Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

तू न होना दूर

हमें फॉलो करें तू न होना दूर
गायत्री शर्मा

WDWD
अँधेरे में लगता है डर
कि खो न दूँ कहीं मैं तुझे।
हो न जाऊँ तुझसे दूर
न कर मुझको इतना मजबूर।
वादा था हर पल साथ निभाएँगे,
कोई एक पलकें झपकाएगा,
तो ख्वाबों में आ जाएँगे।

तेरा हाथ सदा मेरे हाथ में हो,
तू हरदम मेरे साथ हो।
कभी न कह पाई तुझसे,
पर आज करती हूँ हालेदिल बयाँ।
तू ख़ुदा की नैमत है दोस्त,
तू मेरी ज़रूरत है दोस्त।

साथ तेरा पाकर,
कितनी महफ़ूज थी मैं।
इस दुनिया के ज़ालिम लोगों से,
कितनी दूर थी मैं।
आज ये हाथ क्यों छूट गया?
क्या ख़ता की मैंने जो तू रूठ गया?

हमारी दोस्ती के फ़साने,
थे मशहूर गली-मोहल्लों में।
चर्चा जब भी होती दोस्तों की,
हम-तुम आते किस्सों में।
कितने खुश थे हम वहाँ,
कितने महफ़ूज थे हम वहाँ।

आज तू और मैं तो हैं,
पर ये हाथ किसका है?
खुशबू तो तेरी है बदन में,
पर ये अहसास किसका है?
जुदाई का ग़म आज मुझे सताता है,
दोस्त, तू क्यों आँसू बन आँखों से बह जाता है?

कहीं भी हों हम,
जुड़े रहेंगे दिल के तार।
मन की वीणा से हरदम,
सुनाई देगा प्यार का राग।
कभी न करना खुद से दूर,
रखना हरदम दिल के पास।

बन जाना साँस तुम मेरी,
कोई करेगा कैसे दूर?
साथ जिएँगे, साथ मरेंगे,
कर ले कोई कितना मजबूर।
हम तो मरकर भी अमर हो जाएँगे,
हमारी दोस्ती के किस्से हर दोस्त गुनगुनाएँगे।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi