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PCOD/PCOS: महिलाओं में बिगड़ी लाइफ स्टाइल, मोटापा, स्ट्रेस और हॉर्मोन्स का असन्तुलन है ख़तरनाक!

हमें फॉलो करें PCOD/PCOS: महिलाओं में बिगड़ी लाइफ स्टाइल, मोटापा, स्ट्रेस और हॉर्मोन्स का असन्तुलन है ख़तरनाक!

WD Feature Desk

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PCOD/PCOS: Women’s health series के अंतर्गत हम वेबदुनिया पर महिलाओं की सेहत से जुड़े अलग-अलग विषयों पर बात कर रहे हैं। Polycystic Ovarian Disease या PCOD एक ऐसी समस्या है जो महिलाओं में लगातार तेज़ी से बढ़ रही है। ये एक ऐसी समस्या है जो हॉर्मोन्स के असंतुलन से होती हैं।
इस विषय पर हमने  Vishesh Jupiter हॉस्पिटल, इंदौर की गाइनेकोलॉजिस्ट और ऑन्कोसर्जन Dr रेणु दुबे शर्मा से बात की। हमने उनसे PCOD से जुड़े उन सभी फेक्टर्स के बारे में बात की जिनको लेकर या तो महिलाओं को जानकारी नहीं होती या कई सारी भ्रांतियाँ होतीं हैं। ये जानकारी आप वेबदुनिया के Youtube अकाउंट पर भी देख सकते हैं।    

 

PCOD क्या होता है?
PCOD आज-कल महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है। पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसीज़ (Polycystic Ovarian Disease या PCOD ) महिलाओं में एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) की अधिकता से होने वाली समस्या है। पीसीओएस होने पर अंडाशय में कई गांठे (सिस्ट) बनने लगती हैं।
 
PCOD के कारण महिलाओं को क्या समस्याएँ होती हैं?
पीसीओडी के कारण महिलाओं को अनेक स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि पीरियड्स अनियमित होना, पीरियड्स नहीं आना, चेहरे पर बाल और मुंहासे आना, योनि में दर्द होना आदि। कुछ मामलों में महिला को गर्भधारण करने में दिक्कत या निःसंतानता की शिकायत भी हो सकती है।
 
PCOD का मुख्य कारण क्या है?
जीवन में बढ़ता स्ट्रेस, बदला हुआ लाइफस्टाइल, देर रात तक जागना और सुबह  देर तक सोना, महिलाओं में स्मोकिंग और ड्रिकिंग का बढ़ता शौक आदि पीसीओडी के मुख्य कारण हो सकते हैं।

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PCOD की जांच कैसे की जाती है?
पेल्विक टेस्ट में ओवरी में गांठ और सूजन के बारे में पता किया जाता है। ब्लड टेस्ट से एण्ड्रोजन का स्तर और ब्लड ग्लूकोज लेवल का पता किया जाता है। सोनोग्राम जिसे हम वेजाइनल अल्ट्रासाउंड भी कह सकते हैं इसका उपयोग भी जांच में किया जाया है। इसमें साउंड वेव से पता लगाया जाता है कि ओवरी में गांठ मौजूद है या नहीं।
 
PCOD की समस्या होने पर किस तरह की डाइट लेनी चाहिए?
पीसीओडी के इलाज में डाइट एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अपनी डाइट में फल और सब्जियों का अधिक उपयोग करें। पूरे दिन में कम से कम 30 ग्राम फाइबर का सेवन करें। डाइट में प्रोटीन का सेवन बढ़ा दें। साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियों को भी अपनी खुराक में शामिल करें। अपने वजन को मेंटेन रखें।

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PCOS क्या होता है?
PCOS का मतलब पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम होता है। पीसीओएस (PCOS)  प्रजनन हार्मोन के असंतुलन से पैदा होने वाली मेडिकल कंडीशन है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं के ओवरीज में सिस्ट भी हो सकते हैं।
 
PCOS का मुख्य कारण क्या है?
PCOS का मुख्य कारण हार्मोन असंतुलन होता है जिसमें एस्ट्रोजन, और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में बदलाव होता है। साथ ही इसके आनुवंशिक कारण भी हो सकते हैं। यदि परिवार में PCOS का इतिहास है, तो यह आपके भी हो सकता है। असंतुलित जीवनशैली और अस्वस्थ आहार भी PCOS को बढ़ावा देते हैं।
 
PCOS की जांच कैसे की जाती है?
PCOS का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट कराएं। इससे ये पता लगाया जाता है कि पुरुष हॉर्मोन, महिला हॉर्मोन की तुलना में कितना बढ़ा है। पेल्विक टेस्ट और अल्ट्रासांउड भी किया जाता है। 

 


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