Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(आशा द्वितीया)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण द्वितीया
  • शुभ समय- 6:00 से 7:30, 12:20 से 3:30, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त-आसों दोज, आशा द्वितीया, विश्व मलेरिया जागरूकता दि.
  • राहुकाल-दोप. 1:30 से 3:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

महान संत गुरु गोकुलदासजी महाराज

हमें फॉलो करें महान संत गुरु गोकुलदासजी महाराज
गुरु गोकुलदास महाराज का जन्म 6 जनवरी 1907 को उत्तरप्रदेश के बेलाताल गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम करणदास तथा माता का नाम श्रीमती हर्बी था। समाज परिवर्तन में मुख्य भूमिका निभाने वाले गोकुलदासजी मेघवंश, डोम, डुमार, बसोर, धानुक, नगारची, हेला आदि समाज के महान संत थे। वे एक तपस्वी, बाल ब्रह्मचारी महाराज थे।

 
भारत की स्वतंत्रता के पश्चात 1962 में चीन के आक्रमण किए जाने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नेहरूजी से भेंट की थी तथा अपने अनुयायियों को देश के लिए लड़ने और मरने की सलाह दी और स्वयं ने चित्रकूट की पहाड़ियों में घोर तपस्या करते हुए 7 दिन तक अन्न-जल का त्याग करके तप किया था।
 
अपने अनुयायियों के साथ सत्संगरत रहने वाले गोकुलदासजी ने पूरे देश का भ्रमण किया था। सन् 1964 में भारत के आक्रमण पर तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री से भेंट करके उन्होंने चित्रकूट की पहाड़ियों में भारत की विजय होने तक घोर तपस्या की थी।

 
गुरु गोकुलदासजी में देशभक्ति कूट-कूटकर भरी हुई थी। वे एक सच्चे देशभक्त थे। आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वालों का वे बहुत सम्मान करते थे। वे हमेशा यही कहा करते थे कि संकट की घड़ी में हर भारतीय को धर्म, जाति के भेदभाव से ऊपर उठकर देश की सेवा करना चाहिए।
 
समाज के सजग प्रहरी और देशभक्त गोकुलदासजी समाज की पूजा-पद्धति, सामाजिक रीति-रिवाज, वैवाहिक पद्धति आदि को समान रूप से मानते थे। वे एक महान संत थे जिन्होंने अपना जीवन समाज को समर्पित कर उसे पहचान दिलाई। ऐसे महान संत को नमन!

-आरके 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

makar sankranti | मकर संक्रांति में संक्राति क्या है, जानिए इसका रहस्य