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कम नींद लेने से कैंसर का खतरा

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नम्रता जायसवाल

एक रिपोर्ट के अनुसार 60% से ज्यादा भारतीय सोचते हैं कि नींद लेना कोई प्राथमिकता नहीं है। पिछले कुछ सालों में नींद के महत्व और आवश्यक नींद पूरी न होने से जुड़े खतरों के बारे में बताए जाने के बाद भी लोग नींद को उतनी अहमियत नहीं देते जितना कि व्यायाम को देते हैं। हाल ही में देशभर में हुए सर्वेक्षणों से पता चला है कि देश में नींद की कमी गंभीर चिंता का कारण क्यों है?
 
यहां तक देखा गया है कि लोगों को यह कहने में फख्र महसूस होता है कि वे 4-5 घंटे ही सोते हैं और अपने बाकी के सभी कामों को प्राथमिकता से करते हैं। यदि इस तरह के कम सोने वाले लोग अपनी नौकरी, व्यवसाय व घर-परिवार में कुशल हों तब तो ऐसे लोगों का उदाहरण दूसरे लोगों के लिए पेश किया जाता है कि 'देखो फलाना व्यक्ति ज्यादा सोने में समय बर्बाद नहीं करता है इसलिए तो उसने जीवन में इतना कुछ पा लिया है।'
 
यह बात और है कि आगे जाकर कम सोने की वजह से इन लोगों को जो बीमारियां होती हैं, उसकी जानकारी कम ही लोगों को होती है। दरअसल, कई लोगों को तो यह मानना भी मुश्किल-सा लगता है कि कई वर्षों तक कम सोते रहने से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। हृदय संबंधी रोग, मधुमेह, स्ट्रोक इत्यादि जैसी अन्य गंभीर बीमरियां घंटों की सही नींद न लेने की वजह से हो सकती हैं।
 
हमारे देश में कई लोग आज भी ऐसे हैं, जो ये मानते हैं कि खर्राटे आना गहरी नींद की निशानी है। उन्हें यह समझाना चुनौतीपूर्ण काम है कि दरअसल खर्राटे आना भी एक गंभीर नींद विकारों के कारणों में से एक है। 
 
एक अन्य हाल ही के सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि 19 फीसदी भारतीय वयस्कों की नींद में बाधा का कारण उनके काम करने की शिफ्ट का बदलते रहना है। 32% युवा वयस्क टेक्नोलॉजी के ज्यादा और देर रात तक प्रयोग की वजह से पूरी नींद नहीं ले पाते हैं।
 
एक वयस्क के लिए भी 7 से 9 घंटे की नींद बेहद जरूरी है। कई मामलों में जो लोग इतना सोते हैं उन्हें देखकर अन्य लोग ऐसे लोगों के लिए राय बना लेते हैं कि 'फलाना व्यक्ति आलसी व कमजोर है', तो कुछ लोगों को तो खुद ही यह कहने में शर्म महसूस होती है कि 'उन्हें इतना सोने की जरूरत है।'
 
सिर्फ 1 दिन यदि आप 4-5 घंटे से कम सोते हैं, तब आपके शरीर की वे प्राकृतिक कोशिकाएं, जो कैंसर की कोशिकाओं पर हमला करके उन्हें खत्म करने में सक्षम होती हैं, 70% तक कम हो जाती हैं। आपको कैंसर पैदा करने वाली कोशिकाएं आपके शरीर में प्रतिदिन बनती हैं। रिपोर्ट के अनुसार नींद की कमी से आंत, प्रोस्टेट और स्तन कैंसर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। 
 
कोशिश यह होनी चाहिए कि आप प्रतिदिन नियमित समय पर सोएं और नियमित समय पर उठें।

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