Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

रामलला के दर्शन के लिए गई काशी की मुस्लिम महिलाएं, अयोध्या से लेकर आएंगी रामज्योति

हमें फॉलो करें ram jyoti yatra
webdunia

हिमा अग्रवाल

, रविवार, 7 जनवरी 2024 (07:36 IST)
  • काशी से रामलला दर्शन के लिए निकली मुस्लिम महिलाएं
  • अयोध्या से रामज्योति लेकर काशी आएंगी
  • 22 जनवरी को दीपक जलाकर करेंगी प्राण प्रतिष्ठा का पूजन
Ayodhya Ram Mandir news : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने में कुछ दिन शेष रह गए। पूरे देश में उत्साह है कि रामलला अपनी जन्मभूमि पर बने मंदिर में विराजमान होंगे। श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा से पहले वाराणसी की मुस्लिम महिलाएं अयोध्या से रामज्योति लेने के लिए कूच कर गई है। मुस्लिम महिलाओं ने बाकायदा भगवा वस्त्र धारण किये और अयोध्या रामलला दर्शन के लिए राह पकड़ ली।
 
रविवार को यह मुस्लिम रामभक्त अयोध्या से रामज्योति लेकर काशी आएंगी। इस शुभ कार्य के लिए गैर समुदाय की बहनों को पातालपुरी मठ के महंत बाबा बालकदास ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया है। यह बहनें हनुमान गढ़ी में बजरंग बली हनुमान जी के भी दर्शन करके पुण्य लाभ पायेगी।  मुस्लिम महिलाओं का रामज्योति के साथ जौनपुर, अंबेडकर नगर में स्वागत किया जायेगा।
 
काशी में रामज्योति के साथ मुस्लिम बहनें 22 जनवरी को दीपक जलाकर प्राण प्रतिष्ठा का पूजन करते हुए भगवान राम से आशीर्वाद लेंगी।
 
रामपंथ की अनुयायी मुस्लिम महिला फाउण्डेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी और विशाल भारत संस्थान की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ. नजमा परवीन लगभग डेढ़ दशक से राम भक्ति में लीन है, यह सामाजिक कार्यकर्ता और रामसेतु अभियान से जुड़ी है। इनका मानना है कि राम सबके है, इसलिए रामसेतु अभियान के माध्यम से हिन्दू-मुस्लिम समाज को आपस में जोड़ा जा सकता है।
 
नजमा और नाजनीन का मानना है कि राम हमारे पूर्वज है, वह भारतीय संस्कृति का हिस्सा है, आपसी मतभेदों की आंधी ने हमारे पूर्वजों के चेहरे को ढक दिया था। अब राम मंदिर बन गया, उसमें श्रीराम विराजित होने जा रहे हैं, जो हमारे लिए गर्व की बात है। 
 
अयोध्या रामज्योति ले गई मुस्लिम महिलाओं में नाजनीन अंसारी, नजमा परवीन, रोजा, अफरोज और ताजीम शामिल हैं।
 
नाजनीन 17 वर्षों से राम की पूजा करती है, वह 2014 में अयोध्या हनुमान गढ़ी गई, वहां उन्होंने देखा कि भगवान राम टेंट में है, वह बहुत दुखी हुई और ठान ली कि वह हर संभव कोशिश करेंगी राम मंदिर बने। इसके लिए उन्होंने मुस्लिम समाज की बहनों को जोड़ चंदा भी इकट्ठा किया। अब यह मुस्लिम महिलाएं बहुत खुश है कि नफरत की दीवार टूटने वाली है, उन्होंने अपने समाज से अपील भी की है कि वह रामजन्मभूमि पर बने राम मंदिर प्रतिष्ठा उत्सव का हिस्सा बने।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Bilkis Bano Case : सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनाएगा फैसला, गैंगरेप दोषियों की रिहाई का मामला