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छठ पूजा कब है, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

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Chhath Puja 2023: कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पूजा का त्योहार रहता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस बार यह पर्व 19 नवंबर 2023 रविवार को रहेगा। इस दिन सूर्य को सायंकाली अर्घ्य अर्पित करते हैं। सूर्य उदय और अस्त का समय जानें और जानिए कि छठ पूजा का क्या है शुभ मुहूर्त। छठ पूजा का व्रत महिलाएं अपनी संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति का वर मांगाने के लिए करती हैं। मान्यता अनुसार इस दिन छठ मैया नि:संतानों को संतान प्राप्ति का वरदान देती हैं।
 
छठ पूजा व व्रत का प्रारंभ हिन्दू माह कार्तिक माह के शुक्ल की चतुर्थी तिथि से होता है और षष्ठी तिथि को कठिन व्रत रखा जाता है तथा दूसरे दिन सप्तमी को इसका पारण होता है। छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा का प्रचलन और उन्हें अर्घ्य देने का विधान है। यह पर्व मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्य बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
 
षष्ठी तिथि प्रारम्भ- 18 नवम्बर 2023 को सुबह 09:18 पर।
षष्ठी तिथि समाप्त- 19 नवम्बर 2023 को सुबह 07:23 तक।
 
छठ पूजा का शुभ मुहूर्त :-
 
सूर्योदय समय- 19 नवंबर प्रात: 06:46 पर।
सूर्यास्त समय- 19 नवंबर शाम 05:26 पर।
सूर्योदय समय-20 नवंबर (उषा अर्घ्य) 06:47 पर।
 
प्रातः काल की सन्ध्या : 19 नवंबर 05:26 से 06:46 के बीच।
अभिजीत मुहूर्त : 19 नवंबर 11:45 से 12:28 के बीच
सायाह्न काल की सन्ध्या : 19 नवंबर शाम 05:26 से 06:46 के बीच।
 
  • छठ पूजा में सूर्य देव की पूजा करते हैं और उन्हें अर्घ्य अर्पित किया जाता है। 
  • सूर्य देव के साथ-साथ छठ पर छठी मैया की पूजा का भी विधान है। 
  • पौराणिक मान्यता के अनुसार छठी मैया या षष्ठी माता संतानों की रक्षा करती हैं और उन्हें दीर्घायु प्रदान करती हैं।
  • शास्त्रों में षष्ठी देवी को ब्रह्मा जी की मानस पुत्री भी कहा गया है। 
  • पुराणों में इन्हें मां कात्यायनी को छठ मैया माना गया है, जिनकी पूजा नवरात्रि में षष्ठी तिथि पर होती है। 
  • षष्ठी देवी को ही बिहार-झारखंड में स्थानीय भाषा में छठ मैया कहा गया है।


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