Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

शाहरुख खान ने फिल्म इंडस्ट्री को सिखाया पैसा कमाना

हमें फॉलो करें शाहरुख खान ने फिल्म इंडस्ट्री को सिखाया पैसा कमाना

समय ताम्रकर

शाहरुख खान की मां ने कहा था कि यदि खर्चे कमाई से ज्यादा होने लगे तो खर्चे कम करने की बजाय कमाई बढ़ाने की सोचो। यह बात शाहरुख ने गांठ बांध कर रख ली और सदा उस पर अमल किया। शाहरुख ने कमाई के मामले में कई प्रयोग किए और दिखाया कि फिल्मों के अलावा भी लोकप्रियता को भुना कर कमाई की जा सकती है। दर्शकों में फिल्म के प्रति उन्माद पैदा कर टिकट बेचे जा सकते हैं। इस मामले वे ट्रेंड सेटर और गेम चेंजर कहे जा सकते हैं। शाहरुख के प्रति फिल्म इंडस्ट्री का नजरिया फिल्म व्यवसाय को लेकर कुछ और था तथा शाहरुख खान के बाद कुछ और है। 
 
फिल्मों का प्रचार
शाहरुख खान ने दिखाया कि फिल्म का प्रचार किस तरह किया जाता है। पहले पोस्टर और ट्रेलर के साथ फिल्म का प्रचार किया जाता था। ज्यादा से ज्यादा रेडियो और टीवी पर विज्ञापन सुनाए और दिखाए जाते थे। शाहरुख खान ने छोटे परदे का इस्तेमाल अपनी फिल्मों के लिए किया। छोटे परदे की ताकत को उन्होंने समझा और इस पॉवरफुल माध्यम से उन्होंने दर्शकों को सिनेमाघरों की ओर खींचा। साथ ही उन्होंने शहर दर शहर घूम कर फिल्मों की पब्लिसिटी का सिलसिला शुरू किया। वे न केवल दिल्ली, कोलकाता जैसे बड़े शहरों में ही गए बल्कि सूरत, इंदौर, भोपाल, नागपुर जैसे शहरों में भी लोगों के बीच गए। वहां प्रेस कांफ्रेंस कर उन्होंने लोगों की फिल्म के प्रति उत्सुकता बढ़ाई। इतने बड़े स्टार्स को अपने बीच पाकर लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। आखिर सुपरस्टार्स को वास्तव में देखना का मौका कितनों को मिलता है? इससे शाहरुख की लोकप्रियता बढ़ी और फिल्मों को फायदा हुआ। बॉक्स ऑफिस पर धन की बरसात हुई जिससे फिल्म इंडस्ट्री ने भरपूर पैसा कमाया। शाहरुख के बाद यह सिलसिला कई लोगों ने अपनाया। शाहरुख इन शहरों में जाकर अपनी फिल्म का प्रचार करने के साथ-साथ कुछ कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेते और पैसा कमा लेते। शाहरुख कभी भी कुछ नया करने से नहीं घबराए। सोशल मीडिया के जरिये उन्होंने विभिन्न प्लेटफॉर्म्स को भी अपनाया और फिल्म का प्रचार किया। आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल उन्होंने इस तरह किया कि फिल्म के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोग जान सकें। शाहरुख खान आक्रामक तरीके से अपनी फिल्मों का प्रचार करने के लिए जाने जाते हैं। 
 
