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क्या है दुनिया का सबसे सेहतमंद खाना?

हमें फॉलो करें क्या है दुनिया का सबसे सेहतमंद खाना?
, गुरुवार, 22 फ़रवरी 2018 (11:15 IST)
बुज़ुर्ग कहते हैं नहाए के बाल और खाए के गाल अलग नज़र आ जाते हैं। कहने को ये बहुत साधारण सी बात है लेकिन इसके मायने बहुत गहरे हैं। जैसा आपका खान-पान होता है चेहरे पर चमक भी वैसी ही होती है।
 
हमारी सेहत एक तरह का इनवेस्टमेंट है। जैसा निवेश करेंगे रिटर्न भी वैसा ही मिलेगा। यानी जितना अच्छा खाना खाएंगे, सेहत उतनी ही अच्छी रहेगी। अच्छे खाने से मतलब संतुलित आहार से है। यानी आपके खाने में वो तमाम ज़रूरी पोषक तत्व होना लाज़मी हैं, जिसकी आपके शरीर को ज़रूरत है।
 
अफ़सोस की बात है कि ज़्यादातर लोग चटर-पटर, तला-भुना तो ख़ूब खाते हैं। पर संतुलित आहार नहीं लेते। इसकी भी कई वजह हैं। पहली वजह तो यही है कि हम हर समय दौड़ते-भागते रहते हैं। हमारे पास हरेक काम करने का समय होता है। लेकिन, सुकून से खाना खाने का टाइम बिल्कुल नहीं होता। लिहाज़ा जो मिलता है, आनन-फानन में वही खा कर सिर्फ़ पेट भर लेते हैं। कई लोगों को ये पता ही नहीं होता कि उन्हें कौन सी चीज़ खाने से कौन सा पोषक तत्व मिल सकता है।
 
हम सभी ख़ुद को कैसे तंदुरुस्त और सेहतमंद रखें, इसके लिए कई तरह की रिसर्च की जा रही हैं। वैज्ञानिकों ने ऐसी सौ चीज़ों की लिस्ट बनाई है, जिन्हें खान-पान का हिस्सा बनाकर हम अपने शरीर को सभी ज़रूरी पोषक तत्व दे सकते हैं। चलिए इनमें से कुछेक से आपको रूबरू कराते हैं। ये आपकी जेब पर बोझ भी नहीं बनेंगे और आसानी से मिल भी जाएंगे।
 
बादाम प्रोटीन का अच्छा सोर्स है। इसमें अच्छी तादाद में मोनो- अनसेचुरेटेड फैट होता है, जो दिल की बीमारियों से लड़ने की ताक़त देता है। रोज़ पांच से सात बादाम खाना सेहत के लिए फायदेमंद है। 100 ग्राम बादाम में 597 किलो कैलोरी होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार इसका पोषक स्कोर है 97।
 
बादाम के साथ साथ किशमिश भी सेहत के लिए फ़ायदेमंद है। ये तीन रंगों में आती है लाल, हल्के हरे रंग की और काले रंग की। इसका पोषक स्कोर है 51।
 
अगर आप मांसाहारी हैं तो सी-फूड आपके लिए बेहतरीन है। रेड स्नाइपर नाम की मछली में खास तरह के पोषक तत्व होते है, जो सेहत के लिए बहुत फ़ायदेमंद हैं। लेकिन इसे खाते वक्त सावधानी की जरूरत है क्योंकि इसमें ख़तरनाक टॉक्सिन भी होते हैं। अगर इसे अच्छी तरह साफ नहीं किया गया तो, रेड स्नाइपर फ़ायदे की जगह नुक़सान भी कर सकती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक़ इसका पोषक स्कोर है 69।
 
साइट्रस फल यानी नींबू और इसके ख़ानदान के दूसरे भाई-बंधु, जैसे नारंगी, कीनू, माल्टा और नारंगी। साइट्रस फल हमेशा सेहत के लिए अच्छे होते हैं। इनमें विटामिन सी ख़ूब होता है। इससे हमारी स्किन चमकदार बनती है। इसे हमारी खाना पचाने की कुव्वत भी बेहत होती है।
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जिन्हें एसिडिटी की शिकायत रहती है उनके लिए तो साइट्रस फ्रूट रामबाण हैं। इनमें संतरा सबसे ऊपर है। ये दुनिया में लगभग सभी देशों में पैदा होता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक इसका पोषक स्कोर है 51। अगर आप चाहते हैं कि आपकी त्वचा चमकी दमकती रहे तो संतरे रोज़ खाएं।
 
अनार में काफी मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं। इसमें आयरन भी ख़ूब होता है। रोज़ाना एक अनार खाने से हीमोग्लोबिन की कमी नहीं रहती।
 
मौसम बदल रहा है। गर्मी आने वाली है। इस मौसम में शरीर को सबसे ज़्यादा पानी की ज़रूरत होती है। लिहाज़ा ऐसे फल और सब्ज़ियां खानी चाहिए, जिनमें पानी ख़ूब हो। खीरा, तरबूज़, और ख़रबूज़ ऐसे ही फल हैं।
 
