Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

हैंडड्रायर का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें, पहुंचा रहा है इस तरह से नुकसान

हैंडड्रायर पर तो लग ही जाना चाहिए प्रतिबंध!

हमें फॉलो करें हैंडड्रायर का इस्तेमाल तुरंत बंद कर दें, पहुंचा रहा है इस तरह से नुकसान

निवेदिता भारती

हर तरफ लाइफस्टाइल बदल रही है और चीजें रिप्लेस हो रही हैं। पुरानी चीजों और तरीकों को इस्तेमाल करना लोग बेहतर नहीं समझते। हर जगह मशीनीकरण हो रहा है और इन पर निर्भरता जरूरत से ज्यादा है। यूं तो हाथ धोने के बाद पेपर टॉवेल से हाथ पोंछना भी थोड़ा फैशनेबल ही था लेकिन अब इनके बदले हैंडड्रायर का चलन काफी बढ़ चुका है।  
 
कागज़ बचाने की फिराक में ऑफिसों, नामी मॉल्स हों या बड़े सिनेमाघरों के वॉशरूम, हर तरफ इलेक्ट्रिसिटी से चलने वाले हैंडड्रायर लगा दिए गए हैं। जो तेज आवाज के साथ आपने हाथों पर बेहद फ़ोर्स से गर्म हवा फेंकते हैं फिर भी थोड़ा टाइम लेकर ही हाथ सूखे से लगते हैं। आप ऐसी जगह पर जाते हैं जहां बार बार आपको अपने हाथों को ड्रायर के नीचे सुखाना पड़ रहा है तो समझ लीजिए आपको ये समस्याएं घेर सकती हैं। हैंडड्रायर से इतनी मुसीबतें हैं कि आपका हाथ सुखाना खुद के लिए मुश्किल खड़ी करने जैसा है।   
 
क्या हैं हैंडड्रायर से जुडी समस्याएं 
 
1. लोग साबुन और पानी से हाथ नहीं धोते : पब्लिक प्लेस और वहां की टॉयलेट मान कर चलिए सभी लोग साबुन और पानी से हाथ धोने के आदि नहीं हैं। ऐसे में इन लोगों का सीधे हैंडड्रायर का इस्तेमाल खतरनाक हो जाता है उन  सभी लोगों के लिए जो इस वॉशरूम में जाते हैं। ड्रायर बेहद तेजी से हवा फेंकते हैं और जिन लोगों ने हाथ नहीं धोए हैं उनके हाथों के बैक्टेरिया इस फ़ोर्स के चलते हर जगह फ़ैल चुके होते हैं।  
 
2. ड्रायर कीटाणु फ़ोर्स के साथ ज्यादा जगह में फैलाता है : ड्रायर का सिस्टम ही फ़ोर्स का है। इसमें डाले गए गंदे हाथों के कीटाणु बहुत बड़े हिस्से तक फ़ैल जाते हैं। पेपर टावल के मुकाबले जेट-एयर ड्रायर से 27 गुना ज्यादा कीटाणु हवा में फैलते हैं। वॉशरूम का फर्श, दीवारें और दरवाजें, दरवाजों के हैंडल पर ये बैक्टेरिया लग जाते हैं। इस तरह से हर किसी पर गंदे बैक्टेरिया के संपर्क में आने का खतरा होता है।  
 
3. पेपर टावल वाले टॉयलेट की तुलना में कीटाणुओं की मात्रा अधिक होती है : किसी वॉशरूम में ड्रायर की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि वहां हर जगह कीटाणु ज्यादा मात्रा में हैं। पेपर टावल वाले टॉयलेट की तुलना में यहां कीटाणुओं की मात्रा अधिक होती है क्योंकि यहां हर बार ड्रायर के इस्तेमाल के बाद बैक्टेरिया फ़ैल गए हैं और बढ़ते ही जा रहे हैं।   
 
4. किसी और के इस्तेमाल के दौरान आप कैच कर रहे हैं कीटाणु : कोई और ड्रायर में हाथ सुखा रहा है और आप अपनी बारी के इंतजार में खड़े हैं तो निश्चिततौर पर जानिए कि आप बैक्टेरिया कैच कर रहे हैं। ड्रायर करीब एक मीटर तक कीटाणु उड़ाता है। पेपर टॉवल के साथ यह समस्या नहीं। यह ड्रायर की तुलना में करीब 60 प्रतिशत तक कम कीटाणु फैलता है। 
 
5. हैंडड्रायर से सुखाना हाथ न धोने जितना खतरनाक है : यह बात हर किसी ने महसूस की है कि हैंडड्रायर से हाथ पूरी तरह नहीं सूखते।  थोड़ी नमी रह जाती है। मतलब बैक्टेरिया अभी भी मौजूद हैं और इस तरह यह हाथ जिस भी चीज को छुएंगे वहां इन बैक्टेरिया का ट्रांसफर होगा।  
 
6. कुछ ख़ास जगहों के हैंडड्रायर में लगे होते हैं एंटीबायोटिक प्रतिरोधी कीटाणु: कुछ ऐसे भी टॉयलेट होते हैं जहां के हैंड ड्रायर में ही एंटीबायोटिक प्रतिरोधी कीटाणु होते हैं। ये कीटाणु दुनिया के लिए और खासकर अस्पतालों व नर्सिंग होम के लिए समस्या बन चुके हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि बाथरूम में हैंड ड्रायर पर प्रतिबंध लगाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।  
 
हैंडड्रायर के नुकसान से बचने के लिए सावधानियां
 
1. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग न करें इनका इस्तेमाल : ऐसे लोग जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, जैसे बुजुर्ग लोग या अधिक बीमार लोग, इसका इस्तेमाल न करें। उन्हें ड्रायर के छोड़े बैक्टेरिया कई तरह की बीमारियां दे सकते हैं।  
 
2. पेपर टावल का करें इस्तेमाल : अगर आपको पेपर टावल मिल रही है तो ड्रायर का इस्तेमाल न करें। इससे जीवाणु फैलते नहीं।  
 
3. बैक्टेरिया से बचने के लिए हाथ सही तरीके से धोएं : यह भी जानना महत्वपूर्ण है कि हाथों को कैसे धोया जाता है। कीटाणुओं से बचने के लिए यह जरूरी है कि हाथों को अच्छी तरह साबुन और गर्म पानी से धोया जाए। 
 
4. अगर संभव हो तो हाथ को नेचुरली सूखने दें : अगर आप ऐसा कर सकते हैं तो हाथों को हवा में या धूप में सुखाएं।  
 
5. अपने साथ एक कपडे का टावल रखें : ड्रायर से बचने का एक तरीका यह भी हो सकता है कि आप अपने साथ एक मोटा रुमाल या टॉवल रखें जिससे हाथों को पोंछा जा सके।   

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

21 जनवरी को है शाकंभरी जयंती, हजार नेत्रों से नौ दिनों तक रोती रहीं थीं मां