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बाल दिवस पर अपने बच्चों के बारे में क्या बोले शाहरुख खान

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रूना आशीष

दुनिया भर में लोगों के सामने रोमांटिक हीरो की भूमिका निभाने वाले शाहरुख खान बेहतरीन पिता भी हैं। शाहरुख अपने बच्चों चाहे सुहाना हो या आर्यन या फिर अबराम, के बारे में बात करते समय बेहद खुश होते हैं। शाहरुख से पैरेंटिंग पर बात की वेबदुनिया संवाददाता रूना आशीष ने। 
 
शाहरुख बताते हैं 'हाल ही में मेरे जन्मदिन पर जब सब लोग मुझसे मिलने घर के बाहर आए थे तो अबराम पूछ रहे थे कि ये सब आपसे मिलने क्यों आए हैं? मैंने कहा कि मेरा जन्मदिन हैं और ये लोग मुझे बहुत प्यार करते हैं। मुझे विश करने आए हैं। ये जानने के बाद अबराम बहुत खुश हो गए क्योंकि उन्हें अच्छा लगा कि मुझे इतने सारे लोग प्यार करते हैं। अबराम का मानना है कि वह मेरे जैसा दिखता है तो लोग उन्हें भी बहुत प्यार करेंगे।' 
 
शाहरुख आगे बताते हैं 'बचपन में जब अबराम दो साल के रहे होंगे तब उन्हें पता नहीं क्यों लगता था कि जेम्स की गोलियां उनके नेवल से ही निकलती हैं। हम घर वालों को भी उनकी ये बात बहुत प्यारी लगती थी। हम भी उनकी इस सोच को गलत नहीं होने देना चाहते थे। मजा तब आता था जब हमारे घर में मेहमान आते थे और अबराम उन्हें पूछते थे कि आप जेम्स खाएंगे। अगर जवाब हां आया तो वो अपनी टी-शर्ट उठा कर अपना नेवल दिखाते और कहते कि अभी देता हूं। ये बच्चों की बहुत छोटी-छोटी बातें हैं जिन्हें एंजॉय करना चाहिए। 
 
आप पैरेंटिंग के बारे में क्या सोचते हैं? शाहरुख कहते हैं 'बच्चों की बढ़ने की जो उम्र होती है उसमें उन्हें आजादी देना चाहिए ताकि वे गलती कर उससे सीख सकें। मुझे लगता है कि बच्चों को छोड़ देना चाहिए। उन्हें चाहिए होता है कि आप उन्हें सुनें,  उनसे बातें करें, उनकी समय आने पर मदद करें। उन्हें बहुत सारी बातों में कोई इश्यू नहीं होता, बस इसे हम बड़ा बना कर पेश कर देते हैं।'
 
आपको बच्चे क्या मांग करते हैं? शाहरुख जवाब देते हैं 'मेरा बेटा आर्यन ताइक्वांडो करना चाहता था, हमने उसे करने दिया।  मेरी बेटी सुहाना को पेंटिंग करनी थी तो वो पेंट करती हैं। मैं उनको सपोर्ट करता हूं, बढ़ावा देता हूं। अबराम को गाना पसंद है, वह ब्लॉक्स से खेलना चाहता है और मैं उसकी सहायता करता हूं। मेरे मानना है कि जब बच्चा 10-12 साल का हो जाए तो उस गलत करने की या एक्सपेरिमेंट करने की इजाजत देनी चाहिए। उन्हें कहना चाहिए कि तुम जो भी करना चाहते हो कर, मैं तुम्हारे साथ हूं। यदि वे गलती करते हैं तो उन्हें समझाओ। ये मेरा तरीका है। जरूरी नहीं है कि सब मेरे तरीके से सहमत ही हों।' 
 
शाहरुख आगे बताते हैं 'मैं कभी बच्चों को जज नही करता हूं। मैं तो उन्हें कहता हूं कि जब इस दुनिया की सबसे बड़ी गलती कर लो तो उस समय फोन करना मुझे, मैं सब ठीक करूंगा और फिर हम उस गलती को भी सेलिब्रट करेंगे। बच्चों को हमेशा ये अहसास होते रहना चाहिए कि कोई है उनके साथ हमेशा और ये लोग उनके पैरेट्स होना चाहिए।

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