर अमेरिकी विश्वसनीयता को वास्तव में नुकसान होगा। अमेरिका को कम्युनिस्ट चीन पर ध्यान देने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह सबसे बड़ा खतरा है। सीमा पर रक्षा क्षमताएं बढ़ाने के साथ मातृभूमि की रक्षा करना घरेलू स्तर पर सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
 
कौन-कौन हैं परिवार में : रामास्वामी के दो बेटे कार्तिक (3) और अर्जुन (1) हैं। उन्होंने उनके परिवार के बारे में पूछे जाने पर कहा कि ‘वे (रामास्वामी के बेटे) हमारी इस यात्रा को लेकर वास्तव में उत्साहित हैं...कार्तिक कह सकता है कि उसके पिता राष्ट्रपति चुनाव की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल हैं। मैं नहीं जानता कि क्या उसे इस बात की समझ है। वह केवल तीन साल का है, लेकिन मुझे लगता है कि उसे इतना पता है कि यह बात महत्वपूर्ण है।
 
रामास्वामी ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए उनकी दावेदारी में भारतीय-अमेरिकियों की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सच्चाई यह है कि मैं उन प्रवासियों की संतान हूं, जो बिना पैसे के इस देश में आए थे और जिन्होंने कम उम्र में सफल होने के अमेरिकी सपने को जिया। 
 
इससे इस देश में मेरा दृढ़ विश्वास पैदा होता है। यह मुझे इस बात की निश्चितता देता है कि अमेरिका में क्या संभव है। उन्होंने कहा कि वह इसे अगली पीढ़ी को सौंपना अपना कर्तव्य समझते हैं। इनपुट भाषा   Edited By : Sudhir Sharma 


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