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30 मई से 5 जून तक चलेगा पर्यावरण संवाद सप्ताह, हर दिन होगी प्लास्टिक के खतरों पर बात

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30 मई से जिम्मी मगिलिगन सेंटर पर पर्यावरण संवाद उत्सव का शुभारंभ 
 
इस वर्ष 5 जून को जब विश्व भर में पर्यावरण दिवस मनाया जाएगा तो उसका एक ही स्वर होगा हमारे वातावरण को घातक प्लास्टिक से कैसे मुक्त करें। इसकी वजह है कि संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) ने विश्व पर्यावरण दिवस 2018 का विषय 'बीट प्लास्टिक' सुनिश्चित किया है। इसका उद्देश्य है कि समूचे वातावरण को, हमारे दैनिक जीवन को प्लास्टिक के खतरे से पूरी तरह बचाना है। 
 
प्रति वर्ष की तरह इस साल भी जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट, सनावदिया पर 30 मई, 2018 को सुबह 10 बजे से 'प्लास्टिक हटाओ, जीवन बचाओ' नारे और विषय के साथ पर्यावरण संवाद सप्ताह शुरू होगा जिसका समापन 5 जून 2018 को इसी विषय पर विशेष आयोजन के साथ संपन्न होगा। इस 7 दिवसीय आयोजन की खास बात यह है कि हर दिन प्लास्टिक से जुड़ा कोई ऐसा विषय चर्चा के लिए रखा गया है जो जीवन के किसी न किसी क्षेत्र में परेशानी का सबब बन रहा है। चाहे वह क्रिकेट हो या नदी, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हो या हमारे सांस्कृतिक स मारोह। वास्तव में प्लास्टिक हमारी दुनिया पर इस तरह काबिज है कि अब वह जानलेवा खतरे के साथ भस्मासुर बन रहा है। वक्त पर इसका निराकरण नहीं हुआ तो समूची पृथ्वी प्लास्टिक के घेरे में आकर विनाश की कगार पर पहुंच जाएगी। 
 
 
जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट की निदेशक जानीमानी पर्यावरणविद् पद्मश्री डॉ. जनक पलटा मगिलिगन ने इस सप्ताह के बारे में बताया कि यह सार्थक व सकारात्मक संवाद सप्ताह 30 मई 2018 से 5 जून 2018 तक चलेगा इसके अंतर्गत पक्षी, जानवर, हवा ,पानी, मिट्टी, वनस्पति, और खेती के साथ अपने दैनंदिन के क्रियाकलाप को बिना प्लास्टिक के कैसे सुचारू बनाया जा सकता है इस पर हर दिन के सत्र में चर्चा होगी। प्लास्टिक प्रदूषण के खतरों को समय पर पहचानना, प्लास्टिक के उत्पादों से दूरी, उत्पादन पर रोक 
तथा स्थायी विकल्प और समाधान की दिशा में क्या किया जा सकता है इस पर हर उम्र के व्यक्ति से लेकर समूह, संगठन, संस्था और विशेषज्ञ द्वारा सुझाव और समाधान तलाशे जाएंगे साथ ही आम जनता को इसके खतरे से अवगत कराया जाएगा एवं अधिक से अधिक लोगों को शामिल कर इस अभियान को आगे बढ़ाने का आह्वान किया जाएगा। इस दिशा में लोगों को जिम्मेदार और जागरूक कैसे बनाया जाए इस की पहल की जाएगी।

संवेदना के स्तर पर जब तक हमारे अंदर प्लास्टिक के गंभीर खतरों की जानकारी और डर नहीं होगा तब तक इससे पूर्णत: छुटकारा संभव नहीं होगा। आज प्लास्टिक ने देश को इतने भीतर तक जकड़ रखा है कि इसके पंजों को पूरी ताकत से काटना ही हमारी प्राथमिकता और मजबूरी बन गई है। यही वजह है कि विश्व स्तर पर इसके खिलाफ एक स्वर में आवाज उठ रही है। जब तक यह आवाज हर स्तर पर हर व्यक्ति की नहीं बन जाती तब तक हमारे प्रयास अधूरे ही रहेंगे।   
 
