Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

रंगपंचमी : रंगों का प्रमुख त्योहार

रंगबिरंगी गेर के साथ होगा रंगपंचमी का समापन

हमें फॉलो करें रंगपंचमी : रंगों का प्रमुख त्योहार
भारत के हर राज्य एवं हर स्थान पर होली का त्योहार मनाने की एक अलग ही परंपरा है। इसमें कुछ स्थानों पर होली के पांचवें दिन यानी चैत्र कृष्ण पंचमी को रंगपंचमी का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
 
कई स्थानों पर होली से भी ज्यादा रंगपंचमी पर रंग खेलने की परंपरा है। कई जगहों पर धुलेंड़ी पर गुलाल लगाकर होली खेली जाती है तो रंगपंचमी पर अच्छे-खासे रंगों का प्रयोग कर रंगों का त्योहार मनाया जाता है।

खास तौर मध्यप्रदेश में रंगपंचमी खेलने की परंपरा काफी पौराणिक है। इस दिन मालवावासियों की रंगपंचमी के गेर की टोलियां सड़कों पर निकालती है तथा एक-दूसरे को रंग लगा कर इस त्योहार की खुशियां इजहार करती है।
 
मालवा में इस दिन खास तौर जगह-जगहों पर जुलूस निकाले जाते हैं, जिन्हें गैर कहा जाता है। इसमें शस्त्रों का प्रदर्शन काफी महत्व रखता है। इसके साथ ही सड़कों पर युवा वर्ग हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए सबका मन मोह लेते हैं। इस दिन खास तौर पर पुरणपोली या फिर श्रीखंड-पूरी का आनंद सभी उठाते हैं।

रंगपंचमी के दिन इन रंगों की फुहार में भीगने के लिए न तो किसी को बुलावा दिया जाता है, न ही कोई किसी को रंग लगाता है। फिर भी हजारों हुरियारे हर साल रंगपंचमी पर निकलने वाली गेर यात्रा (फाग) में शामिल होकर इस उत्सव में डूबते हैं और रंगों का त्योहार खुशी-खुशी मनाते हैं।
 
इस गेर के जरिए पानी बचाओ, महिला सशक्तीकरण, बेटी बचाओ आंदोलन, रेप-बलात्कार से भारत को मुक्ति दिलाने वाले संदेशों पर जोर दिया जाएगा। इस गेर में महिलाओं की विशेष फाग यात्रा भी निकलती है।

यहां मनाया जाने वाला रंगपंचमी की गैर एक ऐसा रंगारंग कारवां है, जिसमें बगैर भेदभाव के पूरा शहर शामिल होता है और जमीन से लेकर आसमान तक रंगबिरंगी रंग ही रंग नजर आता हैं।
 
होली का अंतिम दिन रंगपंचमी यानी होली पर्व के समापन का दिन माना जाता है। रंगबिरंगी गेर के साथ इस त्योहार का समापन होता है।
 
- राजश्री

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

होली के रंगबिरंगे दोहे