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मुझे भी एक लड़का परेशान करता था : इलियाना डिक्रूज

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रूना आशीष

"मैं जब अपनी पिछली फिल्म 'बादशाहो' का प्रमोशन कर रही थी तो अजय देवगन ने मुझे साइड में ले जा कर कहा कि देखो एक फिल्म बनने वाली है जिसका नाम है 'रेड', मुझे लगता है कि तुम्हें ये फिल्म करना चाहिए। रोल बहुत बड़ा नहीं है, लेकिन अहम है। एक बार कहानी सुन लो। 
 
मैंने 'रेड' की कहानी सुनी और मुझे अच्छी लगी। मैंने सोचा नहीं था कि कोई औरत इतनी साहसी हो सकती है। मैं अपने कैरेक्टकर मालिनी के बारे में बहुत नहीं बता सकती। लेकिन इतना कहूंगी कि वो 1980 के दशक वाली आम महिला नहीं थी।"
 
इलियाना अपने रेड के कैरेक्टर को कुछ इस तरह बयां करना पसंद करती हैं। उनसे फिल्म और कई और भी बातें कर रही हैं  वेबदुनिया संवाददाता।
 
आपने बादशाहो में निगेटिव भूमिका निभाई। आगे भी इसी तरह के रोल करेंगी?
मुझे वो रोल निभाने में बहुत मज़ा आया था। मैंने कभी ऐसा रोल नहीं किया था, वरना अभी तक तो मैं गुड गर्ल वाले रोल ही करते आई हूं। मैं आगे भी ऐसे रोल करना चाहूंगी। 
 
तो कोई बायोपिक? 
कुछ दिनों पहले मुझे बायोपिक के लिए अप्रोच किया गया था, लेकिन अब उसका क्या हो रहा है मालूम नहीं। बायोपिक अभी नहीं करना चाहती। कभी किसी दिन इच्छा हुई तो शायद कर लूं। वैसे मुझे रानी या महारानी जैसा कोई रोल करने की इच्छा हमेशा से रही जो मैंने 'बादशाहो' में किया। 
 
तो क्या 'रेड' की हीरोइन मालिनी पर्फेक्ट वुमन है?
पर्फेक्ट वुमन जैसा कुछ नहीं होता है। अगर ऐसा कुछ होता तो वो कितना बोरिंग हो जाता। आपकी कमियां ही आपको इंसान बनाती हैं। आप अपनी कमियों की वजह से सुंदर लगते हैं। 
 
आपके जीवन की कौनसी महिला आपको सुंदर लगती हैं?
मेरी मां। वे एकदम सही महिला हैं। आपको बता दूं कि वे मई में ग्रैज्युएट हो जाएंगी। यानी चार बच्चे पैदा करने के बाद वे आज इस उम्र में पढ़ाई कर रही हैं। वे बहुत सशक्त हैं। मुझे कहती हैं तुम कमाना छोड़ दो, मस्ती से रहो। पैसे मैं दूंगी। 
 
इसी बात को आगे बढ़ाते हैं। आप देश में महिलाओं के लिए क्या बदलाव देखना चाहती हैं?
मेरे हिसाब से बहुत सारे बदलाव की ज़रूरत है। पहले तो लोगों को अपने आपको और अपनी सोच को बदलना होगा। ये तो कोई सही बात नहीं है कि आप महिलाओं का अपमान करें। उनसे सही तरीके पेश न आएं। आए दिन हम देखते या पढ़ते हैं कि कैसे उन्हें परेशान किया जाता है। हैरसमेंट से गुज़रना पड़ता है। मुझे लगता है कि ये सब स्कूलों में भी सिखाया जाए। हम लड़को को पढ़ाएं कि ये सब ठीक नहीं हैं। 
 
कभी आपको ऐसी स्थिति से गुज़रना पड़ा? 
हां। गोवा में। मैं 15 साल की थी और बस से आती जाती थी। एक लड़का मेरे पीछे पड़ गया था। कभी लोगों के बीच मेरा नाम लेता, कभी हंगामा करता। मैं परेशान हो गई थी। मैंने उससे ऐसा नहीं करने को भी कहा, लेकिन वह नहीं माना। मैंने तीन महीने तक प्रतिदिन यह सब झेला। फिर मां को बताया। मां ने पुलिस को बताया। हम लोगों के सामने उसे पुलिस से मार पड़ी और उसने पैंट भी गीली कर दी। मुझे बुरा लगा, लेकिन मैं क्या करती। उसे बहुत देर लगी समझने में कि अगर कोई लड़की आपको इंकार कर दे तो यह बात मान लो। उसे परेशान करना या धमकाना ठीक नहीं है। 
 
साउथ की कोई फिल्म कर रही हैं? 
दो महीने पहले एक बहुत अच्छा ऑफर आया था। निर्देशक बेहतरीन थे। एक्टर मेरे पसंदीदा थे, लेकिन मेरा रोल बहुत खास नहीं था। मैं 5 साल बाद अगर साउथ की कोई फिल्म करूं तो रोल दमदार होना चाहिए। 

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