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नरेन्द्र मोदी का नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी से कनेक्शन...

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The Religion of the name of the seas will win out Against the sect of the son of 'Adaluncatif" : The stubborn, lamented sect will be afraid of the two wounded by A and A.

'27 अक्टूबर 2025 को मेष के प्रभाव में तीसरी किस्म की जलवायु आएगी, एशिया का राजा मिस्र का भी सम्राट बनेगा। युद्ध, मौतें, नुकसान और ईसाइयों की शर्म के हालात बनेंगे। -(3/77 सेंचुरी)।


एक जलवायु आकाश, धरती और धरती के भीतर जीवों के लिए उपयोगी होती है, दूसरी जलवायु पानी और पानीभरे स्थानों के लिए उपयोगी होती है, लेकिन तीसरी जलवायु तो अंतरिक्ष ही हो सकती है, जहां जीवन पनपना असंभव होगा। माना जा रहा है कि उक्त वर्ष में किसी ऐसे युद्ध की आशंका है जिसके चलते न्यूट्रॉन बम का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके व्यापक प्रभाव वाले क्षेत्र में तत्काल ही जीवन समाप्त हो जाएगा। ऐसा कौन करेगा? एशिया का महान शक्तिशाली नेता...

क्या नास्त्रेदमस ने नरेन्द्र मोदी और भारत के बारे में कोई भविष्यवाणी की है? आखिर क्या है नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों से मोदी का कनेक्शन? जानकार मानते हैं कि मोदी के बारे में नास्त्रेदमस ने भविष्यवाणी की है। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के जानकारों का कहना है कि मोदी के शासन में भारत बनेगा विश्व की महाशक्ति। भारत का कायापलट हो जाएगा और दुश्मन राष्ट्रों का वजूद मिट जाएगा।

नास्त्रेदमस ने भारत के बारे में कई भविष्यवाणियां की हैं उसमें से एक भविष्यवाणी ऐसी है जिसके बारे में दुनियाभर में चर्चा होती है। वह ये है :-

'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रशंसा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।' (सेंचुरी 1-50वां सूत्र)

तीन ओर समुद्र से तो भारत ही घिरा हुआ है। भारत में गुरुवार एक ऐसा वार है जिसे सभी धर्म के लोग समान रूप से मानते हैं। हालांकि तीन ओर से और भी देश घिरे हुए हैं, जैसे बर्मा, मलेशिया, नॉर्वे, स्वीडन, फिनलैंड, स्पेन, इटली आदि। लेकिन इन देशों के महाशक्ति बनने की कल्पना नहीं की जा सकती और दूसरी बात यह कि नास्त्रेदमस ने आगे चलकर यह स्पष्ट किया है कि वह देश एशिया में है और जिसका नाम सागरों के नाम पर आधारित है अर्थात हिन्द महासागर के नाम पर हिन्दुस्तान।

नास्त्रेदमस की कई भविष्यवाणियां सच साबित हुई थीं जिसमें 9/11 वर्ल्ड ट्रेंड सेंटर पर आतंकी हमले की भविष्यवाणी सबसे महत्वपूर्ण थी जिसमें कहा गया था कि दो लोहे के पक्षी नई भूमि की दो बड़ी-सी चट्टान से टकराएंगे जिसके बाद युद्ध होगा। उनके अनुसार इसके बाद से दुनिया में भारी परिवर्तन होंगे। सांस्कृतिक और धार्मिक संघर्ष बढ़ेगा।

'1999 के वर्ष के 7वें महीने में आतंक का सम्राट आसमान से उतरेगा। वह जिंदा करेगा महान मंगोलों की क्रूरता। इससे पहले और बाद में युद्ध होगा।' -10/87-88 सेंचुरी। लादेन की गतिविधियां 90 के दशक में ही अपने चरम पर थीं जबकि रूस ने अफगानिस्तान से अपनी सेना हटा ली थी। उसके पहले इराक पर हमला हुआ था और उसके बाद अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले को सभी ने देखा है।

 

अगले पन्ने पर कब होगा वह महान नेता...

