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लिविंग लीजैंड कपिल देव

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भारतीय क्रिकेट के लिविंग लीजैंड माने जाने वाले कपिल देव किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। भारतीय क्रिकेट में उनके योगदान की चर्चा करना सूरज को दीया दिखाने जैसा है।

जब भी भारत में विश्‍वकप की चर्चा होती है, तब इस महान ऑलराउंडर का नाम सबकी जुबाँ पर होता है। 6 जनवरी 1959 को चंढीगढ़ में जन्‍में कपिल रामलाल निखंज देव को क्रिकेट प्रेमी कपिल देव के नाम से ही जानते हैं।

कपिल देव भारत के महान गेंदबाज रहे हैं। कपिल दाहिने हाथ के मध्‍यम तेज गति के गेंदबाज के रूप में उभरे और उन्‍होंने अपनी आउटस्विंग गेंदबाजी और शानदार एक्‍शन के कारण भारतीय टीम में अपने करियर के ज्‍यादातर समय में स्‍ट्राइक गेंदबाज की भूमिका निभाई।

कपिल ने अपना पहला टेस्‍ट पाकिस्‍तान के खिलाफ फैसलाबाद में 18 अक्‍टूबर 1978 को खेला। इस मैच में कपिल ने अपने टेस्‍ट करियर का पहला विकेट सादिक मोहम्‍मद के रूप में लिया, जिन्‍हें कपिल ने अपनी ट्रेडमार्क आउट‍ स्विंग गेंद पर आउट किया था।

कहा जाता है कि अगर वे इमरान खांन, सर रिचर्ड हेडली और इयान बाथम के समय में नहीं खेले होते तो शायद आज विश्‍व के सबसे श्रेष्‍ठ ऑलरांउर के रूप में जाने जाते। उन्‍होंने अपने ऑलराउंडर होने का सबूत उस वक्‍त दिया जब, उन्‍होंने नेशनल स्‍टेडियम कराची में पाकिस्‍तान के खिलाफ तीसरे टेस्‍ट मैच में सिर्फ 33 गेंदों में 2 छक्‍कों की मदद से भारत का सबसे तेज अर्द्धशतक जमाया।

कपिल के भारतीय क्रिकेट में योगदान की फेहरिस्‍त काफी लंबी है। इसी कारण उन्‍हे सन् 2002 में विस्‍डन इंडियन क्रिकेटर ऑफ द सेंचुरी के पुरस्‍कार से भी नवाजा जा चुका है। साथ ही उन्‍हें 1989- 80 में अर्जुन पुरस्‍कार, 1982 में पद्ममश्री, 1983 में क्रिकेटर ऑफ द ईयर, 1991 में पद्मविभूषण जैसे पुरस्‍कारों से सम्‍मानित किया जा चुका है।

कपिल ने भारतीय टीम की कमान 1982 में उस समय में संभाली थी, जब क्रिकेट खेलने वाले वेस्‍टइंडिज, इंग्‍लैड जैसे देशों के सामने भारतीय टीम की बिसात बांग्‍लादेश और केन्‍या जैसी टीमों की तरह थी। कपिल की कप्‍तानी में भारतीय टीम ने विश्‍वकप जीत कर सारी दुनिया को दिखा दिया की भारतीय टीम भी कुछ कम नहीं है।

कपिल ने 1994 में टेस्‍ट क्रिकेट में सर रिचर्ड हेडली का रिकॉर्ड तोड़कर सर्वाधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड बनाया। उनके इस रिकॉर्ड को बाद में कर्टनी वॉल्‍श ने 1999 में तोड़ दिया। इसी तरह एकदिवसीय क्रिकेट में भी कपिल ने जोएल गार्नर का रिकॉर्ड तोड़ते हुए 253 विकेट लिए जो 1994 तक बरकरार रहा, लेकिन बाद में इसे वसीम अकरम ने तोड़ दिया।

कपिल जब तक क्रिकेट खेलते रहे, तब तक उन्‍होंने भारतीय टीम को अपना पूरा योगदान दिया, लेकिन संन्‍यास लेने के बाद भी वे भारतीय क्रिकेट के लिए कार्य करते रहे। उन्‍होंने 1999 में भारतीय टीम के कोच का पद संभाला और सन् 2000 तक टीम से जुड़े रहे।

कपिल ने बीसीसीआई से अलग इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल)की स्‍थापना भी की, जिसमें उन्‍होंने उन खिलाड़ियों को खेलने का मौका दिया जो अपने देश की अंतरराष्‍ट्रीय टीम में ज्‍यादा समय त‍क नहीं खेल पाए। इस लीग को बागी क्रिकेट लीग का नाम भी दिया गया लेकिन इसने क्रिकेट के एक और संस्‍करण टी-20 को दुनिया के सामने एक नए रूप में प्रस्‍तुत किया, जिसका बहुत कुछ श्रेय कपिल को जाता है।

इसके अलावा कपिल के योगदान को देखते हुए उन्हें 24 सितंबर 2008 को भारतीय सेना में लेफिटनेंट कर्नल का दर्जा दिया गया। इस महान ऑलराउंडर ने खेल के मैदान पर तथा उसके बाहर हर वक्‍त देश की सेवा की है।

टेस्ट रिकॉर्ड : टेस्ट 131 , पारी 184 , नॉट-आउट 15, उच्चतम स्कोर 163 , रन 5248 , औसत 31.05 , शतक 8 , अर्द्धशतक 27 , कैच 64 , गेंदे 27740 , रन 12867 , विकेट 434 , औसत 29.64 , सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 9/83 , 5 विकेट पारी में 23 बार।

एकदिवसीय रिकॉर्ड- एकदिवसीय मैच 225, पारी198, नॉटआउट 39, उच्‍चतक स्‍कोर 175*, रन 3783, औसत 23.79, शतक 1, अर्द्धशतक 14, कैच 71, गेंदे 11202, विकेट 253, औसत 27.45, सर्वश्रेष्‍ठ गेंदबाजी 5/43, 5 विकेट पारी में 1 बार।

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