Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

बीयू में ऑनलाइन जमा होगी फीस

हमें फॉलो करें बीयू में ऑनलाइन जमा होगी फीस
ND
बरकतउल्ला विवि से संबद्ध कॉलेजों के विद्यार्थी जल्द ही घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से अपनी फीस ऑनलाइन जमा कर सकेंगे। इसके लिए बीयू ने दो राष्ट्रीयकृत बैंकों से करार किया है। फीस जमा करने के लिए विद्यार्थी अपने साथ ही किसी अन्य परिचित के बैंक खाते का भी उपयोग कर सकेंगे

इस नई व्यवस्था से न केवल विद्यार्थियों को सुविधा होगी बल्कि विवि को प्रतिवर्ष 40 से 50 हजार रुपए की बचत भी होगी। साथ ही विवि का काम भी आधा हो जाएगा। अभी तक विद्यार्थी डिग्री, माइग्रेशन आदि की फीस चालान से तथा परीक्षा फीस बैंक ड्राफ्ट या चेक के माध्यम से जमा करते हैं। लेकिन ऑनलाइन फीस जमा करने की सुविधा से विद्यार्थियों को लंबी कतार से मुक्ति मिल जाएगी।

सॉफ्टवेयर भी तैयार
बीयू के शैक्षणिक विभागों के विद्यार्थी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से तथा संबंधित कॉलेजों के विद्यार्थी अपनी फीस स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से जमा कर सकेंगे। विवि ने दोनों ही बैंकों के साथ करार किया है। इस नई व्यवस्था के लिए विवि ने सॉफ्टवेयर भी तैयार कर लिया है। यूटीडी के सेल्फ फायनेंसिंग कोर्स की फीस के लिए अलग सॉफ्टवेयर होगा। जबकि अन्य पाठ्यक्रमों की फीस के लिए अलग सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।

जीरो बैलेंस पर खुले खाते
जानकारी के अनुसार पंजाब नेशनल बैंक यूटीडी व यूआईटी के छात्रों के अकाउंट जीरो बैलेंस पर खोल रहा है। प्रायोगिक तौर पर विवि यह सुविधा अगले पांच-छह दिनों में लागू कर देगा। विवि की योजना एक मार्च से इस व्यवस्था को लागू करने की है। शुरूआत में विद्यार्थी फीस जमा करने के लिए केवल एसबीआई या पीएनबी के ही एटीएम का उपयोग कर सकेंगे लेकिन बाद में सभी बैंकों के एटीएम का उपयोग होने लगेगा। विवि ने इस योजना पर काम करना शुरू कर दिया है।

अकाउंट सेक्शन को राहत
विवि के अधिकारियों का कहना है कि अभी छात्र जो परीक्षा फीस चेक या ड्राफ्ट से जमा करता है वो विवि को काफी देर से मिलती है। लेकिन ऑनलाइन जमा करने से फीस की राशि उसी दिन शाम तक विवि के खाते में जमा हो जाएगी। अकाउंट सेक्शन को कॉलेजों व छात्रों के बैंक ड्राफ्ट गिनने की जरूरत नहीं होगी और ना ही ड्राफ्ट क्लीरियंस के लिए उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ेगा।

डाटाबेस तैयार होगा
यही नहीं फीस व अन्य शुल्क जमा करते ही विवि को नियमित छात्रों का डाटा आसानी से मिल जाएगा। किस कॉलेज में कितने छात्र हैं और किस विषय की पढ़ाई कर रहे हैं इसकी जानकारी विवि को ऑनलाइन मिलेगी। छात्रों के इस डाटा के हिसाब से ही विवि प्रश्नपत्र तैयार करेगा।

होगी बड़ी बचत
इनके अलावा विवि को इन नई व्यवस्था से प्रतिवर्ष 40 से 50 हजार रुपए की बचत होने की बात कही जा रही है। अभी निजी कॉलेजों की मिली भगत से विवि को हर साल काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। अगर विवि को शुरूआती दौर में इस नई व्यवस्था से फायदा पहुंचता है तो जल्द ही इसमें इजाफा किया जाएगा।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi