Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

मिस्र: क़िस्सा तूतेनख़ामेन की रहस्यमयी कब्र का

हमें फॉलो करें मिस्र: क़िस्सा तूतेनख़ामेन की रहस्यमयी कब्र का
, सोमवार, 7 मई 2018 (11:57 IST)
मिस्र के पिरामिड और ममी में हमेशा से दुनिया भर की दिल्चस्पी रही है। ममी को लेकर पश्चिमी देशों में तमाम क़िस्से-कहानियां चलन में हैं। इन पर कई फ़िल्में भी बनी हैं। ममी के बारे में और जानने के मकसद से कई तरह की रिसर्च और खोजबीन चलती रहती है।
 
हाल ही में प्राचीन मिस्र के राजा तूतेनख़ामेन को लेकर एक नई खोज की गई है। जिसके बाद मिस्र के अधिकारियों ने एक चौकानें वाला खुलासा किया है। अधिकारियों के मुताबिक तूतेनख़ामेन के मकबरे में कोई गुप्त कमरा नहीं है।
 
गुप्त कमरे में तूतेनख़ामेन की मां की कब्र
इससे पहले मिस्र के अधिकारी ये दावा करते रहे थे कि इस युवा राजा के 3,000 साल पुराने मकबरे की दीवार के पीछे एक गुप्त कमरा है। एक थ्योरी में कहा गया था की तूतेनख़ामेन के मकबरे में एक गुप्त चेंबर है जिसमें रानी नेफरतीती का मकबरा हो सकता है। कई लोगों का मानना है कि रानी नेफरतीती तूतेनख़ामेन की मां थी।
 
इस छिपे हुए मकबरे को खोजने का काम तब शुरू हुआ था जब ब्रिटिश पुरातत्वविद निकोलस रीवेस को प्लास्टर के नीचे दरवाज़ा होने के कुछ सबूत मिले थे।
 
रानी की 3,000 साल पुरानी मूर्ति
2015 में छपे निकोलस रीवेस के रिसर्च पेपर 'द बुरियल ऑफ़ नेफरतीती' के मुताबिक़ रानी नेफरतीती के लिए भी एक छोटा मकबरा बनाया गया था और उनके अवशेष भी इसी मकबरे के अंदर हो सकते हैं।
 
नेफरतीती के अवशेष कभी मिल नहीं सके, लेकिन उनके बारे में जानने की कोशिश हमेशा होती रही। रानी नेफरतीती की एक तीन हज़ार साल पुरानी मूर्ति आज भी मौजूद है, जोकि प्राचीन मिस्र में उनकी पहचान को और भी पुख्ता करती है। ये भी माना जाता है कि रानी के पति फ़राओ अख़नातन की मौत और उनके बेटे के गद्दी पर बैठाने के बीच का जो वक्त था उस दौरान रानी ने मिस्र पर शासन किया था।
webdunia
तूतेनख़ामेन का मकबरा
कहा जाता है कि उन्होंने अपने पति के साथ ईसा पूर्व 1353 से लेकर ईसा पूर्व 1336 तक शासन किया था। महारानी नेफरतीती और फ़राओ अख़नातेन का नाम मिस्र के प्राचीन इतिहास से इस कारण मिटा दिया गया था क्योंकि अख़नातन ने अनेक मिस्री देवताओं की पूजा के स्थान पर केवल एक देवता यानी सूर्य देवता की पूजा शुरू कराई थी।
 
 
पुरातत्वविद निकोलस के सनसनीखेज पेपर सामने आने के बाद कई और भी बाते सामने आईं जिससे कि गुप्त कमरा होने के दावे को बल मिला। मिस्र के अधिकारियों ने भी कह दिया था कि उन्हें नब्बे फ़ीसदी तक यकीन है कि तूतेनख़ामेन के मकबरे में एक और गुप्त चेंबर है। मकबरे की रिसर्च टीम के हेड डॉक्टर फ्रांसेस्को पोरसेली ने कहा, "ये बात कुछ हद तक थोड़ा निराश करने वाली है कि तूतेनख़ामेन के मकबरे के पीछे कुछ नहीं मिला, लेकिन दूसरी तरफ मुझे ये भी लगता है कि ये एक अच्छा विज्ञान है।"
 
 
कौन था तूतेनख़ामेन?
प्राचीन मिस्र के 18वें राजवंश के 11वें राजा थे। उनकी शोहरत इस बात को लेकर भी ज़्यादा है क्योंकि तूतेनख़ामेन की कब्र लगभग सही सलामत अवस्था में मिली थी। साल 1922 में ब्रिटिश पुरातत्वविद होवार्ड कार्टर ने तूतेनख़ामेन के मकबरे की खोज की थी।
 
तूतेनख़ामेन की जो ममी मिली थी उससे पता चला की मौत के समय उनकी उम्र महज़ 17 साल थी। आठ या नौ साल की उम्र में उन्हें राजा की गद्दी मिल गई थी। तूतेनख़ामेन की मौत को लेकर अलग-अलग किस्से हैं। कोई कहता है कि उनकी हत्या की गई, तो कोई कहता है कि शिकार के दौरान घायल होने के बाद उनकी मौत हुई थी।
 
 
तूतेनख़ामेन का रहस्यमयी मकबरा
जब तूतेनख़ामेन की क़ब्र को खोदने का काम चल रहा था, उस दौरान इस मिशन से जुड़े कई लोगों की मौत की ख़बर आई थी। पुरातत्वविद होवार्ड का ये मिशन 1922 के दौरान चल रहा था। इसे 'वैली ऑफ़ किंग्स' की खोज कहा गया था। जब कई लोगों की संदिग्ध मौत के बाद इस मिशन में पैसे लगाने वाले ब्रिटिश रईस लॉर्ड कार्नारवॉन की भी मच्छर काटने से मौत हो गई, तो इसे फराओ तूतनख़ामेन के श्राप का नतीजा बताया गया।

हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
Share this Story:

वेबदुनिया पर पढ़ें

समाचार बॉलीवुड ज्योतिष लाइफ स्‍टाइल धर्म-संसार महाभारत के किस्से रामायण की कहानियां रोचक और रोमांचक

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

रचनात्मकता की ओर भारत-चीन संबंध