Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

'मैं दो घंटे के लिए मर्द बनना चाहती हूं'

हमें फॉलो करें 'मैं दो घंटे के लिए मर्द बनना चाहती हूं'
, शुक्रवार, 3 नवंबर 2017 (12:59 IST)
- सरोज सिंह
"मुझे रात को वॉक पर जाना बहुत पंसद है। लेकिन दिल्ली में रहते हुए रात को ऐसा करने के बारे में मैं सोच नहीं सकती। मैं अकेले पैदल नहीं चल सकती क्योंकि लड़की हूं और रेप का ख़तरा हमेशा रहता है। इसलिए मैं दो घंटे के लिए मर्द बनना चाहती हूं।" ये कहना है हामिदा सईद का।
 
20 साल की हामिदा कश्मीर से हैं और फिलहाल दिल्ली में कॉलेज की पढ़ाई कर रहीं हैं। एक गैर सरकारी संस्था प्लान इंडिया की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़, दिल्ली उन राज्यों में से एक है जो महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा असुरक्षित है।
 
महिलाओं के लिए देश का कौन-सा राज्य सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं- इस पैमाने पर देश में पहली बार 30 राज्यों की रैंकिंग सामने आई है। ये रैंकिंग, बाल अधिकारों पर काम करने वाली संस्था प्लान इंडिया ने जारी की है। देश के सभी राज्यों को इस रैंकिंग में शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली 29वें पायदान पर है।
 
सुरक्षा रैंकिंग पर महिलाओं की राय
लेकिन ऐसा नहीं कि हामिदा को केवल दिल्ली में ही डर लगता है। जब कभी वह कश्मीर जातीं है, तो वहां भी खुद के लड़की होने पर उन्हें अफसोस होता है। हामिदा की मानें तो लड़की हो कर जीना भारत में बहुत मुश्किल है। वो कहतीं हैं, "मैं जब पैदा हुई तो 2 दिन तक मेरी दादी ने मेरी शक्ल तक नहीं देखी। नौ महीने तक दादी को लगता था मेरी मां की कोख में बेटा ही पल रहा है।"
 
महिलाओं के सुरक्षित राज्यों की लिस्ट में जम्मू-कश्मीर का स्थान 20वां है। इस लिस्ट में महिलाओं के लिए सुरक्षित राज्यों में टॉप पर है गोवा। दूसरे नम्बर पर केरल और तीसरा सबसे सुरक्षित राज्य है मिज़ोरम। इसी लिस्ट में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित राज्य बिहार है, दूसरे नम्बर पर दिल्ली और तीसरे नम्बर पर उत्तर प्रदेश है।
 
देश के बाकी राज्यों में महिलाएं "सुरक्षित" होने के क्या मायने समझती है, ये जानने के लिए हमने कुछ और राज्यों की लड़कियों से भी बात की। बिहार के मुज्जफरपुर में रहने वाली ऋचा कहतीं है, "ये हमारा ही देश है जिसमें पोर्न को खराब माना जाता है, लेकिन पोर्न स्टार को हम सेलिब्रेटी का दर्जा भी देते हैं।"
 
ऋचा एमबीए की पढ़ाई कर रहीं है। वो कहती हैं, "मैं जैसे ही 20 साल की हुई मेरे माता-पिता ने मेरी शादी की बात शुरू कर दी, लेकिन मेरा भाई जो मुझ से आठ साल बड़ा है आज तक उसकी शादी की बात कोई नहीं करता। इस बात से भी मैं असुरक्षित महसूस करती हूं।"
 
बेंगलुरु में रहने वाली ऐश्वर्या महिलाओं के लिए मानसिक सुरक्षा को सबसे अहम मानतीं है। उनके मुताबिक, "अकसर वो देर रात ऑफिस से घर लौटती हैं। घर और ऑफिस की दूरी पैदल तय की जा सकती है। पर देर रात सड़क पर अकेली घूमती लड़की को लोग ग़लत समझते हैं। इसलिए मानसिक रूप से वो खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं।"
 
क्या था रैंकिंग का पैमाना
इन सब वजहों से इस रैंकिग को जारी करते समय महिला सुरक्षा के दायरे को बड़ा कर कर आंका गया। महिला सुरक्षा के चार पैमाने पर हर राज्यों को आंका गया है। ये पैमाने हैं- गरीबी, साक्षरता, स्वास्थ्य और सुरक्षा। ये पहला मौका है जब देश के अलग-अलग राज्यों के लिए इस तरह की कोई सूची जारी की गई है।
 
सबसे अहम बात ये कि इस सूची को तैयार करने के लिए कोई सर्वे नहीं किया गया है। प्लान इंडिया की निर्देशक भाग्यश्री देंगल ने बीबीसी को बताया, "महिला सुरक्षा से जुड़े अलग-अलग पैमाने के लिए अलग-अलग सरकारी आकड़े पहले से मौजूद थे। उन्हीं आंकड़ों को जानकारों से स्टडी करवा कर हमने ये सूची जारी की है, इसलिए इस पर कोई विवाद हो ही नहीं सकता।"
 
भाग्यश्री के मुताबिक, "इन आकड़ों के दो फायदे हैं। पहला फायदा ये कि हम पता लगा सकते हैं कि सरकारी योजनाएं बनाते समय दिक्कत कहां आ रही है और कहां-क्या कमी रह जाती है। दूसरा फायदा ये कि जो राज्य सूची में आगे हैं उनसे दूसरे राज्य कुछ सीख सके।"


हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

हरियाणवी छोरी जो करती है 8 विदेशी लहजों में बात