 


नास्त्रेदमस ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि एशिया में 21वीं सदी में एक महान नेता का जन्म होगा। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी पढ़ने के बाद लगता है कि यह वह समय होगा जबकि एशिया में धार्मिक कट्टरता अपने चरम पर होगी, जैसी कि आज है। देखिए नीचे...
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'धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।' (vi-10)

'साम्प्रदायिकता और श‍त्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।' (6-10)। '17 साल के भीतर 5 पोप बदले जाएंगे तब एक नया धर्म आएगा।' -5-96।

...अब जहां तक एक ही विचारधारा को मानने की बात है तो ओशो रजनीश जैसे संतों को भारत, चीन सहित समूचे पश्चिम में ध्यान से पढ़ा जाता है और उनके विचारों से विश्व में नए तरह की धार्मिक क्रांति होने लगी है।

'महान सितारा 7 दिन तक जलेगा और एक बादल से निकलेंगे दो सूरज, एक बड़ा कुत्ता रोएगा सारी रात और एक महान पोप अपना मुल्क छोड़ देगा।'

पोप बेनेडिक्ट 16वें ने अचानक इस्तीफा दे दिया और मुल्क छोड़कर चले गए। 85 साल के पोप वैसे ही कमजोर हो रहे थे। इनसे पहले पोप जॉन पॉल द्वितीय 26 साल अपने पद पर रहे। यह वह साल चल रहा है जबकि दूसरे पोप का चयन हुआ है।

'अनीश्वरवादी और ईश्वरवादियों के बीच संघर्ष होगा।' -(6-62)। ऐसे माहौल में मुक्तिदाता आएगा शांतिदूत बनकर।

क्या होगा भारत के उस महान व्यक्ति का नाम... अगले पन्ने पर...


'पांच नदियों के प्रख्‍यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम 'वरण' या 'शरण' होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के ‍जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में 6 लोग मारे जाएंगे।' (सेंचुरी v-27)

इस तरह के नाम भारत में और वह भी हिन्दुओं में ही पाए जाते हैं। माना जा रहा है कि इस नेता से पहले सभी प्यार करेंगे लेकिन बाद में उससे सभी डरेंगे। वह दुनिया को अपनी मुठ्ठी में बंद कर लेगा। उसकी शक्ति के आगे सभी राष्ट्रों को झुकना होगा।

'शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान 'शायरन' जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।' (v-70)

'एशिया में वह होगा, जो यूरोप में नहीं हो सकता। एक विद्वान शांतिदूत सभी राष्ट्रों पर हावी होगा।' (x-75)

नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी में कहा है कि 21वीं सदी के प्रारंभ में दुनिया के क्षितिज पर शायरन का उदय होगा।

उक्त भविष्यवाणी से लगता है कि उस 'महापुरुष' का नाम 'श' से शुरू होगा। 'वरण' या 'शरण' जैसे नाम तो भारत में ही होते हैं, लेकिन 'शायरन' नाम जरूर अजीब है। नास्त्रेदमस ने अंग्रेजी में cheyren लिखा है।

हालांक‍ि कुछ विद्वानों का मत है कि वह नेता चीन से हो सकता है, क्योंकि नास्त्रेदमस ने स्पष्ट किया है कि वह नेता न तो क्रिश्चियन, न मुसलमान और न ज्यू होगा। एशिया का वह महान नेता शांतिदूत होगा। कुछ लोग उक्त भविष्यवाणी को भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से जोड़कर देखते हैं, क्योंकि वे भी एक गरीब परिवार में जन्मे और उन्होंने भी अपना प्रारंभिक जीवन संत की तरह बिताया और उन्हें भी पहले लोग नफरत करते थे फिर प्यार करने लगे हैं और हो सकता है कि बाद में सभी उनसे डरें। लेकिन 'शायरन' और 'नरेन्द्र' शब्द में बहुत फर्क है इसलिए यह स्पष्ट कहना कि यह भविष्यवाणी मोदी से संबंधित है, सही नहीं होगा।

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों के ज्ञाता महाराष्ट्र के ज्योतिषाचार्य डॉ. रामचंद्र जोशी ने इस पर एक मराठी में पुस्तक लिखी है जिसमें वे नास्त्रेदमस की सेंचुरी का हवाला देते हुए लिखते हैं कि 'ठहरो स्वर्णयुग (रामराज्य) आ रहा है। एक अधेड़ उम्र का औदार्य (उदार) अजोड़ अधाप महासत्ता अधिकारी भारत ही नहीं, सारी पृथ्वी पर स्वर्णयुग लाएगा और अपने सनातन धर्म का पुनरुत्थान करके यथार्थ भक्ति मार्ग बताकर सर्वश्रेष्ठ हिन्दू राष्ट्र बनाएगा तत्पश्चात् ब्रह्मदेश, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, तिब्बत, अफगानिस्तान, मलाया आदि देशों में वही सार्वभौम धार्मिक नेता होगा। सत्ताधारी चांडाल-चौकड़ियों पर उसकी सत्ता होगी। वह नेता 'शायरन' दुनिया की अधाप मालूम होता है, बस देखते रहो।'-

क्या सचमुच नास्त्रेदमस ने नरेन्द्र मोदी के बारे में भविष्याणी की है? अगले पन्ने पर जानिए...