7 दिवसीय इस संवाद सप्ताह आयोजन में शहर के साथ देश भर से पर्यावरण प्रेमी शामिल हो रहे हैं। स्थानीय प्रतिभागी प्रतिदिन अपने घर से बना शुद्ध सात्विक देसी भोजन लेकर आएंगे और सेंटर पर मिलजुल कर साझा करेंगे। ना सिर्फ अपना भोजन बल्कि प्लास्टिक मुक्त देश के लिए अपने सुझाव, विचार, योजनाएं, क्रिया कलाप, अनुभव और संकल्पों का भी आदान प्रदान करेंगे। खा स बात यह रहेगी कि सभी अपना भोजन इस अंदाज में करेंगे कि कोई भी कचरा, किसी भी तरह का हानिकारक अपशिष्ट या प्लास्टिक भोजन के बाद शेष ना रहे। 
 
 वास्तव में यह प्रतिभागियों को अपशिष्ट मुक्त जीवन शैली को अपनाने, ऑर्गेनिक भोजन और ऊर्जा के नवीन सौर स्रोतों के उपयोग के लिए प्रेरित करने की सार्थक पहल होगी। 
 
इस पूरे सप्ताह पर्यावरण संरक्षण, प्ला स्टिक प्रदूषण के निदान, प्लास्टिक से लड़ने की चुनौ‍ती तथा उसके सेहतमंद विकल्पों पर ना सिर्फ चर्चा होगी बल्कि अपनी जीवनशैली के माध्यम से उदाहरण प्रस्तुत किए जाएंगे कि कैसे अपनी जरूरतों को कम से कम कर और इको  फ्रेंडली उत्पादों का चयन कर अपने जीवन को सरल, सुविधाजनक और स्वस्थ बनाया जा सकता है। अपनी लाइफ स्टाइल बदल कर हम अपनी लाइफ में कुछ और वर्षों का इजाफा कर सकते हैं।    
 
यह पर्यावरण सप्ताह, 30 मई से 5 जून, 2018 तक हर दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित किया जाएगा। प्रतिदिन आयोजन का आरंभ प्रार्थना से होगा। इस आयोजन की खास बात यह है कि किसी भी तरह के रजिस्ट्रेशन और फीस का यहां प्रावधान नहीं है। प्रदूषण मुक्त जीवनशैली को अपनाते हुए यहां सभी शामिल प्रतिभागियों के लिए मिट्टी के घड़े में पानी पीने की व्यवस्था रखी गई है। चर्चा उपरांत  समस्त प्रतिभागी दोपहर 12.30 से 1 के बीच अपने साथ लेकर आए लंच का मजा ले सकते हैं। जैसा कि पूर्व में बताया गया कि शर्त यही है कि यह लंच बिना किसी प्लास्टिक कचरे या डिस्पोजेबल आइटम के करना होगा। 
 
आयोजन स्थल: जिम्मी मगिलिगन सेंटर फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट, ग्राम सनावदिया(कोल्ड स्टोरेज के पीछे)
 
कार्यक्रम की संपूर्ण रूपरेखा इस प्रकार है
प्रथम दिवस : 30 मई, 2018 (बुधवार)
 
समय : सुबह 10 से दोपहर 1 बजे
 
विषय : सस्टेनेबल डेवलेपमेंट के लिए रोजमर्रा के जीवन से कैसे प्लास्टिक दूर करें
 
वक्ता : डॉ श्रीमती जनक पलटा मगिलिगन  
 
वक्ता : श्री नीरज बेडोतिया, प्रिंसिपल डेली कॉलेज
 
दिवस 2  : 31 मई, 2018 (गुरुवार) 
 
समय : सुबह 10 से दोपहर 1 बजे
 
विषय : कैसे करें कचरा प्रबंधन, जानिए प्लास्टिक के खतरे 
 
संबोधन : डॉ. जनक पलटा मगिलिगन  
 
वक्ता : श्री असद वारसी, सीईओ - इको वेस्ट मैनेजमेंट/पर्यावरण/ प्रदूषण आईएमसी, इंदौर
 
• टीम स्वाहा आईआईटी ग्रेजुएटस
 
• राहुल हसीजा, करम्बीर, स्वराज विश्वविद्यालय राजस्थान, श्रीमती स्मिता भारद्वाज आईएएस
दिवस 3 : 1 जून, 2018 (शुक्रवार)
 
समय : सुबह 10 से दोपहर 1 बजे 
 
विषय : प्लास्टिकमुक्त क्रिकेट व अन्य खेल
 
वक्ता :  श्री संजय जगदाले, अंतर्राष्ट्रीय भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी और बीसीसीआई (भारत क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड) के पूर्व सचिव 
 
