Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia

आज के शुभ मुहूर्त

(बगुलामुखी जयंती)
  • तिथि- वैशाख शुक्ल अष्टमी
  • शुभ समय- 6:00 से 9:11, 5:00 से 6:30 तक
  • व्रत/मुहूर्त- मां बगुलामुखी जयंती, केवट ज., अंतरराष्ट्रीय परिवार दि.
  • राहुकाल- दोप. 12:00 से 1:30 बजे तक
webdunia

पुरुषोत्तम मास चल रहा है, श्री विष्णु को क्या पसंद है?

हमें फॉलो करें पुरुषोत्तम मास चल रहा है, श्री विष्णु को क्या पसंद है?
, बुधवार, 2 अगस्त 2023 (16:00 IST)
Adhikamas 2023 : अधिकमास यानी पुरुषोत्तम मास चल रहा है। यह श्री हरि विष्णु जी मास है जो उन्हें बहुत प्रिय है। इस माह में उनकी पूजा और अर्चना करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दौरान उनके पसंद की प्रिय वस्तुएं और भोग अर्पित करने से वे भक्तों को आशीर्वाद देकर उनके संकट हर लेंगे। जानिए कि क्या है उनको पसंद।
 
1. पुष्प : अगस्त्य, पारिजात, कमल, जूही, केवड़ा, मालती और वैजयंती के फूल अर्पित करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
 
2. खीर : भगवान विष्णुजी को खीर का नैवेद्य बहुत पसंद है। खीर कई प्रकार से बनाई जाती है।
 
3. हलवा : सूजी का हलवा विष्णुजी को बहुत प्रिय है।
 
4. पंचामृत : पूजा-पाठ या आरती के बाद तुलसीकृत जलामृत व पंचामृत चढ़ाएं।
 
5. तुलसी का पत्ता : विष्णु के पूजन और नैवेद्य में तुलसी का पत्ता चढ़ाना अनिवार्य है। इससे वे बहुत ज्यादा प्रसन्न होते हैं।
webdunia
6. केला : केला भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं उनके नैवेद्य में केला होना भी जरूरी है।
 
7. श्रीफल : फल और फूल के साथ श्रीफल चढ़ाने से लक्ष्मीपति प्रसन्न होते हैं।
 
8. पीला वस्त्र : पीला रंग भगवान विष्णु को भी बहुत प्रिय है। उन्हें पितांबर वस्त्र पहनाया जाते हैं और पीले पाट पर पीला वस्त्र बिछाकर उन्हें विराजमान किया जाता है।
 
9. चंदन या गोरोचन : भगवान श्रीविष्णु को गोरोचन और चंदन प्रिय है। गोरोचन गाय के शरीर से प्राप्त होता है और चंदन का एक वृक्ष होता है। चंदन कई प्रकार के होते हैं। गोपी चंदन उन्हें सबसे प्रिय हैं।
 
10. अक्षत : अक्षत का अर्थ चावल है। चावल उनके मस्तक पर लगाते भी हैं और केसर भात बनाकर उन्हें चढ़ाते भी हैं।
 
11. तिल : कहते हैं कि काले और सफेद तिल विष्णुजी के शरी से ही उत्पन्न हुए थे। एक घी का दीपक जलाकर उसमें काले या सफेद तिल चढ़ाएं।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

सावधान! कलयुग चल रहा है, कलिकाल में स्त्री पुरुष कैसे होंगे?