नास्‍त्रेदमस ने इस बात के बारे में 450 वर्ष पहले यह भविष्‍यवाणी 1555 में अपनी एक किताब 'द प्रोफेसीज' में कर दी थी। फ्रेंच भाषा में लिखे अपने इस ग्रंथ में नास्‍त्रेदमस ने साफ लिखा है कि यह व्‍यक्ति भारत की कायापलट कर देगा।

नास्त्रेदमस लिखते हैं कि एक महान व्यक्ति भारत में जन्म लेगा, जो पूर्व के सभी राष्ट्रों पर हावी होगा। उससे भयभीत होकर उसे सत्ता में आने से रोकने के लिए एक महाशक्ति और दो पड़ोसी देश षड्‍यंत्र करेंगे, पर वह सभी के षड्‍यंत्रों को विफल करता हुआ प्रचंड बहुमत से सत्तासीन हो जाएगा।

वह समुद्र से सटे किसी प्रांत में किसी छोटी जाति में जन्म लेगा, लेकिन सभी जाति के लोग उसके नाम पर एकजुट हो जाएंगे। जिस समय उसकी लोकप्रियता होगी उस समय किसी गोरी चमड़ी वाली औरत का शासन होगा। लोग जिसके शासन से त्रस्त होकर त्राहि-त्राहि कर करेंगे। उस महान व्यक्ति का नाम एक महान संत के नाम पर होगा। उसकी प्रशंसा और शक्ति बढ़ती जाएगी। भूमि और समुद्र में उस जैसा कोई शक्तिशाली कोई न होगा।

नास्त्रेदमस की इस किताब का मराठी भाषा में महाराष्‍ट्र के मशहूर ज्‍योतिषी डॉक्‍टर रामचंद्रजी जोशी ने अनुवाद किया है। उनकी अनूदित किताब में लिखा है कि एक अधेड़ उम्र का व्‍यक्ति जो भारत का प्रतिनिधित्‍व करेगा वह भारत के साथ ही साथ पूरी दुनिया में एक नया अध्‍याय लिखेगा। उसकी अगुवाई में भारत दुनिया में महाशक्तिशाली बन जाएगा।

महान भविष्यवक्ता नास्त्रेदमस की 950 भविष्यवाणियों में से 18 भविष्यवाणियों का केंद्र तीसरा विश्वयुद्ध था। उन्होंने कहा था कि 2009 से 2013 तक दुनिया में बड़ी क्रांतियां होंगी। उनका कहना था कि यह अवधि मुसीबतों, निराशा और बुराई से भरी होगी, साथ ही इन सबके बीच आशा और उम्मीद की किरणें भी होंगी।

2009 से 2012 तक के समय की उन्होंने विस्तार से चर्चा की है। इसके बाद ही महान 'शायरन' का विश्व पटल पर उदय होगा और धीरे-धीरे वह अपनी ताकत बढ़ाता जाएगा। अंत में होगा वही, जो वह चाहेगा।

अगले पन्ने पर भविष्‍य पुराण की एक महत्वपूर्ण भविष्यवाणी..


भविष्य पुराण में वेदव्यासजी ने स्वयं भविष्यवाणी की है कि 4,900 शताब्दि कलियुग बीतने के पश्चात् भारत में बौद्धों का राज्य होगा, तदन्तर आद्य शंकराचार्यजी के प्रादुर्भाव के साथ ही वैदिक धर्म का प्रचार-प्रसार होगा और मनुस्मृति के आधार पर राजा राज्य करेंगें। पुनः 300 वर्षो तक यवनों तथा 200 वर्ष तक ईसाईयों का राज्य रहेगा। उसके बाद मौन (मत पत्रों) का राज्य रहेगा, जो 11 टोपी (राष्ट्रपति) तक चलेगा। यह क्रम लगभग 50 वर्ष तक चलेगा। इसके बाद से किसी भी पार्टी को बहुमत प्राप्त नहीं हो सकेगा। मंहगाई-भ्रष्टाचार बढ़ेगें। माता-पिता, साधु-सन्त, ब्राह्मण-विद्वान अपमानित होगें, तब भयानक युद्ध होगा। भारत पुनः अपने अस्तित्व में आकर विश्व गुरू पद पर स्थापित होगा। भारत में शास्त्रानुसार पुनः राज्य परम्परा की स्थापना होगी।

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