भारत में तो ख़रबूज़ा ख़ूब पैदा होता है। इसमें पानी के साथ फ़ाइबर भी ख़ूब होता है। ये आंतों के लिए फ़ायदेमंद है। इससे कब्ज़ की शिकायत नहीं रहती। 100 ग्राम ख़रबूज़े में 34 किलो कैलोरी होती है। इसका पोषक स्कोर है 50।
 
सिंघाड़े में भी पानी बहुत होता है। इसे खाने से भूख पर क़ाबू पाना आसान हो जाता है। कच्चा सिंघाड़ा ये सब्ज़ी माना जाता है। इसे कई तरह से खाया जा सकता है। इसे सुखाकर इसका आटा बनाया जाता है।
 
हिंदू धर्म के कई व्रतों में सिर्फ सिंघाड़े और उसके आटे से बनी चीज़ें ही इस्तेमाल होती हैं। ये शरीर में पानी के स्तर को बनाए रखने में मददगार होता है। 100 ग्राम सिंघाड़े में 97 किलो कैलोरी होती है। इसका पोषक स्कोर है 50।
 
गोभी और ब्रॉक्कली भी सेहत के लिए काफ़ी फ़ादेमंद हैं। गोभी भारत में खूब पैदा होती है और ब्रॉक्कली विदेशी सब्ज़ी है। ये देखने में बिल्कुल गोभी जैसी लगती है। लेकिन इसका रंग गहरा हरा होता है। कहा जाता है कि ब्रॉक्कली में बहुत छोटे छोटे कीड़े छिपे रहते हैं। इसलिए इसे बहुत अच्छे से साफ़ करने की ज़रूरत होती है। एक रिसर्च के मुताबिक़ पिछले 50 सालों में अमेरिका में ब्रॉक्कली की मांग पांच गुना बढ़ गई है।
 
गाजर तो सेहत के लिए रामबाण कही ही जाती है। सर्दी में बहुत कम दाम में ये सभी जगह मिल भी जाती है। इसकी ख़ूबी है कि इसे कच्चा भी खाया जा सकता है और सब्ज़ी या कुछ और बनाकर भी है।
 
गाजर के बारे में कहा जाता है कि ये अब से ग्यारह सौ साल पहले सबसे पहले अफ़गानिस्तान में पैदा की गई थी। उसके बाद दुनिया के दूसरे हिस्सों में इसकी खेती शुरू हुई। 1500 ईस्वी में यूरोप के लोगों ने संतरी रंग की गाजर पैदा करनी शुरू की। कई देशों में तो बैंगनी रंग की गाजर भी पैदा की जाती है। गाजर में फ़ाइबर, विटामिन ए और आयरन काफी मात्रा में होता है। ये खून साफ़ रखने में भी मददगार होती है।
 
फली वाली सब्ज़ियां कोलेस्ट्रॉल की समस्या दूर करने में सहायक होती हैं। फलियां कई तरह की आती हैं। सेम की फली, लोबिया की फली, या फिर फ्रेंच बीन्स। सभी शरीर में जमे कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार होती हैं।
 
हमारे किचन में ख़ूब इस्तेमाल होने वाली अदरख को जड़ी कहें, तो ज़्यादा बेहतर होगा। ये मसाले की तरह इस्तेमाल होती। इसके चटनी-अचार भी बनते हैं। अदरक में काफी मात्रा में एंटी ऑक्सिडेंट होते हैं। ये शरीर के लिए बहुत फ़ायदेमंद हैं। अदरक का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाओं में भी होता है। गला ख़राब होने या नज़ला होने पर इसका इस्तेमाल फ़ायदेमंद है। अदरक शरीर से बादी घटाने में भी मददगार है। इसके इस्तेमाल से पाचन क्षमता बेहतर होती है।
 
अंजीर प्राचीन फलों में से एक है। इसे सुखा कर मेवे के तौर पर खाया जाता है। साथ ही कच्ची और ताज़ा अंजीर को फल के तौर पर खाया जा सकता है। इसमें काफी मात्रा में मैंगनीज़ नाम का तत्व मिलता है। ये पाचन तंत्र सेहतमंद रखने में मददगार होते हैं। अंजीर को अगर कच्चा खाया जाए तो ज़्यादा फायदा देती है।
 
खाना कम ही खाएं, पर संतुलित खाएं। भारतीय लोगों में, खासकर महिलाओं में आयरन की बहुत कमी है। लिहाज़ा उन्हें ऐसी चीज़ें खानी चाहिए, जिसमें आयरन की मात्रा ज़्यादा हो। साथ ही एक बात का ख्याल और रखें जो भी खाएं साफ़ और ताज़ा खाएं। क्योंकि अच्छी सेहत ही आपकी पूंजी है।

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