Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कुंडली में लग्न का मतलब जानते हैं आप ! जानिए कितना महत्वपूर्ण है यह?

हमें फॉलो करें कुंडली में लग्न का मतलब जानते हैं आप ! जानिए कितना महत्वपूर्ण है यह?
webdunia

प्रीति सोनी

जब भी आप ज्योतिष की बात करते हैं या किसी ज्योतिष के पास जाते हैं, आपको एक शब्द जरूर सुनने को मिलता है, लग्न, लग्न पत्रिका या लग्नस्थ ग्रह आदि। क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर क्या है यह लग्न और ज्योतिष में इसका क्या और कितना महत्व है...  
 
दरअसल जन्मपत्रिका का प्रथम भाव लग्न कहलाता है, जो आपके व्यक्तित्व एवं स्वभाव को दर्शाता है। लग्न आप स्वयं हैं क्योंकि जन्मपत्रि‍का के अनुसार लग्न से ही आपके स्वभाव, आकार-प्रकार, शारीरिक सौष्ठव यानि कद काठी और व्यक्तित्व का अंदाजा लगाया जा सकता है। 
 
आप स्वभाव से क्रोधी हैं, प्रेमी हैं, दंभी हैं, विनोदी हैं, अनुशासनप्रिय हैं, संवेदनशील हैं या फिर धार्मिक एवं दयालु हैं, चंचल प्रकृति के हैं या फिर गंभीर, आपकी दिलचस्पी किन विषयों में हो सकती है, यह आपकी पत्रिका के लग्न भाव से समझा जाता है। इसके अलावा आपका कद ऊंचा है या छोटा, आपका शरीर या डील-डौल कैसा होगा, मुखमंडल यानि चेहर की अभा कैसी हो सकती है इसका अंदाजा जन्मपत्रिका के प्रथम भाव यानि लग्न से लगाया जाता है। 
 
इसके अलावा लग्न से जुड़े अन्य भाव एवं ग्रहों का विचार करके आपसे जुड़े अन्य विषयों को जाना और समझा जा सकता है। अत: लग्न भाव या प्रथम भा, जन्मकुंडली का सबसे महत्वपूर्ण भाव होता है। यह कुंडली का केंद्र और त्रिकोण दोनों को अपने आप में समाहित किए हुए है, इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।  

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

क्यों धुंधकारी बन गया एक प्रेत, पढ़िए पौराणिक कथा