Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(दशमी तिथि)
  • तिथि- वैशाख कृष्ण दशमी
  • शुभ समय- 7:30 से 10:45, 12:20 से 2:00 तक
  • व्रत/मुहूर्त-भद्रा, प्रेस स्वतंत्रता दिवस
  • राहुकाल-प्रात: 10:30 से 12:00 बजे तक
webdunia
Advertiesment

पुष्पक विमान कैसा था? जानें आश्चर्यजनक तथ्य

हमें फॉलो करें पुष्पक विमान कैसा था? जानें आश्चर्यजनक तथ्य
, बुधवार, 28 जून 2023 (18:09 IST)
Speciality of pushpak vimana : रामायण में वर्णित है कि रावण पंचवटी से माता सीता का हरण करके पुष्पक विमान से लंका लेकर आया था। प्रभु श्री राम लंका विजय के बाद अयोध्‍या इसी विमान से पहुंचे थे। आओ जानते हैं कि पुष्पक विमान कैसा था और क्या है इसका आश्‍चर्यजनक तथ्‍य।
 
किसने बनाया था पुष्पक विमान : पुष्पक विमान के निर्माता विश्वकर्मा थे। कुछ के अनुसार पुष्‍पक विमान के निर्माता ब्रह्मा थे। 
 
किसके पास था पुष्पक विमान : ब्रह्मा ने यह विमान कुबेर को भेंट किया था। कुबेर से इसे रावण ने छीन लिया। रावण की मृत्‍यु के बाद विभीषण इसका अधिपति बना और उसने फिर से इसे कुबेर को दे दिया। कुबेर ने इसे श्री राम को उपहार में दे दिया था।
 
प्राचीन भारत के पुष्पक विमान के आश्‍चर्यजनक तथ्य | Amazing facts of Pushpak Vimana:
 
  • पुष्पक विमान एक यात्री विमान था। महर्षि भारद्वाज द्वारा लिखित ‘वैमानिक शास्त्र’ के अनुसार गोधा, परोक्ष, प्रलय अश जलद रूप लड़ाकू विमान थे।
  • वाल्मीकि रामायण के अनुसार पुष्‍पक विमान मोर जैसी आकृति का आकाशचारी विमान था, जो अग्‍नि-वायु की समन्‍वयी ऊर्जा से चलता था।
  • पुष्पक विमान की गति तीव्र थी और चालक की इच्‍छानुसार इसे किसी भी दिशा में गतिशील रखा जा सकता था। 
  • इस विमान को छोटा-बड़ा भी किया जा सकता था। मतलब यह फोल्डिंग विमान था।
  • यह विमान सभी ऋतुओं में आरामदायक यानी वातानुकूलित था।
  • इसमें स्‍वर्ण खंभ मणिनिर्मित दरवाजे, मणि-स्‍वर्णमय सीढ़ियां, वेदियां (आसन) गुप्‍त गृह, अट्‌टालिकाएं (कैबिन) तथा नीलम से निर्मित सिंहासन (कुर्सियां) थे। यह अनेक प्रकार के चित्र एवं जालियों से यह सुसज्‍जित था।
  • यह दिन और रात दोनों समय गतिमान रहने में समर्थ था। तकनीकी दृष्‍टि से पुष्‍पक में इतनी खूबियां थीं, जो वर्तमान विमानों में नहीं हैं।
  • ताजा शोधों से पता चला है कि यदि उस युग का पुष्‍पक या अन्‍य विमान आज आकाश गमन कर ले तो उनके विद्युत-चुंबकीय प्रभाव से मौजूदा विद्युत व संचार जैसी व्‍यवस्‍थाएं ध्‍वस्‍त हो जाएंगी।
  • पुष्‍पक विमान के बारे में यह भी पता चला है कि वह उसी व्‍यक्‍ति से संचालित होता था जिसने विमान संचालन से संबंधित मंत्र सिद्ध किया हो, मसलन जिसके हाथ में विमान को संचालित करने वाला रिमोट हो।
  • शोधकर्ता भी इसे कंपन तकनीक (वाइब्रेशन टेक्नोलॉजी) से जोड़कर देख रहे हैं।
  • पुष्‍पक की एक विलक्षणता यह भी थी कि वह केवल एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान तक ही उड़ान नहीं भरता था, बल्‍कि एक ग्रह से दूसरे ग्रह तक आवागमन में भी सक्षम था यानी यह अंतरिक्ष यान की क्षमताओं से भी युक्‍त था। इस विवरण से जाहिर होता है कि यह उन्‍नत प्रौद्योगिकी और वास्‍तुकला का अनूठा नमूना था।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Sawan Special: सावन में व्रत रख रहे हैं तो यह पनीर रेसिपीज नोट कर लें