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यहां रहता है भूतों का कोहराम...

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क्या भूत-प्रेत होते हैं? इसका जवाब ना और हां दोनों में ही मिलता है। कुछ लोग मानते हैं कि भूत जैसी कोई चीज होती ही नहीं है, जबकि ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है जो मानते हैं कि न केवल भूत, प्रेतों का अस्तित्व होता है वरन यह अपनी विनाशकारी गतिविधियों से लोगों को डराते भी रहते हैं। हालांकि दुनिया में ऐसे भी स्थान हैं, विचित्र और दिलचस्प अनुभवों के बारे में जाने जाते हैं।  
 
इन जगहों पर निरंतर होने वाली रहस्यमय घटनाएं भूत-प्रेतों के अस्तित्व के बारे में जिज्ञासा को और अधिक बढ़ाती हैं। अनेक लोगों ने दावा किया है कि जब वे इन स्थानों पर थे तब उन्हें विचित्र रहस्यात्मक अनुभव हुए तथा कुछ अदृश्य शक्तियों का अनुभव हुआ। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही स्थानों के बारे में....
 
व्हाइट हाउस : व्हाइट हाउस वॉशिंगटन की ऐसी ही इमारतों में से एक है। अब्राहम लिंकन, अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति थे। अमेरिका के राष्ट्रपति के सरकारी आवास व्हाइट हाउस में अप्रैल 1865 में इनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके पश्चात अब्राहम लिंकन का भूत अक्सर व्हाइट हाउस में देखा जाता है जिसे विंस्टन चर्चित समेत कई लोगों ने देखा है। राष्ट्रपति ग्रेस कुलीज की पत्नी केल्विन कुलीज ने बताया कि उन्हें आभास हुआ कि राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन व्हाइट हाउस के ओवल दफ्तर की खिड़की के पास खड़े हुए दिखाई दिए। जब वे लिंकन की हत्या पर बना टेलीविजन प्रोग्राम देख रही थीं तभी उन्हें यह अहसास एहसास हुआ कि राष्ट्रपति लिंकन वहां उनके पास बैठे हुए हैं।
 
यह भी कहा जाता है कि लिंकन का भूत राष्ट्रपति रूजवेल्ट के कार्यकाल में सर्वाधिक देखा गया। एक बार राष्ट्रपति रूजवेल्ट की पत्नी अध्ययन कक्ष में बैठकर पढ़ रही थीं कि उन्हें वहां पर अब्राहम लिंकन की उपस्थिति का आभास हुआ। यह अध्ययन-कक्ष राष्ट्रपति लिंकन का शयनकक्ष था।
 
नीदरलैंड की महारानी विलमिना एक बार जब अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान व्हाइट हाउस में रुकी हुई थीं तब देर रात उनका किसी ने दरवाजा खटखटाया। जब उन्होंने दरवाजा खोला तो राष्ट्रपति लिंकन को वहां खड़े पाया। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल नहाकर बाथरूम से बाहर आए तो उन्होंने कमरे में फायर प्लेस के पास राष्ट्रपति लिंकन को बैठे देखा।
...अगले पेज पर पढ़ें भुतहा कार के बारे में... 

भुतहा कार, जिसने जापान की एक कार रेस में भाग लिया था :  मई 1963 में जापान में द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात पहली बार कार रेस का आयोजन किया गया। ’असानो मोसाना’ जापान के प्रसिद्ध कार रेसर थे। कहा जाता है कि उन्होंने जिस भी कार रेस में भाग लिया, वह प्रतियोगिता हमेशा उन्होंने ही जीती थी। इस रेस में भी ’असानो मोसाना’ ने भाग लिया था। इनकी कार का नंबर 42 था। 
 
जापान में 42 नंबर शुभ नहीं माना जाता है, वहां इसे मृत्यु का प्रतीक माना जाता है। असानो मोसाना ने इसे अंधविश्वास कहते हुए अपनी कार का नंबर 42 ही रखा तथा उस कार के साथ रेस में भाग लिया। उस कार रेस में उनकी कार बुरी तरह से दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उनकी इस दुर्घटना में मृत्यु हो गई। इसके पश्चात जापान ऑटो फेडरेशन ने कार रेस में 42 नंबर की कार पर रोक लगा दी थी।
 
