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फाल्गुन माह का पाक्षिक-पंचांग : 27 फरवरी को रामदास नवमी, 4 मार्च को महाशिवरात्रि

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पं. हेमन्त रिछारिया

'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक-पंचाग' श्रंखला में प्रस्तुत है फाल्गुन कृष्ण पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
 
फाल्गुन कृष्ण पक्ष का पाक्षिक पंचांग
 
संवत्सर- विरोधकृत
संवत्- 2075 शक संवत् :1940
माह- फाल्गुन
पक्ष- कृष्ण पक्ष (20 फरवरी से 6 मार्च तक)
ऋतु: वसंत
रवि: उत्तरायणे
गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप 
सर्वार्थ सिद्धि योग- 23 फरवरी, 25 फरवरी, 3 मार्च, 4 मार्च
अमृतसिद्धि योग- अनुपस्थित
द्विपुष्कर योग- अनुपस्थित  
त्रिपुष्कर योग- 2 मार्च
रविपुष्य योग- अनुपस्थित
गुरुपुष्य योग- अनुपस्थित 
एकादशी- 2 मार्च (विजया एकादशी व्रत)
प्रदोष- 3 मार्च
भद्रा- 21 फरवरी (उदय)- 22 फरवरी (अस्त), 24 फरवरी (उदय)- 25 फरवरी (अस्त), 28 फरवरी (उदय)-1 मार्च (अस्त), 4 मार्च- (उदय-अस्त)
पंचक: 4 मार्च से प्रारंभ- 9 मार्च को अस्त
मूल- 26 फरवरी से प्रारंभ- 28 फरवरी को समाप्त
अमावस्या- 6 मार्च
ग्रहाचार: सूर्य- कुंभ, चंद्र- (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-मेष, बुध-कुंभ (28 फरवरी से मीन राशि में), गुरु-वृश्चिक, शुक्र-धनु (24 फरवरी से मकर राशि में), शनि-धनु, राहु-कर्क (6 मार्च/मतांतर से 24 मार्च से मिथुन राशि में), केतु-मकर (6 मार्च/ मतांतर से 24 मार्च से धनु राशि में)
व्रत/त्योहार: 22 फरवरी-गणेश चतुर्थी व्रत (चंद्रोदय रात्रि 9 बजकर 39 मि.), 26 फरवरी- सीताष्टमी, 27 फरवरी- श्री समर्थ रामदास नवमी, 4 मार्च- महाशिवरात्रि
 
(विशेष-उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
 
- ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र

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