Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

दीपावली पर कविता : माटी के नन्हे दीप का तेज नापते चलें

हमें फॉलो करें दीपावली पर कविता : माटी के नन्हे दीप का तेज नापते चलें
webdunia

रीमा दीवान चड्ढा

सूर्य का तेज
सूर्य की रोशनी 
सूर्य का वजूद 
दुनिया जानती है।
 
चांद की चांदनी 
चांद की शीतलता 
चांद का अमृत 
दुनिया पहचानती है।
 
तारों की शान 
अनोखी आन बान 
रात की रुपहली आभा
दुनिया मानती है। 
 
इस नन्हे माटी के दीप के तेज को 
आइए नापने चलें 
दीपों की श्रृंखला के 
झिलमिलाते बिंब को
आइए भांपने चलें।
 
अब के बरस 
माटी के दीप की तरह 
क्यों न हम भी 
अपने अपने तेज की आंच को 
जांचने चलें...। 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Diwali sweets : बेसन के लो कैलोरी लड्डू