Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

फिल्म 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' को लेकर राजकुमार राव ने कही यह बात

हमें फॉलो करें फिल्म 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' को लेकर राजकुमार राव ने कही यह बात

रूना आशीष

, गुरुवार, 10 नवंबर 2022 (15:59 IST)
रुही और स्त्री जैसी फिल्मों में काम करने वाले राजकुमार राव अब एक नई फिल्में में नजर आने वाले हैं। इस फिल्म का नाम है 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' जो नेटफ्लिक्स पर रिलीज होगी। राजकुमार राव मानते हैं कि यह फिल्म डार्क कॉमेडी है सिर्फ कॉमेडी नहीं है। 

 
ऐसे में वेबदुनिया संवाददाता ने उनसे पूछा कि इसमें भी लाश की बात दिखाई जा रही है। कम से कम ट्रेलर देखकर तो यही समझ में आता है। क्या जाने भी दो यारो जैसी फिल्म याद आती है आपको? 
जाने भी दो यारो की बात मैं करूं तो फिल्म बहुत ही अलग फिल्म रही है वह फिल्म व्यंग है समाज पर। लेकिन यह फिल्म डार्क कॉमेडी है। थोड़ा अलग जॉनर हो जाता है, लेकिन यह सब होने के बाद भी आपका सोचना सही हो सकता है क्योंकि इसमें भी लाश ही दिखाई गई है। 
 
जाने भी दो यारो में जैसी लाश सतीश शाह जी बने थे वैसा तो कभी नहीं हो सकता। उनकी तो बात ही अलग थी। शायद पहली ऐसी कोई लाश होगी जिससे मैंने हर 3 मिनट में एक्सप्रेशन बदलते हुए देखा है वह फिल्म मैंने इतनी ध्यान से देखी है और बहुत ज्यादा उस फिल्म को मजे लेकर देखा है। काश कभी ऐसा हो कि मैं जाने भी दो यारो जैसी फिल्म में काम कर सकूं। 
 
रोल के लिए कोई खास तैयारी करनी पड़ी? 
खास तैयारी के लिए इतना करना पड़ा कि मुझे इस फिल्म में रोबोटिक्स के बारे में बहुत कुछ मालूम पड़ा। इस फिल्म में जो रोल निभा रहा हूं वो रोबोटिक्स में अच्छी खासी रुचि रखता है। फिजिक्स बहुत अच्छा आता है और हमारे सेट पर एक दो लोग ऐसे थे जो मुझे कई जगह पर गाइड करते थे। बाकी तो वासन ने अपनी स्क्रिप्ट में सब कुछ लिखा था। थोड़ी बहुत भी जहां हमें परेशानी होती थी उन सारी परेशानियों को दूर कर देती थी। 
 
webdunia
मोनिका ओ माय डार्लिंग जापान के एक उपन्यास पर आधारित है। क्या आपने वह उपन्यास पढ़ा है।
नहीं, मैंने ऐसा कोई उपन्यास नहीं पढ़ा है। बस अपनी स्क्रिप्ट बड़े अच्छे से पढ़ी है। मुझे लगता है कि जब कोई भी फिल्म उपन्यास पर आधारित हो तो उसमें थोड़े बहुत बदलाव लाए जाते हैं ताकि उसे बड़े पर्दे पर दिखाया जा सके। हालांकि इसके पहले मैंने काय पो छे जैसी एक फिल्म की है जो कि थ्री मिस्टेक्स ऑफ माई लाइफ जैसे उपन्यास पर आधारित थी। मेरी निजी राय यह है कि जब उपन्यास पर आधारित कोई फिल्म बनाई जाती है तो वह एक अच्छी बात होती है क्योंकि आपको फिल्म के बारे में बहुत कुछ पहले से मालूम हो जाता है। 
 
फिल्म के टाइटल के बारे में कुछ बताएंगे कैसा लगा आपको क्या कभी किसी को मोनिका ओ माय डार्लिंग कहा हो।
मुझे टाइटल बहुत अच्छा लगा। लेकिन जिंदगी में मैंने कभी यह टाइटल से किसी को बुलाया नहीं, क्योंकि मेरी सगी बहन का नाम मोनिका है तो इस गाने को लेकर कभी ऐसे विचार आए ही नहीं। हां, यह बात जरूर है कि मोनिका ओ माय डार्लिंग टाइटल सुनते हैं तो आपको पिया तू अब तो आजा इस गाने की याद बरबस आ ही जाती है। 
 
फिर यह भी तो होता है ना कि जो फिल्म का टाइटल है वह आपके फिल्म के बारे में पहली जानकारी होता है। इसलिए बहुत सोच समझ कर रखा जाता है और हमारी फिल्म की जानकारी इस टाइटल से बहुत जुड़ी हुई लगी है तो टाइटल बिल्कुल सही फिट बैठने वाला लगा मुझको।
 
आपको कब ऐसा पहली बार लगा कि आप को लोग पहचानने लगे हैं? 
ऐसे तो याद नहीं, लेकिन हां एलएसडी जब रिलीज हुई थी तो उस समय लोग मुझे देख कर बोलते हैं कि अरे यह वही एलएसडी वाला लड़का है। लेकिन असली में मेरे नाम से लोगों की पहचान हुई थी काई पो चे फिल्म से। तब लोगों ने मुझे नाम के साथ याद रखना शुरू किया। हालांकि इससे बहुत फर्क नहीं पड़ता मुझको लेकिन फिर भी मैं तो चाहता हूं कि लोग मुझे पहचाने ना। मैं सड़क पर निकलूं मुझे कोई ना पहचाने ताकि मैं अपने मस्ती जारी रख सकूं। सड़क के पास लगे ठेले पर खा सकूं। कितना अच्छा लगेगा ना? 
Edited By : Ankit Piplodiya 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

'इंडियन आइडल 13' में सेलिब्रेट होगा थैंक यू मां स्पेशल एपिसोड, 'भेड़िया' और 'आशिकी' के कलाकार करेंगे शिरकत