इसके एक वर्ष पश्चात जापान में पुनः कार रेस का आयोजन हुआ। इस कार रेस के समय लगभग डेढ़ लाख दर्शक उपस्थिति थे। इस कार रेस में कार नं. 42 को कुछ समय के लिए रेस में भाग लेकर गायब होते हुए देखा गया। लोगों का मानना है कि ये असानो मोसाना का भूत ही था जिसने कार नंबर 42 के माध्यम से इस रेस में भाग लिया था।
सावधान! यहां आग जलाने वाला जिंदा नहीं रहता... पढ़ें अगले पेज पर...
 
 

नियाग्रा फाल की चीखती गुफा :  यह गुफा नियाग्रा फाल को टोरंटों एवं न्यूयॉर्क से जोड़ने वाली रेलवे लाइन के नीचे बनी है। यहां पर माचिस, लाइटर या किसी भी प्रकार की आग जलाने की मनाही है। ऐसा कहा जाता है कि जिसने भी यहां पर ऐसा किया उसकी मृत्यु हो गई। कहा जाता है कि इस गुफा के दक्षिणी प्रवेश द्वार के पास बने फार्म हाउस में एक बार आग लग गई थी तथा उसमें एक युवा स्त्री जलकर भस्म हो गई थी। उस फार्म हाउस में आग क्यों और कैसे लगी थी, यह अब तक एक रहस्य बना हुआ है।  
 
जलती हुई अवस्था में गुफा के दक्षिणी द्वार से प्रविष्ट होकर मदद के लिए चिल्लाते हुए उस स्त्री ने इस गुफा में ही दम तोड़ दिया था, परन्तु मदद न मिलने के कारण उसकी वहां पर मृत्यु हो गई थी। इसके पश्चात जिसने भी गुफा के दक्षिणी द्वार के पास माचिस या आग जलाने का प्रयास किया उसकी मृत्यु हो गई।
 
एडिनबर्ग का किला :  एडिनबर्ग (स्कॉटलैंड) शहर यूरोप के भुतहा शहर के नाम से प्रसिद्ध है। यहां का किला भी भुतहा किले के नाम से जाना जाता है। यह किला लगभग 900 वर्ष पहले 12वीं शताब्दी में बना था। इसके निर्माण के पश्चात इसे मुख्यतः सैनिक छावनी के रूप में ही प्रयोग किया जाता रहा है। इस दौरान इस किले पर अनेक बार आक्रमण भी हुए तथा अनेक सैनिकों की निर्ममता से हत्याएं भी हुईं। अब यहां पर्यटक अक्सर इस किले में घूमने के दौरान रहस्यमय अनुभूतियां होने का दावा करते हैं। 
 
वर्ष 2001 में यह किला पैरानॉर्मल सर्वेक्षण का केंद्र बना। इस वर्ष 9 शोधकों के नेतृत्व में लगभग 200 स्वयंसेवकों के दल के साथ, जिन्हें इस किले के इतिहास के बारे में कुछ भी मालूम नहीं था, किले के विभिन्न भागों का सर्वेक्षण किया। इन स्वयंसेवकों को किले में घूमने को कहा गया। उन्हें यह नहीं बताया गया कि इस किले के कुछ भाग भुतहा हैं। परन्तु आश्चर्यजनक रूप से 200 स्वयंसेवकों में से 50 प्रतिशत ने बताया कि किले के भुतहा क्षेत्र से गुजरते हुए उन्हें विचित्र अनुभूतियां हुईं।
 
उन्होंने बताया कि वहां उन्हें कुछ धुंधली आकृतियां दिखाई दीं, उस दौरान उन्हें शरीर में अजीब प्रकार की जलन का अनुभव भी हुआ। कुछ को ऐसा लगा कि कोई उनके कपड़े पकड़कर खींच रहा है। कुछ को वहां के तापमान में अत्यधिक गिरावट महसूस हुई तथा कुछ को अत्यधिक घुटन का एहसास हुआ।
यहां दिखता है हत्यारे और बलात्कारी का भूत... पढ़ें अगले पेज पर....

