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पितृ दोष का निवारण कर दिलाते हैं उन्नति श्री दत्तात्रेय भगवान के ये चमत्कारिक मंत्र

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पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति का जीवन अत्यंत कष्टमय हो जाता है। अत: जिन मनुष्यों को पितृ दोष का अनुभव हो रहा हो या घर में निरंतर कोई न परेशानी बनी रहती हो तो उन्हें प्रतिदिन श्री दत्तात्रेय भगवान के नाम का जाप करना चाहिए। इतना ही नहीं दत्त भगवान के दर्शन करने से भी जीवन में सबकुछ अच्छा घटित होने लगता है। 
 
वैसे तो हमेशा ही दत्त भगवान का स्मरण हर मनुष्य करना चाहिए। विशेष कर अमावस्या और पूर्णिमा के दिनों तो दत्त नाम की माला अवश्‍य जपना चाहिए।

खास कर साल भर की सभी पूर्णिमा के अलावा 'मार्गशीर्ष पूर्णिमा' यानी श्री दत्तात्रेय भगवान की जयंती के दिन उनके दो पवित्र महाशक्तिशाली मंत्र 'श्री दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगंबरा' तथा 'श्री गुरुदेव दत्त' का नाम की माला फेरने से या निरंतर इन नामों का जाप करने से पितृ दोष दूर होकर जीवन की सभी परेशानियां समाप्त हो जाती है तथा उन्नति के नए मार्ग खुलते हैं। इसके साथ निम्न अन्य दत्त मंत्रों का जाप जीवन में बहुत ही लाभदायी और चमत्कारिक माने गए हैं। आइए पढ़ें... 
 
* भगवान दत्तात्रेय के चमत्कारिक मंत्र -
 
मंत्र- ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नम:
 
*  दत्त गायत्री मंत्र -  
 
मंत्र- ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दत्त: प्रचोदयात
 
मंत्र- ॐ द्रां दत्तात्रेयाय स्वाहा।
 
उपरोक्त इन मंत्रों का जाप स्फटिक की माला से नित्य 108 बार करना चाहिए। 
 
* मानसिक रूप से जाप करने का मंत्र -  
 
मंत्र- ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां ॐ द्रां। 
 
इसके बाद नित्य ‍10 माला का जाप निम्न मंत्र से करना चाहिए। 
 
अत: अमावस्या, गुरुवार, पूर्णिमा अथवा दत्तात्रेय जयंती के दिन निम्न मंत्रों का उच्चारण करने से मनुष्य के जीवन के समस्त कष्ट जल्दी ही दूर हो जाते हैं।


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