Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(वरुथिनी एकादशी)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण एकादशी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00
  • व्रत/मुहूर्त- वरुथिनी एकादशी, नर्मदा पंचकोशी यात्रा, प्रभु वल्लभाचार्य ज.
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

2 फरवरी: महान संत स्वामी रामानंदाचार्य की जयंती, जानें रोचक बातें

हमें फॉलो करें 2 फरवरी: महान संत स्वामी रामानंदाचार्य की जयंती, जानें रोचक बातें

WD Feature Desk

Ramanandacharya Jyanati 
 
HIGHLIGHTS
 
* धूमधाम से मनाई जाएगी जगद्गुरु श्री रामानंद आचार्य जी की जयंती।
* वैष्णव समाजबंधु 2 फरवरी को मनाएंगे स्वामी रामानंदाचार्य जयंती महोत्सव। 
* रामानंद संप्रदाय के प्रवर्तक जगद्गुरु रामानंदाचार्य की जयंती शुक्रवार को।

Swami Shree Ramanandacharya : वर्ष 2024 में 2 फरवरी को स्वामी रामानंदाचार्य की जयंती मनाई जा रही है। रामानंद का जन्म माघ मास की सप्तमी तिथि पर सन् 1300 में कान्यकुब्ज ब्राह्मण के कुल में हुआ था। जानें रोचक बातें-
 
• 14वीं सदी के वैष्णव भक्ति के कवि संत और संत रामानंदाचार्य की जयंती 2024 में 2 फरवरी को मनाई जा रही है। 
 
• रामानंद का जन्म माघ मास की सप्तमी तिथि पर कान्यकुब्ज ब्राह्मण के कुल में हुआ था। उनके पिता पुण्य शर्मा तथा माता का नाम सुशीला देवी था। 
 
• वशिष्ठ गोत्र कुल के होने के कारण वाराणसी के एक कुलपुरोहित ने मान्यता अनुसार जन्म के 3 वर्ष तक उन्हें घर से बाहर नहीं निकालने और 1 वर्ष तक आईना नहीं दिखाने को कहा था।
 
• मात्र 8 वर्ष की उम्र में उपनयन संस्कार होने के बाद उन्होंने वाराणसी पंच गंगाघाट के स्वामी राघवानंदाचार्य जी से दीक्षा प्राप्त की थी। 
 
• दीक्षा, तपस्या तथा ज्ञानार्जन के बाद बड़े-बड़े साधु-विद्वानों पर उनके ज्ञान का प्रभाव दिखने लगा था। और इसी कारण मुक्ति या मोक्ष की इच्छा रखने वाले लोग अपनी तृष्णा शांत करने के लिए उनके पास आने लगे।
 
• रामानंदाचार्य ने हिन्दू धर्म को संगठित और व्यवस्थित करने के अथक प्रयास किए। उन्होंने ही वैष्णव संप्रदाय को पुनर्गठित करके वैष्णव साधुओं को उनका आत्मसम्मान दिलाया। 
 
• रामानंदाचार्य जी के 1. संत अनंतानंद, 2. संत सुखानंद, 3. सुरासुरानंद , 4. नरहरीयानंद, 5. योगानंद, 6. पिपानंद, 7. संत कबीरदास, 8. संत सेजा न्हावी, 9. संत धन्ना, 10. संत रविदास, 11. पद्मावती और 12. संत सुरसरी ये बारह प्रमुख शिष्य थे।
 
• स्वामी रामानंदाचार्य जी ने संवत्‌ 1532 यानी सन्‌ 1476 में अपनी देह का त्याग कर दिया था। 
 
• संत कबीर और रविदास जैसे संत उनके शिष्य रहे थे। 
 
• आद्य जगद्‍गुरु स्वामी रामानंदाचार्य को वैष्णव भक्तिधारा के महान संत कहा जाता हैं।
 
• श्री रामानंदाचार्य हिंदुओं के सबसे बड़े मठ समुदायों में से एक 'रामानंदी' संप्रदाय के संस्थापक हैं। 
 
• प्रतिवर्ष स्वामी रामानंदाचार्य की जयंती माघ कृष्ण सप्तमी तिथि पर मनाई जाती है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Aaj Ka Rashifal: आज का दिन क्या लाया है 12 राशियों के लिए, जानें 02 फरवरी 2024 का राशिफल