• इस व्याख्यान में डॉ. श्रीमती जनक पलटा मगिलिगन आह्वान करेंगी कि कैसे प्लास्टिक प्रदूषण खत्म किया जाए, पर्यटन में फ्लेक्स बैनर को कैसे खत्म करें, यात्रा, मनोरंजन, सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक कार्यक्रमों से कैसे पूरी तरह से प्लास्टिक हटाएं। 
 
 • डॉ दिव्या गुप्ता, स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं ज्वाला संस्थान की संस्थापक का उद्बोधन भी होगा।
दिवस 4 : 2 जून, 2018, (शनिवार)
 
वक्ता :  डॉ. श्रीमती जनक पलटा मगिलिगन प्लास्टिक के विकल्पों पर जोर देंगी साथ ही यह बताएंगी कि कैसे प्लास्टिक का इस्तेमाल पूर्णत: बंद किया जा सकता है।    
 
• प्लास्टिक खेती, खाद्य और स्वास्थ्य के लिए कितना घातक' इस विषय पर संबोधन करेंगे, श्री अरुण डिके, ग्रीन हीरो, पायनियर ऑर्गेनिक फार्मिंग
 
• 'प्लास्टिक से पेड़ों को कितना नुकसान है' इस विषय पर पर संबोधित करेंगे श्री अबंरीश केला, ग्रीन हीरो, जैविक सेतु के संस्थापक
 
•  श्री भानु पटेल, (द्वारका कॉस्टिंग्स) का संबोधन
 
• कर्नल अनुराग शुक्ला का संबोधन
दिवस 5 : 3 जून , 2018 (रविवार)
 
• नदियों में बढ़ता प्रदूषण, विषय पर पर्यावरणविद् श्री दिलीप चिंचालकर का उद्बोधन 
 
• 'नर्मदा में बढ़ता प्लास्टिक प्रदूषण और हमारी जिम्मेदारी' विषय पर डॉ. अफरोज़ अहमद, डायरेक्टर, भारत सरकार नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण 
 
• प्लास्टिक से लबालब इंदौर की कान्ह और सरस्वती नदी तथा कुएं/बावड़ी तथा बढ़ता प्रदूषण विषय पर सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवाणी द्वारा संबोधन
 
• खुशहाल जिंदगी और अपने मन की खुशी के लिए जरूरी है प्लास्टिक पर प्रतिबंध 
 
इस विषय पर डॉ गुरमीत सिंह नारंग का संबोधन, संस्थापक तवलीन फाउंडेशन
दिवस 6 : 4 जून, 2018 (सोमवार)
 
समय: सुबह 10-11 बजे, 11-12 बजे और अंत में 12 -1 बजे
 
• प्लास्टिक से पक्षियों को गंभीर खतरा विषय पर अजय गडकर बर्डवॉचर तथा ब्लॉगर श्री देव कुमार वासुदेवन का संबोधन
 
•  प्लास्टिक से गायों को जानलेवा खतरा विषय पर श्री प्रेम जोशी, श्रीमती अनुराधा दुबे और डॉ श्रीमती जनक पलटा मगिलिगन का संबोधन
दिवस 7 : 5 जून, 2018 (मंगलवार)
 
समय: सुबह 10 से 1 बजे
 
• जलवायु परिवर्तन व ग्लोबल वॉर्मिंग पर प्रो. आरएल सावनी का संबोधन
 
• ई कचरा प्रबंधन पर श्री समीर शर्मा, आईटी विशेषज्ञ और डॉ श्रीमती जनक पलटा मगिलिगन का संबोधन 
 
आयोजन के अंत में स्थानीय युवा और प्रतिभागियों द्वारा देवगुराड़िया मंदिर क्षेत्र की सफाई की जाएगी।
 
 
 
विशेष सूचना : जो भी पर्यावरण प्रेमी, जिम्मेदार नागरिक, आम जनता इस 7 दिवसीय समारोह में शामिल होना चाहते हैं वह अपने विषय में पूर्व में स्पष्ट जानकारी दें कि किस दिनांक को कितने लोग आएंगे ताकि समुचित व्यवस्था हो सके। 
 
 [email protected]  इस मेल आइ डी पर अपने आने की सूचना दें और स्वीकृति का इंतज़ार करें। 
 
30 मई व 5 जून को सारी उपस्थिति भर (सुनिश्चित) चुकी है अत: इन दो दिनों के अलावा 31मई-4 जून के लिए मेल कर सकते हैं। 

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