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दुनिया की सबसे महंगी चीजें

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, मंगलवार, 7 नवंबर 2017 (18:04 IST)
नई दिल्ली। अगर सोच सकते हैं तो दिमाग लड़ाइए कि दुनिया की सबसे महंगी चीजों में आप ‍किन्हें शामिल कर सकती हैं। इस बात की भी संभावना है कि यह वस्तुएं आपकी सोच से भी बहुत अधिक महंगी साबित हो सकती हैं। इस दुनिया के सबसे महंगे पदार्थ के सिर्फ 1 ग्राम से आप दुनिया के 100 देश खरीद सकते हैं।

इसके एक ग्राम की कीमत 31 लाख 25 हजार करोड़ रुपए बताई जाती है। क्या आप यह भी अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर ये चीजें किसी लैब या कारखाने में बनाई जा सकती होतीं तो इनके भी कारखाने लगने की संभावना बनती है। लेकिन ऐसा होना संभव नहीं है और यही इनकी दुनिया में इतनी महंगी होने की वजह भी है।  
 
हम आपको दुनिया की ऐसी पांच बहुमूल्य चीजों के बारे में बता रहे हैं जिनके बारे में संभव हो कि आपको जानकारी तक न हो। इन चीजों में एक खनिज धातु है टैफाइट (Taaffeite)। टैफाइट भी हीरे, पन्ने या मोती ही की तरह ही एक रत्न है लेकिन यह दुनिया में सबसे कम पाया जाने वाला रत्न है। अत्यंत दुर्लभ यह रत्न समूची दुनिया में सिर्फ तंजानिया और श्रीलंका में पाया जाता है। यह देखने में हल्के लाल रंग का होता है और इसकी खोज रिचर्ड टैफे ने 1898 में की थी। फिलहाल इसके 1 ग्राम की कीमत 130 करोड़ रुपए है।
 
ट्राइटियम (Tritium) - यह एक रेडियोएक्टिव पदार्थ है जिसे हाइड्रोजन-3 भी कहते हैं। यह हाइड्रोजन का आइसोटोप भी है। ट्राइटियम की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके पास अपनी रोशनी होती है जिससे यह अंधेरे में भी चमकता है क्योंकि यह एक रेडियोएक्टिव पदार्थ है। इसलिए पोलोनियम के अलावा यह भी परमाणु और हाइड्रोजन बम बनाने में काम आता है। इसके 1 ग्राम की कीमत 200 करोड़ रुपए है।
 
हीरा (Diamonds)- दुनिया भर में चार तरह के हीरे मिलते हैं जिनमें से टाइप-2B हीरे सबसे महंगे होते हैं। इसके 1 ग्राम की कीमत 350 करोड़ रुपए तक है। दुनिया भर में कई महंगे हीरे मौजूद हैं  लेकिन कोहिनूर को ही फिलहाल दुनिया का सबसे महंगा हीरा माना जाता है। इसकी कीमत 10 अरब रुपए के आसपास आंकी गई है।
 
कैलीफोर्नियम (Californium 252)- ट्राइटियम की तरह से कैलीफोर्नियम भी एक बेहद दुर्लभ  रेडियोएक्टिव पदार्थ है जिसे न्यूट्रॉन एंटीमैटर के नाम से भी जाना जाता है और एंटीमैटर की खोज से पहले यह ही दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ था। इसकी खोज साल 1950 में लॉरेन्स बर्कले नेशनल लैबोरेट्री में की गई थी। पहले वैज्ञानिकों का मानना था कि सुपरनोवा के दौरान भी इसकी उत्पत्ति हुई थी हालांकि बाद में यह बात गलत पाई गई। इसके 1 ग्राम की कीमत 1800 करोड़ रुपए तक है।
 
एंटीमैटर (Antimatter)
एंटीमैटर दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ है। हालांकि इसे बनाना बेहद ही मुश्किल ही नहीं वरन असंभव है। वैज्ञानिक जानकारियों के अनुसार तमाम कोशिशों के बावजूद इसके सिर्फ 309 एटम (परमाणु) बनाए जा सके हैं। जनवरी 2011 में अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसायटी ने बताया कि ये थंडरस्टॉर्म क्लाउड्स के ऊपरी लेयर में भी पाया जाता है। 
 
इसके अलावा जिनेवा स्थित सर्न की टीम ने 309 एंटी हाइड्रोजन एटम 17 मिनट के लिए बनाए थे। वास्तव में इनकी कीमत भी इसलिए ही बहुत ज्यादा है क्योंकि ये बेहद कम समय के लिए ही पैदा किए जा सकते हैं। ये प्रोटॉन, न्यूट्रॉन और पॉजिट्रॉन सभी के लिए एंटीमैटर है। इसके मात्र 1 ग्राम की कीमत 31 लाख 25 हजार करोड़ रुपए है। 
 
स्वाभाविक है कि इससे ज्यादा महंगा पदार्थ दुनिया में लोगों की कल्पना में भी नहीं हो सकता है।

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