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सावधान रहें, धीरे-धीरे दस्तक देती ठंड से

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सर्दी आने वाली है। इसका अहसास अब तक नहीं हुआ है। तापमान में कोई अंतर नहीं आया है। वैसे इसकी वजह मौसम की मौजूदा विसंगति भी है। लेकिन वजह चाहे जो हो, तापमान बढ़ते ही लोग सर्दी को लेकर लापरवाह हो जाते हैं। बस तभी यह धीरे धीरे आती हुई सर्दी चुपके से कोल्ड और फ्लू के रूप में खतरनाक हमले शुरू कर देती है। सवाल है, इससे कैसे बचे रहें। तो चुपके से धावे बोलने वाली इस कोल्ड से बचने के बेहतर तरीके ये हैं-
 
जितनी ज्यादा बार संभव हो अपने हाथ धोएं।
 
अगर कोई कोल्ड या फ्लू से पीड़ित है तो उससे हाथ मिलाने, वायरसग्रस्त सतह जैसे दरवाजे के हैंडिल आदि छूने, फिर उन्हीं हाथों से अपनी आंखें मलने की वजह से कोल्ड होता है। 
 
रोजाना विटामिन-सी लें। इससे दस्तक देती गर्मी में भी आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और उपचार में भी तेजी आती है।
 
ज्यादा तनाव से बचें क्योंकि तनाव आपके जिस्म में जो इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता है उसमें बाधक बनता है।
 
रोजाना तीस मिनट तक कसरत करने से भी कोल्ड और फ्लू से लड़ने में मदद मिलती है। 
 
कोल्ड और फ्लू में आमतौर पर भेद करना मुश्किल है। लेकिन फ्लू जरा तेजी से आता है और कोल्ड की तुलना में जिस्म को ज्यादा तोड़ देता है। इसी से इसके फर्क को समझ लें।
 
इसके अन्य लक्षणों में हैं- टांगों में दर्द, तेज तापमान का अहसास और पूरे जिस्म में थकान। यह बहुत जल्दी दूसरे लोगों में भी फैलता है। कहने का मतलब यह कि यह बेहद संक्रामक है। 
 
इससे बचने के तरीके हैं-
 
खूब आराम करें। 
 
खूब तरल पेय पिएं । 
 
कोल्ड और फ्लू वायरस की वजह से होते हैं, इसलिए इनमें एंटीबायटिक मदद नहीं करतीं।
 
इस दौरान जरूरत से ज्यादा कसरत न करें।
 
अमूमन कोल्ड या फ्लू होने से पहले गला खराब हो जाता है। 
 
इस दौरान- 
 
चाय, कॉफी या गुनगुना नींबू पानी व शहद सिप करने से आराम मिलता है।
 
हर आधा घंटे में नमक डालकर गुनगुने पानी से गरारे करने से दर्द और बेचैनी से राहत मिलती है। 
 
कोल्ड के जाने के बाद भी नाक आना और नाक बंद रहने का अहसास रहता है। 

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