हीथ्रो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, लन्दन :  हीथ्रो हवाई अडडे पर हाईवेमैन यानी डिक टर्पिन का भूत अक्सर देखा जाता है। टर्पिन ने हाइवे पर बहुत सी हत्याएं, बलात्कार एवं लूटपाट की थी। इस कारण उसे 1739 में फांसी की सजा दे दी गई थी। इसके पश्चात डिक टर्पिन का भूत हीथ्रो हवाई अड्‍डे के मुख्य टर्मिनल पर अक्सर देखा जाता है। इसी हवाई अडडे पर 1948 में एक हवाई जहाज रनवे पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें जहाज में सवार सभी यात्री मारे गए थे। 
 
जहाज के क्षतिग्रस्त होने के बाद जब रेस्क्यू वर्कर्स जहाज के मलबे को हटा रहे थे तो अचानक एक व्यक्ति आकर अपने सूटकेस के बारे में पूछने लगा। थोड़ी देर के पश्चात वह गायब हो गया। कुछ देर पश्चात रेस्क्यू वर्कर्स को उस व्यक्ति की लाश जहाज के मलबे में मिली। उसके पश्चात वह व्यक्ति सर्वे पर अक्सर देखा जाता रहा है। 1970 में एक दिन राडार पर एक मानव आकृति निरंतर दिखाई दे रही थी परन्तु रनवे पर बहुत खोजने के बाद भी कोई नहीं मिला था।
यहां सूर्यास्त के बाद कोई नहीं जाता... पढ़ें अगले पेज पर....

चीन की ग्रेट दीवार विश्व के सात आश्चर्यों में से एक है। इस दीवार का निर्माण सैकड़ों वर्ष में पूरा हुआ था। ऐसा कहा जाताहै कि इस निर्माण के दौरान लाखों मजदूरों एवं सैनिकों की मौत अपने घरों से बहुत दूर इसी दीवार के आसपास हुई दुर्घटनाओं में हो गई थी। इस दीवार पर घूमते समय अनेक पर्यटकों को विचित्र अनुभूतियां हुई हैं। किसी को धुंधली आकृतियां दिखीं तो अचानक किसी को अदृश्य जकड़न का एहसास हुआ। कुछ पर्यटक को तो यहां तक भी कहते हैं कि किसी अदृश्य व्यक्ति ने उन्हें थप्पड़ भी मारा है। बीजिंग के उत्तर की ओर स्थित दीवार के हिस्से को ’वाइल्ड वॉल’ कहा जाता है तथा यह भाग भुतहा इलाके के नाम से प्रसिद्ध है।
अगले पेज पर पढ़ें... दिल्ली की भुतहा कोठियों के बारे में....

नई दिल्ली की कोठियां :  इसके अलावा भारत की राजधानी नई दिल्ली का हार्ट मानी जाने वाली जगह शाहजहा रोड तथा तिलक मार्ग पर ऐसी भव्य कोठियां हैं जो भूत बंगला कहलाती हैं और किसी को अलॉट नहीं होतीं या उसमें टिकने वाले मेहमान एक रात से ज्यादा उसमें नहीं रह पाते हैं। ये इमारतें सीपीडब्ल्यूड़ी के संरक्षण में हैं।
 
बरमूडा त्रिकोण : यह क्षेत्र डेविल्स ट्रायंगल के नाम से भी जाना जाता है। यह उत्तरी अटलांटिक महासागर के पश्चिमी भाग में है। वहां से गुजरने वाले सभी जहाज रहस्मय ढंग से गायब हो जाते हैं यहां तक कि इस क्षेत्र के ऊपर से गुजरने वाले हवाई जहाज भी रहस्यमय ढंग से गायब हो जाते हैं। इन रहस्यों पर से आज तक कोई पर्दा नहीं उठा पाया है। कुछ लोग इसे भुतहा शक्तियों का प्रभाव भी मानते हैं।

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