विज्ञापन 
शाहरुख खान के पहले विज्ञापनों से फिल्म स्टार्स परहेज करते थे। वे विज्ञापन करना अच्छी बात नहीं समझते थे। शम्मी कपूर ने जब एक विज्ञापन किया था तो उनके बड़े भाई राज कपूर ने उन्हें फटकार लगा दी थी। कुछ सितारों ने चुनिंदा विज्ञापन भी किए तो बहुत सोच समझ कर। वे नहीं चाहते थे कि कोई ऐसा विज्ञापन करें जिससे उनके प्रशंसकों के बीच गलत संदेश जाए। वे नैतिक जिम्मेदारी समझते थे। शाहरुख ने यह सीमा तोड़ दी। फिल्मों के अलावा विज्ञापन उन्हें पैसा कमाने के लिए बहुत ही अच्छा माध्यम लगा। कह सकते हैं कि‍ फिल्मों से ज्यादा तो शाहरुख ने विज्ञापन के जरिये कमाया। शाहरुख ने किसी भी उत्पाद करने का विज्ञापन से परहेज नहीं किया। वे कार से लेकर तो बनियान तक बेचते नजर आए। ज्वेलरी से लेकर तो हेयर आइल का विज्ञापन उन्होंने किया। लोगों ने उनके इस रूख की आलोचना भी की, लेकिन शाहरुख ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने दिखाया कि एक सेलिब्रिटी कैसे ब्रैंड में परिवर्तित होकर करोड़ों रुपये कमा सकता है। विज्ञापन फिल्मों के अलावा उन्होंने उन कंपनियों के कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया जिनके उत्पादों का वे प्रचार करते थे। कई हीरो ने कहा कि वे शाहरुख की तरह इनर वियर का विज्ञापन नहीं कर सकते, लेकिन बाद में उनके चेहरे भी इन्हीं विज्ञापनों में नजर आने लगे। कंपनियों को भी नजरिया मिला और यही कारण है कि शाहरुख की इस राह पर चल कर कई सेलिब्रिटीज़ ने अपनी लोकप्रियता को भुनाया। 
 
कमाई के अन्य तरीके
फिल्म और विज्ञापनों के अलावा भी शाहरुख ने कमाई के नए तरीके खोज निकाले। वे शादियों में शिरकत करने के बदले में पैसा लेने लगे। ज्यादा पैसे मिले तो डांस भी कर लिया। अमीर लोग जिनके लिए पैसा हाथ की मैल की तरह है वे शादी में शाहरुख को बुलाकर इतराते थे और शाहरुख ने उनकी इस कमजोरी का फायदा लेकर करोड़ों रुपये कमाए। शाहरुख की इस हरकत की उनकी ही बिरादरी के लोगों ने आलोचना की। ऋषि कपूर ने तो कह दिया ‍वे एक्टर हैं भांड नहीं और इस तरह पैसे लेकर शादी में नहीं नाच सकते। शाहरुख ने फिल्म पुरस्कार समारोह में एंकरिंग और परफॉर्मेंस कर पैसे कमाने का नया रास्ता दिखाया। इसीलिए वे हर पुरस्कार समारोह की शान बन गए। दुकान की ओपनिंग हो, कंपनी की वार्षिक मीटिंग हो, किताब का विमोचन हो या कॉलेज का समारोह। हर जगह शिरकत करने के बदले में शाहरुख ने पैसा लिया और दिखाया कि बिना फिल्म किए भी करोड़ों रुपये कमाए जा सकते हैं। 
 
ओवरसीज मार्केट 
पहले चुनिंदा फिल्में ही विदेश जाती थीं और सीमित देशों में सीमित सिनेमाघरों में इनका प्रदर्शन होता था। बहुत ज्यादा आय नहीं होती थी और फिल्म निर्माताओं का ध्यान इस बाजार पर नहीं था। शाहरुख खान ने एनआरआई लोगों की पसंद को जाना और इस तरह की फिल्में की जो भारतीय, एनआरआई और विदेशियों को पसंद आए। जिसमें टिपिकल रोमांस हो, थोड़ा भारतीय संस्कृति का पुट और इमोशन हो। उनका यह फॉर्मूला न केवल भारत बल्कि विदेश में भी चला। धीरे-धीरे शाहरुख खान की फिल्में विदेश से करोड़ों रुपये की कमाई करने लगी। उनकी विदेश में लोकप्रियता तेजी से बढ़ी। जो लोग भारत को थोड़ा भी जानते हैं वे शाहरुख खान को भी जानने लगे। शाहरुख ने ओवरसीज मार्केट का रास्ता भारतीय फिल्म उद्योग को दिखाया। उन देशों में भी उन्होंने फिल्में प्रदर्शित की जहां पहले भारतीय फिल्में दिखाई नहीं जाती थीं। यही कारण है कि उन्हें 'डॉलर खान' भी कहा जाता है क्योंकि डॉलर उन्होंने ही कमाना सिखाया। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Happy Birthday : फिल्मों में निगेटिव किरदार निभाकर भी फैंस का दिल जीत चुके हैं शाहरुख खान